NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 10 Law and Social Justice (Hindi Medium)

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 10 Law and Social Justice (Hindi Medium)

 

पाठगत प्रश्न

प्रश्न 1.
न्यूनतम वेतन के लिए कानून की जरूरत क्यों पड़ती है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-121]
उत्तर
न्यूनतम वेतन के लिए कानून की आवश्यकता होती है, क्योंकि निजी कंपनियाँ ठेकेदार या व्यवसायी अधिक से अधिक लाभ कमाना चाहते हैं और वे मजदूरों को उतना वेतन नहीं देते हैं जितना कि उन्होंने परिश्रम किया है। कानून यह सुनिश्चित करता है कि उन्हें न्यूनतम वेतन कितना दिया जाए और उनके परिश्रम से कम वेतन न मिले।

प्रश्न 2.
पता लगाएँ
(क) आपके राज्य में निर्माण मजदूरों के लिए तय न्यूनतम वेतन क्या है?
(ख) क्या आपको निर्माण मजदूरों के लिए तय न्यूनतम वेतन सही, कम या ज्यादा लगता है? .
(ग) न्यूनतम वेतन कौन तय करता है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-121]
उत्तर
(क) छात्र अपने-अपने राज्यों के अनुसार स्वयं करें।
(ख) छात्र अपने-अपने राज्यों के अनुसार स्वयं करें।
(ग) न्यूनतम वेतन प्रत्येक राज्य की राज्य सरकार तय (निश्चित) करती है।

प्रश्न 3.
आपको ऐसा क्यों लगता है कि किसी फैक्ट्री में सुरक्षा कानूनों को लागू करना बहुत महत्त्वपूर्ण होता [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-127]
उत्तर
किसी फैक्ट्री में सुरक्षा कानूनों को लागू करना बहुत महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि

  1. संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीवन के अधिकार का उल्लंघन न हो।
  2. मजदूरों और अन्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए।
  3. पर्यावरण तथा आम लोगों की सुरक्षा के लिए।

प्रश्न 4.
क्या आप कुछ दूसरी ऐसी स्थितियों का उल्लेख कर सकते हैं जहाँ कानून या नियम तो मौजूद हैं, परंतु उनके क्रियान्वयन में ढिलाई के कारण लोग उनका पालन नहीं करते? (उदाहरण के लिए मोटर गाड़ियों की तेज़ रफ्तार)। कानूनों को लागू करने में क्या समस्याएँ आती हैं? क्या आप क्रियान्वयन में सुधार के लिए कुछ सुझाव दे सकते हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-127]
उत्तर

  1. हाँ, सरकार के पास पर्याप्त संख्या में मोटर गाड़ियों के तेज़ रफ्तार की जाँच करने वाले उपकरण नहीं है।
  2. परिवहन विभाग के कर्मचारियों की उदासीनता भी महत्त्वपूर्ण कारण है।
  3.  परिवहन विभाग में व्याप्त भ्रष्टाचार भी इसके लिए उत्तरदायी है।

सुझाव

  1. मोटर गाड़ियों रफ्तार की जाँच करने के लिए पर्याप्त संख्या में उपकरण उपलब्ध कराए जाएँ।
  2. परिवहन विभाग के कर्मचारियों को अपना उत्तरदायित्व ठीक प्रकार से निभाना चाहिए।
  3. परिवहन विभाग द्वारा भ्रष्ट कर्मचारियों के खिलाफ कठोर कदम उठाने चाहिए।
  4. लोगों को कानून की जानकारी संचार माध्यमों से दी जानी चाहिए।

प्रश्न 5.
‘स्वच्छ वातावरण एक जनसुविधा है’, क्या आप इस बयान की व्याख्या कर सकते हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-128]
उत्तर
जनसुविधाएँ कुछ मूलभूत सुविधाएँ हैं जो हर व्यक्ति को उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। इसमें स्वच्छ वातावरण भी शामिल है। स्वच्छ वातावरण में स्वच्छ जीवन निवास करता है।

प्रश्न 6.
हमें नए कानूनों की जरूरत क्यों है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-128]
उत्तर
संविधान के अनुच्छेद 21 के जीवन के अधिकार में प्रदूषण मुक्त हवा और पानी भी शामिल है। अतः प्रदूषण पर अंकुश लगाने, नदियों को साफ रखने और दोषियों पर जुर्माना लगाने के लिए नए कानूनों की जरूरत है।

प्रश्न 7.
कंपनियाँ और ठेकेदार पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन कैसे कर पाते हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-128]
उत्तर
कंपनियाँ और ठेकेदार पर्यावरण कानूनों का उल्लंघन कर पाते हैं, क्योंकि

  1. पर्यावरण की सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों को ईमानदारी से लागू नहीं किया जा रहा है।
  2. सरकारी अधिकारी रिश्वत लेकर कंपनियों व ठेकेदारों को मनमानी करने की छूट दे देते हैं।
  3. यदि कंपनियाँ या ठेकेदार कानून तोड़ते पाए जाते हैं तो उनके खिलाफ उचित कार्यवाही नहीं की जाती है।

तालिका अध्ययन

प्रश्न 1.
तालिका-1 (एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-122)
तालिका संख्या 1 में विभिन्न पक्षों की सुरक्षा से संबंधित कुछ महत्त्वपूर्ण कानून दिए गए हैं। उसमें में दिए गए कॉलम (2) और (3) में बताया गया है कि ये कानून क्यों और किसके लिए ज़रूरी हैं। कक्षा में चर्चा के आधार पर इस तालिका के खाली खानों को भरें।
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 10 (Hindi Medium) 1
उत्तर
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 10 (Hindi Medium) 2

स्त्रोत अध्ययन

जनसुविधा के रूप में पर्यावरण
हाल के वर्षों में न्यायालयों ने पर्यावरण से जुड़े मुद्दों पर कई कड़े आदेश दिए हैं। ऐसे कई आदेशों से लोगों
की रोजी-रोटी पर भी बुरा असर पड़ा है। मिसाल के तौर पर, अदालत ने आदेश दिया कि दिल्ली के रिहायशी इलाकों में काम करने वाले उद्योगों को बंद कर दिया जाए या उन्हें शहर से बाहर दूसरे इलाकों में भेज दिया जाए। इनमें से कई कारखाने आसपास के वातावरण को प्रदूषित कर रहे थे। इन कारखानों की गंदगी से यमुना नदी भी प्रदूषित हो रही थी, क्योंकि इन कारखानों को नियमों के हिसाब से नहीं चलाया जा रहा था। अदालत की कार्रवाई से एक समस्या तो हल हो गई, लेकिन एक नई समस्या पैदा भी हो गईं कारखानों के बंद हो जाने से बहुत सारे मज़दूरों के रोजगार खत्म हो गए। बहुतों को दूर-दराज के इलाकों में जाना पड़ा। जहाँ उन कारखानों को दोबारा चालू किया गया था। अब प्रदूषण की समस्या इन नए इलाकों में पैदा हो रही है ये इलाके प्रदूषित होने लगे हैं। मजदूरों की सुरक्षा संबंधी स्थितियों का मुद्दा अभी भी वैसा का वैसा है। भारत में पर्यावरणीय मुद्दों पर हुए ताज़ा अनुसंधानों से यह बात सामने आई है कि मध्य वर्ग के लोग पर्यावरण की चिंता तो करने लगे हैं, लेकिन वे अक्सर गरीबों की पीड़ा को ध्यान में नहीं रखते। इसलिए उनमें से बहुतों को यह तो समझ में आता है कि शहर को सुंदर बनाने के वास्ते बस्तियों को हटाना चाहिए या प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को शहर के बाहर ले जाना चाहिए, लेकिन यह समझ में नहीं आता कि इससे बहुत सारे लोगों की रोजी-रोटी भी खतरे में पड़ सकती है। जहाँ एक तरफ स्वच्छ पर्यावरण के बारे में जागरूकता बढ़ रही है वहीं दूसरी तरफ मजदूरों की सुरक्षा के बारे में लोग ज्यादा चिंता नहीं जता रहे हैं। अब चुनौती ऐसे समाधान ढूंढने की है, जिनमें स्वच्छ वातावरण का लाभ सभी को मिल सके। इसका एक तरीका यह है कि हम कारखानों में ज्यादा स्वच्छ तकनीकों और प्रक्रियाओं को अपनाने पर जोर दें। इसके लिए सरकार को भी चाहिए कि वह कारखानों को प्रोत्साहन और मदद दे। उसे प्रदूषण फैलाने वालों पर जुर्माना करना होगा। इस तरह मजदूरों के रोजगार भी बच जाएँगे और समुदायों व मजदूरों को सुरक्षित पर्यावरण का अधिकार भी मिल जाएगा।

प्रश्न 1.
क्या आपको लगता है कि ऊपर उद्धत मामले में सभी पक्षों को न्याय मिला है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-129]
उत्तर
नहीं, सभी पक्षों को न्याय नहीं मिला। फैक्ट्री मजदूरों और झुग्गी-झोंपड़ी में रहने वालों के साथ अन्याय हुआ है।

प्रश्न 2.
क्या आपको पर्यावरण की रक्षा के और तरीके दिखाई देते हैं? कक्षा में चर्चा करें। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-129]
उत्तर
पर्यावरण की रक्षा के लिए तरीके –

  1. पर्यावरण सुरक्षा के लिए बनाए गए कानूनों को सख्ती से लागू किया जाना चाहिए।
  2. अत्यधिक निर्माण कार्य पर रोक लगाई जानी चाहिए।
  3. जल शोधक संयंत्र स्थापित किए जाने चाहिए।
  4. कूड़ा-करकट व अपशिष्ट पदार्थों को नदियों या खुले स्थान में नहीं फेंकना चाहिए।

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
दो मजदूरों से बात करके पता लगाएँ कि उन्हें कानून द्वारा तय किया गया न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं। इसके लिए आप निर्माण मजदूरों, खेत मज़दूरों, फैक्ट्री मज़दूरों या किसी दुकान पर काम करने वाले मजदूरों से बात कर सकते हैं।
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 2.
विदेशी कंपनियों को भारत में अपने कारखाने खोलने से क्या फ़ायदा है?
उत्तर
विदेशी कंपनियों को फायदा-

  1. भारत में सस्ता श्रम मिलता है।
  2. भारत में सस्ती दरों पर भूमि उपलब्ध होती है।
  3. भारत में विशाल बाज़ार उपलब्ध होता है।
  4. भारत में उदार और अनुकूल सरकारी नीतियों का फायदा मिलता है जिससे उनका लाभ बढ़ता है।
  5. सुरक्षा नियमों का पूरा पालन करने पर कम खर्च आता है।

प्रश्न 3.
क्या आपको लगता है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों को सामाजिक न्याय मिला है? चर्चा करें।
उत्तर
भोपाल गैस त्रासदी से पीड़ितों को सामाजिक न्याय नहीं मिला है क्योंकि

  1. पीड़ितों को घटना के 24 साल बाद भी न्याय के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।
  2. वे पीने के साफ पानी, स्वास्थ्य सुविधाओं और यूनियन कार्बाइड के जहर से ग्रस्त लोगों के लिए नौकरियों व उचित मुआवजे की माँग कर रहे हैं।
  3. वे यूनियन कार्बाइड के चेयरमैन एंडरसन को सजा दिलाने के लिए भी आंदोलन चला रहे हैं।

प्रश्न 4.
जब हम कानूनों को लागू करने की बात करते हैं तो इसका क्या मतलब होता है? कानूनों को लागू करने की जिम्मेदारी किसकी है? कानूनों को लागू करना इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर
कानून को लागू करने का मतलब-
कानून को लागू करने का मतलब है कि कानून केवल बनाए ही न जाएँ, बल्कि उनको व्यवहार में भी लाना जरूरी है।
कानून लागू करने की जिम्मेदारी-
कानून बनाने का काम विधायिका करती है और कानूनों को लागू करने का काम कार्यपालिका यानि सरकार का होता है।
कानून को व्यवहार में लाना क्यों जरूरी

  1. कानूनों को जब तक लागू नहीं किया जाता तब तक बनाए गए कानूनों का कोई महत्त्व नहीं।
  2. जब कोई कानून ताकतवर लोगों से कमजोर लोगों की रक्षा के लिए बनाया जाता है तो उसको लागू करना और भी महत्त्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि कानून के लागू होने से उनके हितों की रक्षा होगी।
  3. कानून लागू करके ही सरकार व्यक्तियों या निजी कंपनियों की गतिविधियों को नियंत्रित कर सकती है ताकि सामाजिक न्याय सुनिश्चित किया जा सकें।

प्रश्न 5.
कानून के जरिए बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए किस तरह प्रेरित किया जा सकता है? अपने जवाब के साथ दो उदाहरण दें।
उत्तर
कानूनों के माध्यम से निम्नलिखित प्रकार से बाजारों को सही ढंग से काम करने के लिए प्रेरित किया जा सकता है-

  1. चीजों की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुरूप होनी चाहिए यह बताने के लिए कानून बनाया गया है। उदाहरण के लिए विद्युत उपकरण सुरक्षा मानकों के अनुरूप होने चाहिए।
  2. कीमतों को नियंत्रण में रखने वाले कानून आवश्यक वस्तुओं की कीमतों; जैसे- चीनी, दाल, तेल, अनाज आदि को नियंत्रण में रखता है।

प्रश्न 6.
मान लीजिए कि आप एक रासायनिक फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूर हैं। सरकार ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह वर्तमान जगह से 100 किलोमीटर दूर किसी दूसरे स्थान पर अपना कारखाना चलाए। इससे आपकी जिंदगी पर क्या असर पड़ेगा? अपनी राय पूरी कक्षा के सामने पढ़कर सुनाएँ।
उत्तर
एक मजदूर की जिंदगी पर पड़ने वाले प्रभाव-

  1. नए स्थान पर रहने की व्यवस्था करनी पड़ेगी। नई जगह पर जाकर बसने में दिक्कतें आएँगी और आर्थिक बोझ भी बढ़ेगा।
  2. बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित होगी क्योंकि नई जगह पर शिक्षा की सुविधा किस प्रकार की है यह बात महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
  3. नए स्थान पर उपलब्ध परिवहन सुविधाएँ, स्वास्थ्य सुविधाएँ, बाजार सुविधा कैसी है? यह बात भी मजदूर की जिंदगी को प्रभावित करेगी।

प्रश्न 7.
इस इकाई में आपने सरकार की विभिन्न भूमिकाओं के बारे में पढ़ा है। इनके बारे में एक अनुच्छेद लिखें।
उत्तर
सरकार की विभिन्न भूमिकाएँ-

  1. प्रत्येक व्यक्ति को विभिन्न जनसुविधाएँ; जैसे-पानी, स्वास्थ्य, स्वच्छता, बिजली, परिवहन तथा विद्यालय आदि उपलब्ध कराना।
  2. सरकार बजट पेश करती है। सरकार बजट में वर्ष के आय तथा व्यय और आने वाले वर्ष की योजनाओं के लिए पैसे की व्यवस्था कैसे की जाएगी।
  3. सरकार कानून बनाती है तथा इस बात को भी सुनिश्चित करती है कि कानूनों को कैसे लागू किया जाए।
  4. सरकार यह भी सुनिश्चित करती है कि संविधान में वर्णित मौलिक अधिकारों का हनन न हो।

प्रश्न 8.
आपके इलाके में पर्यावरण को दूषित करने वाले स्रोत कौन से हैं?
(क) हवा;
(ख) पानी और
(ग) मिट्टी में प्रदूषण के संबंध में चर्चा करें। प्रदूषण को रोकने के लिए किस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं? क्या आप कोई और उपाय सुझा सकते हैं?
उत्तर
पर्यावरण को दूषित करने वाले स्रोत-

  1. हवा-फैक्ट्रियों और यातायात के साधनों से निकलने वाला धुआँ।
  2. पानी-गंदे नालों का पानी, सीवर का पानी, कारखानों का गंदा पानी आदि।
  3. मिट्टी-फैक्ट्रियों को दूषित जल व कचरा, घरों का गंदा पानी व कूड़ा-कचरा आदि।

प्रदूषण रोकने हेतु उठाए गए कदम-

  1. सरकार ने सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए कानून बनाए हैं।
  2. गंदे पानी को साफ करने के लिए जल शोधक संयंत्र स्थापित किए गए हैं।
  3. उद्योगों व फैक्ट्रियों को रिहायशी इलाकों से दूर स्थापित किए गए हैं।
  4. प्लास्टिक की थैलियों के प्रयोग पर रोक लगा दी गयी है।

अन्य उपाय-

  1. अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएँ।
  2. लोगों को प्रदूषण रोकने के लिए जागरूक करना।
  3. निजी वाहनों को सी.एन.जी. के प्रयोग के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
  4. कूड़ा-करकट व अपशिष्ट के निपटान के लिए व्यवस्था की गयी है।

प्रश्न 9:
पहले पर्यावरण को किस तरह देखा जाता था? क्या अब सोच में कोई बदलाव आया है? चर्चा करें।
उत्तर 
पहले पर्यावरण के प्रति सोच-

  1. पर्यावरण को मुफ्त की चीज माना जाता था।
  2. पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता नहीं थी।
  3. पहले पर्यावरण की रक्षा के लिए बहुत कम कानून थे और इन कानूनों को लागू करने की व्यवस्था | भी काफी कमजोर थी।

पर्यावरण के प्रति सोच में बदलाव-

  1. पर्यावरण के प्रति लोगों की सोच में बदलाव आया है और अब लोग पर्यावरण की चिंता करने लगे हैं।
  2. न्यायालयों ने अपने फैसलों में स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार को जीवन के मौलिक अधिकार का हिस्सा माना है।
  3. सरकार ने भी सभी प्रकार के प्रदूषण को रोकने के लिए कानून बनाए हैं।

प्रश्न 10.
प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण इस कार्टून के जरिए क्या कहना चाह रहे हैं? इसका 2006 में बनाए गए इस कानून से क्या संबंध है जिसको पृष्ठ 123 पर आपने पढ़ा था।
उत्तर
2006 में बनाए गए कानून से संबंध-

  1. प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट आर. के. लक्ष्मण इस
    कार्टून के माध्यम से बताना चाहते हैं कि हमारे देश में बाल मजदूरी अभी भी जारी
  2. इस सामाजिक कुरीति में गरीब वर्ग अमीर वर्ग द्वारा शोषित होता है।
  3. 2006 में सरकार ने 14 साल से कम उम्र के बच्चों को घर, ढाबों या रेस्तराँ आदि में नौकरी पर रखने की प्रथा पर पाबंदी लगा दी थी।

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 9 Public Facilities (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 1
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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 3
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प्रश्न 1.
आपने ऊपर उल्लिखित चार स्थितियों को देखा है। अब बताइए कि चेन्नई में पानी की स्थिति कैसी [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-108]
उत्तर
चेन्नई में पानी की स्थिति

  1. चेन्नई में पानी की स्थिति अच्छी नहीं है।
  2. अन्नानगर में पानी नियमित रूप से आता है जबकि मैलापुर, मडीपाक्कम और सैदापेट क्षेत्रों में पानी की कमी है।

प्रश्न 2.
उपरोक्त वर्णन में से घरेलू इस्तेमाल के विभिन्न जल स्रोतों को चुनें। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-108]
उत्तर
विभिन्न जल स्रोत

  1. नगरपालिका का जल।
  2. पानी के टैंकर।।
  3. पानी की बोतलें।
  4. बोरवेल का पानी।

प्रश्न 3.
आपकी राय में सुब्रमण्यन और पद्मा के अनुभवों में क्या समानता है और क्या अलग है। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-108]
उत्तर
समानताएँ

  1. सुब्रमण्यन और पद्मा दोनों ही पानी की कमी का सामना करते हैं।
  2. सुब्रमण्यन और पद्मा दोनों की ही पानी की आवश्यकता की पूर्ति बोरवेल द्वारा की जाती है।

भिन्नता-

  1. सुब्रमण्यन के अपार्टमेंट में नगरपालिका दो दिन में एक बार पानी उपलब्ध कराती है, जबकि पद्मा की बस्ती के नल में प्रतिदिन 20 मिनट के लिए पानी आता है।
  2. सुब्रमण्यन के अपार्टमेंट में बोरवेल का पानी खारा होता है इसलिए वे इस पानी का प्रयोग केवल शौचालय और साफ-सफाई के लिए करते हैं, जबकि पद्मा के इलाके में पानी की कमी होने के कारण लोग बोरवेल के पानी से नहाने, धोने और पीने के लिए प्रयोग करते हैं।

प्रश्न 4.
अपने इलाके में जलपूर्ति की स्थिति का वर्णन करते हुए एक अनुच्छेद लिखें। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-108]
उत्तर
विद्यार्थी स्वयं करें।

प्रश्न 5.
देश के ज्यादातर स्थानों पर गर्मियों में पानी बूंद-बूंद क्यों आने लगता है? पता लगाइए। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-108]
उत्तर
गर्मियों के पानी की कमी के कारण

  1. गर्मी होने के कारण अधिकांश नदियाँ सूख जाती है या उनका जलस्तर गिर जाता है।
  2. गर्मियों में पानी का उपयोग अधिक हो जाता है इसलिए नगरपालिका के पानी की सप्लाई कम हो जाती है।
  3. बोरवेल के पानी का उपयोग बढ़ जाता है जिससे भूमिगत पानी का स्तर गिर जाता है।

प्रश्न 6.
क्या चेन्नई में सभी के लिए पानी का संकट है? क्या आप बता सकते हैं कि अलग-अलग लोगों को अलग-अलग मात्रा में पानी क्यों मिलता है? दो कारण बताएँ। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-108]
उत्तर
अलग-अलग लोगों को अलग-अलग पानी मिलने का कारण

  1. लोगों की आर्थिक स्थिति अलग-अलग है। जो लोग आर्थिक रूप से सक्षम है वे बाजार से पानी खरीद सकते हैं, जबकि गरीब आदमी नगरपालिका की पानी की सप्लाई या बोरवेल के पानी पर निर्भर है।
  2. राज्य सरकार ने पानी के सुचारु वितरण के उचित कदम नहीं उठाए हैं।

प्रश्न 7.
जनसुविधाएँ क्या होती हैं? जनसुविधाएँ मुहैया कराने की जिम्मेदारी सरकार पर क्यों होनी चाहिए? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-112]
उत्तर
जनसुविधाएँ-
ये कुछ ऐसी मूलभूत सुविधाएँ हैं जो प्रत्येक व्यक्ति के लिए आवश्यक है; जैसे-पानी, स्वास्थ्य, स्वच्छता, बिजली, परिवहन, विद्यालय और कॉलेज आदि। जनसुविधाएँ सरकारी जिम्मेदारी क्योंसंविधान में जीवन के अधिकार का जो आश्वासन दिया गया है वह देश के सभी नागरिकों को प्राप्त होता है। इसलिए जनसुविधाएँ उपलब्ध करना सरकार की जिम्मेदारी है।

प्रश्न 8.
सरकार कुछ जनसुविधाओं के लिए निजी कंपनियों का भी सहारा ले सकती है। उदाहरण के लिए सड़कें बनाने के लिए ठेके निजी कंपनियों या ठेकेदारों को भी दिए जाते हैं। दिल्ली में बिजली के वितरण का काम दो निजी कंपनियों के हाथ में है। लेकिन सरकार को इन कंपनियों पर कड़ी नजर रखनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे इन सुविधाओं को सस्ती कीमत पर सभी लोगों तक पहुँचाने के लक्ष्य को पूरा करने में कोई कसर न छोड़ें। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-112]
उत्तर
कारण

  1. निजी कंपनियाँ जनसुविधाओं की कीमतें इतनी ऊँची न कर दें कि वे आम आदमी की पहुँच से बाहर न हो जाए। .
  2. आम लोगों को यदि सस्ती कीमतों पर जनसुविधाएँ उपलब्ध नहीं करवाई गई तो वे एक सम्मानजनक जीवन नहीं जी सकेंगे।

प्रश्न 9.
अपने घर के पानी के बिल को देखें और पता लगाएँ कि आपके इलाके में नगरपालिका जल की न्यूनतम कीमत क्या है? अगर आप ज्यादा पानी का इस्तेमाल करते हैं तो क्या उसकी दर भी बढ़ जाती है? पानी के ज्यादा इस्तेमाल पर बढ़ी हुई दर से बिल वसूल करने के पीछे सरकार का क्या उद्देश्य है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-112]
उत्तर

  1. विद्यार्थी अपने अभिभावकों से पानी का बिल माँगे व जल की न्यूनतम कीमत देखें।
  2. सरकार का उद्देश्यः लोग पानी का उपयोग सोच-समझ कर करें। ताकि पानी को व्यर्थ में बर्बाद न करें।

प्रश्न 10.
किसी वेतनभोगी कर्मचारी, अपना व्यवसाय/फैक्टरी चलाने वाले व्यक्ति और एक दुकानदार से बात करके पता लगाएँ कि लोग किस-किस तरह के कर सरकार को चुकाते हैं। अपने नतीजों को कक्षा में शिक्षक को दिखाएँ और चर्चा करें। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-112]
उत्तर
विभिन्न प्रकार के कर|

  1. आयकर
  2. संपत्ति कर
  3. जल कर
  4. विद्युत कर
  5. बिक्री कर

प्रश्न 11.
अगर सरकार जलापूर्ति की जिम्मेदारी से हाथ खींच ले तो क्या होगा? क्या आपको लगता है कि यह सही कदम होगा? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकं पेज-114]
उत्तर
यदि सरकार जल की आपूर्ति न करें तो

  1. यदि जलापूर्ति का कार्य निजी कंपनियों के हाथ में दे दिया जाए तो पानी की कीमतों में तेजी से वृद्धि हो जाएगी।
  2. पानी लोगों की मूलभूत आवश्यकता है और यदि उन्हें इससे वंचित किया गया तो देश में असंतोष फैल जाएगा। पोर्तो एलेग्रे में सार्वजनिक जलापूर्ति पोर्ता एलेग्रे ब्राजील का एक शहर है। इस शहर में बहुत सारे लोग गरीब हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि दुनिया के दूसरे ज्यादातर शहरों के मुकाबले यहाँ शिशु मृत्यु दर बहुत कम है। यहाँ नगर जल विभाग ने सभी लोगों को स्वच्छ पेयजल मुहैया करा दिया है। शिशु मृत्यु दर में गिरावट के पीछे यह सबसे बड़ा कारण है। यहाँ पानी की औसत कीमत कम रखी गई है और गरीबों से केवल आधी कीमत ली जाती है। विभाग को जो भी फ़ायदा होता है उसका इस्तेमाल जलापूर्ति में सुधार के लिए किया जाता है। जल विभाग का काम पारदर्शी ढंग से चलता है। विभाग को कौन सी योजना हाथ में लेनी चाहिए, इस बारे में लोग मिलकर तय करते हैं। जनसभाओं में जनता प्रबंधकों का पक्ष सुनती है और जल विभाग की प्राथमिकताएँ तय करने में वोट के ज़रिए फैसला करती है।

प्रश्न 12.
ऊपर के भाग में आए मुख्य विचारों पर चर्चा करें। जलापूर्ति में सुधार के लिए आपकी राय में क्या किया जा सकता है?
[एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-115]
उत्तर
जलापूर्ति में सुधार के लिए राय

  1. पाइप द्वारा पानी के रिसाव के कारण होने वाली क्षति को कम करना चाहिए।
  2. लोगों में जल संरक्षण के प्रति जागरूकता पैदा करनी चाहिए।
  3. संचार माध्यमों द्वारा जल संरक्षण के विभिन्न तरीकों का प्रचार किया जाना चाहिए।
  4. लोगों में वर्षा जल संग्रहण के प्रति चेतना पैदा करनी चाहिए।

प्रश्न 13.
क्या आपको ऐसा लगता है पानी और बिजली जैसे संसाधनों को बचाना और सार्वजनिक परिवहन साधनों का ज्यादा इस्तेमाल करना बेहतर है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-115)
उत्तर
हाँ क्योंकि

  1. इससे आवश्यकता के समय हमें इनके अभाव का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  2. सार्वजनिक परिवहन साधनों का ज्यादा प्रयोग करना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इससे ईंधन की बचत होगी।
  3. सार्वजनिक परिवहन के अधिक प्रयोग से प्रदूषण कम होगा।

प्रश्न 14.
क्या आपको लगता है कि समुचित स्वच्छता सुविधाओं के अभाव से लोगों का जीवन प्रभावित होता है? कैसे? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-116)
उत्तर
लोगों के जीवन पर प्रभाव

  1. इससे कई जलजनित बीमारियाँ फैलती हैं। |
  2. वातावरण में प्रदूषण फैलता है।
  3. गंदगी फैलने से बीमारियाँ फैलती हैं।

प्रश्न 15.
आपको ऐसा क्यों लगता है कि इससे औरतों और लड़कियों पर ज्यादा गहरा असर पड़ेगा? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-116]
उत्तर
औरतों और लड़कियों के अधिक प्रभावित होने के कारण

  1. पुरुष घर से बाहर काम पर चले जाते हैं जबकि लड़कियाँ और औरतें घर पर ही रहती हैं।
  2. औरतों व लड़कियों को ज्यादा समय अस्वच्छ वातावरण में बिताना पड़ता है जबकि पुरुषों को कम समय रहना पड़ता है।

वार्तालाप अध्ययन प्रश्न

प्रश्न 1.
आप किसकी राय से सहमत हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-111]
उत्तर
अमू की राय से सहमत हूँ क्योंकि

  1. हमारे संविधान ने बहुत सारी जनसुविधाओं को जीवन के अधिकार का हिस्सा माना है।
  2. सरकार को यह ध्यान रखना चाहिए कि इन अधिकारों की अवहेलना न हो ताकि प्रत्येक व्यक्ति एक सम्मानजनक जीवन जी सके।

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
आपको ऐसा क्यों लगता है कि दुनिया में निजी जलापूर्ति के उदाहरण कम हैं?
उत्तर
निजी जलपूर्ति के कम उदाहरण के कारण

  1. जलापूर्ति एक आवश्यक जनसुविधा है जो सभी लोगों को उपलब्ध होनी चाहिए।
  2. निजी कंपनियाँ सिर्फ लाभ के लिए काम करती हैं इसलिए वे सभी लोगों के लिए जलापूर्ति नहीं कर पाती।
  3. यदि निजी कंपनियाँ सभी लोगों को जलापूर्ति की सुविधा प्रदान करती तो कीमत बहुत ऊँची होती है।

प्रश्न 2.
क्या आपको लगता है कि चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध है और वे पानी का खर्च उठा सकते हैं? चर्चा करें।
उत्तर
नहीं, चेन्नई में सबको पानी की सुविधा उपलब्ध नहीं है ।

  1. अन्नानगर में बाकी इलाकों की अपेक्षा पानी की आपूर्ति ठीक है।
  2. मैलापुर और मडीपाक्कम में पानी की आपूर्ति कम है, लेकिन यहाँ के निवासी बाजार से पानी खरीद सकते हैं।
  3. सैदापेट में भी पानी की आपूर्ति कम है यहाँ के लोग गरीब हैं और वे बाजार से पानी नहीं खरीद सकते

प्रश्न 3.
किसानों द्वारा चेन्नई के जले व्यापारियों को पानी बेचने से स्थानीय लोगों पर क्या असर पड़ रहा है? क्या आपको लगता है कि स्थानीय लोग भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध कर सकते हैं? क्या सरकार इस बारे में कुछ कर सकती है?
उत्तर
प्रभाव

  1. स्थानीय लोगों को पीने के लिए तथा सिंचाई के लिए कम जल प्राप्त हो रहा है।
  2. स्थानीय लोगों को भूमिगत पानी के इस दोहन का विरोध करना चाहिए।
  3. हाँ सरकार जल व्यापारियों और जल बिक्री कर रहे किसानों दोनों के खिलाफ कदम उठा सकती है।

प्रश्न 4.
ऐसा क्यों है कि ज्यादातर निजी अस्पताल और निजी स्कूल कस्बों या ग्रामीण इलाकों की बजाय बड़े शहरों में ही हैं?
उत्तर
बड़े शहरों में होने के कारण

  1. शहरों में धनी लोग ऊँची फीस तथा अन्य खर्च वहन करने में समर्थ हैं।
  2. कस्बों या ग्रामीण इलाकों में शिक्षा और स्वास्थ्य पर अधिक खर्च नहीं किया जाता है।
  3. कस्बों या ग्रामीण क्षेत्रों में सुविधाओं व सुरक्षा की कमी है।
  4. कस्बों या ग्रामीण क्षेत्रों में धनी लोग कम लाभ के डर से अस्पताल व स्कूल नहीं खोलते हैं।

प्रश्न 5.
क्या आपको लगता है कि हमारे देश में जनसुविधाओं कर वितरण पर्याप्त और निष्पक्ष है? अपनी बात के समर्थन में एक उदाहरण दें।
उत्तर
हमारे देश में जनसुविधाओं का वितरण न तो पर्याप्त है और न ही निष्पक्ष है।
उदाहरण-चेन्नई की झुग्गी बस्ती में न तो शौचालय और न ही हर झुग्गी में पानी की व्यवस्था है। 30 झुग्गियों के लिए एक नल लगा है जिसमें रोज 20 मिनट पानी आता है, जबकि चेन्नई के अन्नानगर में सरकारी अफसर रहते हैं तो वहाँ 24 घंटे पानी की आपूर्ति होती है।

प्रश्न 6.
अपने इलाके की पानी, बिजली आदि कुछ जनसुविधाओं को देखें। क्या उनमें सुधार की कोई गुंजाइश है? आपकी राय में क्या किया जाना चाहिए? इस तालिका को भरें।
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 6
उत्तर
छात्र, अपने इलाके की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 7.
क्या आपके इलाके के सभी लोग उपरोक्त जनसुविधाओं का समान रूप से इस्तेमाल करते हैं? विस्तार से बताएँ।
उत्तर
छात्र अपने इलाके की स्थिति को ध्यान में रखते हुए स्वयं उत्तर दें।

प्रश्न 8.
जनगणना के साथ-साथ कुछ जनसुविधाओं के बारे में भी आँकड़े इकट्ठा किए जाते हैं। अपने शिक्षक के साथ चर्चा करें कि जनगणना का काम कब और किस तरह किया जाता है?
उत्तर
जनगणना

  1. जनगणना का काम प्रत्येक 10 वर्ष बाद किया जाता है। वर्तमान जनगणना 2011 में की गयी है।
  2. जनगणना हेतु सरकारी अधिकारियों, शिक्षकों को प्रत्येक घर से आँकड़े इकट्ठे करने हेतु नियुक्त किया जाता है।
  3. जनगणना करने के लिए एक प्रश्नावली तैयार की जाती है जिसके आधार पर घर-घर जाकर प्रश्न पूछे जाते हैं।
  4. जनगणना से देश की कुल जनसंख्या, स्त्री-पुरुषों की संख्या, लिंग अनुपात, देश में जनसुविधाओं की
    स्थिति, व्यावसायिक स्थिति, सामाजिक-आर्थिक स्थिति आदि की जानकारी मिलती है।

प्रश्न 9.
हमारे देश में निजी शैक्षणिक संस्थानल, कॉलेज, विश्वविद्यालय, तकनीकी और व्यावसायिक, प्रशिक्षण संस्थान-बड़े पैमाने पर खुलतें हो रहे हैं। दूसरी तरफ सरकारी शिक्षा संस्थानों का महत्त्व कम होता जा रहा है। आपकी राय में इसका क्या असर हो सकता है? चर्चा कीजिए।
उत्तर
प्रभाव

  1. सरकारी संस्थानों को धीरे-धीरे महत्त्व कम हो रहा है और निजी संस्थानों की मनमानी बढ़ रही है।
  2. गरीब लोग उच्च शिक्षा से वंचित रह जाएँगे।
  3. इससे शिक्षा व्यवस्था और अधिक महँगी हो जाएगी।

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 8 Confronting Marginalisation (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 8 Confronting Marginalisation (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

प्रश्न 1.
आपकी राय में दलितों और आदिवासियों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए आरक्षण इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है। इसका एक कारण बताइए। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-97]
उत्तर
दलितों और आदिवासियों को सामाजिक न्याय प्रदान करने के लिए आरक्षण महत्त्वपूर्ण हैं, क्योंकि इसी के द्वारा समाज में व्याप्त असमानता को दूर किया जा सकता है।

प्रश्न 2.
क्या आपको ऐसा लगता है कि रलम को परंपरागत रस्म निभाने के लिए जिस तरह मजबूर किया जा रहा था, वह उसके मौलिक अधिकारों का हनन था? [एनसीईआरटी पाठ्य़पुस्तक पेज-99]
उत्तर
दलित जाति का होने के कारण रत्नम को परंपरागत रस्म निभाने के लिए जिस तरह मजबूर किया जा रहा। था वह उसके मौलिक अधिकारों का हनन है, क्योंकि संविधान के अनुसार देश के सभी नागरिक समान है।

प्रश्न 3.
आपको ऐसा क्यों लगता है कि दलित परिवार शक्तिशाली जातियों के गुस्से की आशंका से डरे हुए थे? (एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-99]
उत्तर
दलितों की रोजी-रोटी (आजीविका) सवर्णो के खेत-खलियानों पर काम करने से चलती थी उनको डर था कि यदि सवर्ण गुस्सा हो गए तो वे उन्हें काम देना बंद कर देते। तो वे क्या खाएँगे? जिंदगी कैसे चलेगी?

प्रश्न 4.
क्या आप 1989 के कानून के दो प्रावधानों का उल्लेख कर सकते हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-100)
उत्तर
1989 के कानून के दो प्रावधान

  1. अगर कोई भी व्यक्ति अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति के नाम पर आबंटित की गई या उसके स्वामित्व वाली जमीन पर कब्जा करता है या खेती करता है या उसे अपने नाम पर स्थानांतरित करवा लेता है तो उसे सजा दी जाएगी।
  2. अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी व्यक्ति को कोई अखाद्य अथवा गंदा पदार्थ पीने या खाने के लिए विवश करते हैं।

प्रश्न 5.
शब्द संकलन को देखें और अपने शब्दों में लिखें कि ‘नैतिक रूप से निदनीय’ पद का आप क्या मतलब समझते हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-100]
उत्तर
नैतिक रूप से निंदनीय-
वह कार्य जो समाज द्वारा स्वीकृत न हो।
अथवा
इस प्रकार का व्यवहार या कृत्य करना जो समाज द्वारा स्थापित किए गए नैतिक मूल्यों का उल्लंघन करता है।

प्रश्न 6.
सिर पर मैला उठाने का आप क्या अर्थ समझते हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तकं पेज-101]
उत्तर
सिर पर मैला उठाने का अर्थ
मनुष्यों द्वारा झाडू, टीन और टोकरियों के सहारे पशुओं और इंसानों के मलमूत्र को उठाकर ठिकाने लगाना।

प्रश्न 7.
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक पेज 14 पर दिए गए मौलिक अधिकारों की सूची को दोबारा पढ़े और ऐसे दो अधिकारों का उल्लेख करें जिनको इस प्रथा के जरिए उल्लंघन हो रहा है। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-101]
उत्तर
सिर पर मैला उठाने का कार्य निम्नलिखित दो मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है

  1. समानता का अधिकार।
  2. स्वतंत्रता का अधिकार।

प्रश्न 8.
सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन ने 2003 में जनहित याचिका क्यों दायर की? अपनी याचिका में उन्होंने किस पर आपत्ति व्यक्त की थी? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-101]
उत्तर
जनहित याचिका दायर करने का कारण

  1. 1993 में सरकार ने एम्लॉयमेंट आफ मैन्युअल स्केवेंजर्स एंड कंस्ट्रक्शन ऑफ ड्राई लैट्रीन्स एक्ट-1993 पारित किया था। इस कानून ने सिर पर मैला उठाने की प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया था।
  2. इस कानून के बाद भी यह प्रथा 2003 में भी जारी थी।
  3. सफाई कर्मचारी आंदोलन को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन पर आपत्ति थी।

प्रश्न 9.
2005 में इस याचिका पर विचार करने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने क्या किया? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-101]
उत्तर
सर्वोच्च न्यायालय का आदेश

  1. केंद्र व राज्य सरकार के सभी विभाग मंत्रालय 6 माह के अंदर इस बात की सच्चाई का पता लगाएँ।
  2. यदि प्रथा अभी भी प्रचलन में पाई जाती है तो संबंधित सरकारी विभाग ऐसे लोगों की मुक्ति और पुनर्वास के लिए एक समयबद्ध कार्यक्रम तैयार करें।

तालिका अध्ययन प्रश्न

प्रश्न 1.
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium) 1
उत्तर
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium) 2

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
दो ऐसे मौलिक अधिकार बताइए जिनका दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। इस सवाल का जवाब देने के लिए पृष्ठ 14 पर दिए गए मौलिक अधिकारों को दोबारा पढ़िए।
उत्तर
ऐसे दो मौलिक अधिकार जिनका दलित समुदाय प्रतिष्ठापूर्ण और समतापरक व्यवहार पर जोर देने के लिए प्रयोग कर सकते हैं-

  1. समानता का अधिकार
  2. शोषण के विरुद्ध अधिकार

प्रश्न 2.
रत्नम की कहानी और 1989 के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम के प्रावधानों को दोबारा पढिए। अब एक कारण बताइए कि रत्नम ने इसी कानून के तहत शिकायत क्यों दर्ज कराई।।
उत्तर
अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम, 1989-

  1. रत्नम को पुजारियों के पैरों के धोवन के पानी से नहाने के लिए मजबूर किया जा रहा था।
  2. इस अधिनियम के अनुसार अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के किसी भी व्यक्ति को कोई ऐसा कृत्य (कार्य) करने के लिए मजबूर करना जो मानवीय प्रतिष्ठा के अनुरूप नहीं है अपराध माना जाता है।
  3. रत्नम ने इसीलिए इस अधिनियम के अंतर्गत शिकायत दर्ज कराई।

प्रश्न 3.
सी.के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को ऐसा क्यों लगता है कि आदिवासी भी अपने परंपरागत संसाधनों के छीने जाने के खिलाफ़ 1989 के इस कानून का इस्तेमाल कर सकते हैं? इस कानून के प्रावधानों में ऐसा क्या खास है जो उनकी मान्यता को पुष्ट करता है?
उत्तर
सी. के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं की सोच का कारण-

  1. 1989 के कानून का एक प्रावधान यह भी है कि अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के किसी
    व्यक्ति के नाम पर आवंटित की गई या उसके स्वामित्व वाली जमीन पर कोई व्यक्ति कब्जा करता है या खेती करता है या उसे अपने नाम पर स्थानांतरित करवा लेता है तो उसे सजा दी जाएगी।
  2. इसी कारण सी. के. जानू और अन्य आदिवासी कार्यकर्ताओं को लगा कि वे अपने परंपरागत संसाधनों के छीने जाने के खिलाफ 1989 के अधिनियम का प्रयोग कर सकते हैं।

प्रश्न 4.
इस इकाई में दी गई कविताएँ और गीत इस बात का उदाहरण है कि विभिन्न व्यक्ति और समुदाय अपनी सोच, अपने गुस्से और अपने दुखों को किस-किस तरह से अभिव्यक्त करते हैं। अपनी कक्षा में ये दो कार्य कीजिए-
(क) एक ऐसी कविता खोजिए जिसमें किसी सामाजिक मुद्दे की चर्चा की गई है। उसे अपने सहपाठियों के सामने पेश कीजिए। दो या अधिक कविताएँ लेकर छोटे-छोटे समूहों में बँट जाइए और उन कविताओं पर चर्चा कीजिए। देखें कि कवि ने क्या कहने का प्रयास किया है।
(ख) अपने इलाके में किसी एक हाशियाई समुदाय का पता लगाइए। मान लीजिए कि आप उस समुदाय के सदस्य हैं। अब इस समुदाय के सदस्य की हैसियत से अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए कोई कविता या गीत लिखिए या पोस्टर आदि बनाइए।
उत्तर
(क) विद्यार्थी स्वयं करें।
(ख) विद्यार्थी स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 Understanding Marginalisation (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

प्रश्न 1.
कम से कम तीन कारण बताइए कि विभिन्न समूह हाशिये पर क्यों चले जाते हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-83]
उत्तर
हाशिये पर जाने के कारण

  1. जिनकी भाषा रीतिरिवाज और धर्म अलग होते हैं ऐसे समुदाय स्वयं को हाशिये पर महसूस करते हैं।
  2. ये समुदाय अपने अधिकारों के लिए आवाज नहीं उठा पाते और आर्थिक रूप से पिछड़ जाते हैं।
  3. सांस्कृतिक और आर्थिक रूप से बहुसंख्यक समुदाय से कमजोर तथा संख्या कम होते हैं।

प्रश्न 2.
आज के भारत में कौन सी धातुएँ महत्त्वपूर्ण हैं? क्यों? वे धातुएँ कहाँ से हासिल होती हैं? क्या वहाँ आदिवासियों की आबादी है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-85)
उत्तर

  1. लोहा, ताँबा, एल्यूमीनियम, सोना, चाँदी महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि इन धातुओं पर आधुनिक उद्योग निर्भर करते हैं।
  2. हमें ये धातुएँ झारखंड, उड़ीसा, पं. बंगाल तथा छत्तीसगढ़ से प्रमुखता से प्राप्त होती है।
  3. यहाँ पर आदिवासियों की आबादी अधिक है।

प्रश्न 3.
ऐसे पाँच उत्पाद बताइए जो जंगल से मिलते हैं और जिनका आप घर में इस्तेमाल करते हैं। (एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-85]
उत्तर
जलाऊ लकड़ी, इमारती लकड़ी, लाख, गोंद, फल, जड़ी-बूटियाँ।।

प्रश्न 4.
वन भूमि पर निम्नलिखित माँगें किन लोगों से की जा रही हैं?

  1. मकानों और रेलवे के निर्माण के लिए इमारती लकड़ी।
  2. खनन के लिए वन भूमि।
  3. गैर-जनजातीय लोगों द्वारा कृषि के लिए वन भूमि का उपयोग।
  4. वन्यजीव अभ्यारणों के रूप में सरकार द्वारा आरक्षित जमीन। इन माँगों से जनजातीय समुदायों पर किस तरह असर पड़ता है?

[एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-85]
उत्तर

  1. ये सभी माँगें आदिवासियों से पूरी की जाती हैं।
  2. आदिवासी समुदाय अपने जंगलों को छोड़कर शहरों में छोटी-मोटी नौकरियों की तलाश में पलायन कर रहे हैं।

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प्रश्न 5.
इस कविता में क्या बताने का प्रयास किया जा रहा है? आओ मिनी, असम चलें हमारे देश में तो बहुत कष्ट हैं। असम की धरती पर मिनी हरियाली से भरे चाय के बागान हैं… सरदार कहता है काम, काम बाबू कहता है उन्हें पकड़ो और इधर लाओ साहब कहता है मैं तुम्हारी खाल उधेड़ दूंगा हे जादूराम, तुमने हमें असम भेजकर बड़ा छल किया है। स्रोत-बसु.एस. झारखंड मूवमेंट : ऐथनीसिटी कल्चर एंड साइलेंस [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-85)
उत्तर

  1.  आदिवासियों की जमीन को छीना जा रहा है।
    आदिवासियों को विस्थापित किया जा रहा है।

प्रश्न 6.
आपकी राय में यह बात महत्त्वपूर्ण क्यों है कि आदिवासियों को भी उनके जंगलों और वनभूमि के इस्तेमाल से संबंधित फैसलों में अपनी बात कहने का मौका मिलना चाहिए? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-87]
उत्तर

  1. इस बात से आदिवासियों का जीवन तथा अस्तित्व दोनों जुड़े हुए हैं।
  2. यदि आदिवासियों की राय नहीं ली गयी तो उनका अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।

प्रश्न 7.
अल्पसंख्यकों के लिए हमें सुरक्षात्मक प्रावधानों की क्यों जरूरत है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-88]
उत्तर
अल्पसंख्यकों के लिए सुरक्षात्मक प्रावधानों की निम्नलिखित कारणों से जरूरत पड़ती है

  1. अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक समुदाय के सांस्कृतिक वर्चस्व से बचाने के लिए।
  2. अल्पसंख्यकों को भेदभाव और नुकसान की आशंका से बचाने हेतु।
  3. भारत की सांस्कृतिक विविधता की सुरक्षा, समानता और न्याय की स्थापना हेतु।

प्रश्न 8.
निम्नलिखित निबंध आपकी ही उम्र की एक बच्ची ने लिखा है। आपकी राय में वह क्या कहने का प्रयास कर रही है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-90)
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium) 1
उत्तर
यह बच्ची इस बात को कहने का प्रयास कर रही है कि किसी व्यक्ति या समुदाय की पहचान वेशभूषा के आधार पर नहीं बल्कि मानवता के आधार पर की जानी चाहिए।

चित्र आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
दादू को उड़ीसा का अपना गाँव क्यों छोड़ना पड़ा? [चित्र देखें-एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-81-82]
उत्तर
गाँव छोड़ने का कारण-

  1. उड़ीसा में दादू के गाँव की जमीन के नीचे लोहे के भंडार थे।
  2. वन विभाग के अफसरों ने गाँव वालों से जमीन बेचने के लिए कहा और बहुत से लोगों ने अपनी जमीनें बेच दी।
  3. जिन लोगों ने अपनी जमीन नहीं बेची तो उन्हें मारा पीटा-गया। इसलिए मजबूरी में दादू को अपना गाँव
    छोड़ना पड़ा।

तालिका अध्ययन प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या मुसलमानों को मूलभूत सुविधाएँ समान रूप से उपलब्ध हैं? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-88]
1. मूलभूत सुविधाएँ, 1994
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium) 2
स्रोत-अबुसालेह शरीफ (1999), इंडिया ह्युमन डिवेलपमेंट रिपोर्ट : अ प्रोफाइल ऑफ इंडियन स्टेट्स इन दि 1990ज, ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस फॉर नेशनल काउंसिल ऑफ एप्लाइड इकॉनॉमिक, नयी दिल्ली, पृ. 236, 238, 240.
उत्तर
नहीं, मुसलमानों को मूलभूत सुविधाएँ समान रूप से उपलब्ध नहीं हैं।

प्रश्न 2.
किस धार्मिक समुदाय की साक्षरता दर सबसे कम है? विभिन्न धर्मों में साक्षरता दर, 2001
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium) 3
[एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-89]
उत्तर
मुसलिम समुदाय की साक्षरता दर सबसे कम है।

प्रश्न 3.
निम्न आँकड़े क्या बताते हैं?
सरकारी नौकरियों में मुसलमानों का प्रतिशत
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium) 4
स्रोत-भारत में मुसलिम समुदाय की सामाजिक, आर्थिक तथा शैक्षणिक स्थिति, प्रधानमंत्री की उच्च स्तरीय समिति की रिपोर्ट, 2006
[एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-89]
उत्तर

  1. भारत की कुल जनसंख्या में मुसलमानों की संख्या 13.5% है।
  2. राज्य स्तरीय (पी.एस.यू.) में उनकी नौकरियों की स्थिति ठीक है।
  3. केंद्रीय स्तर की नौकरियों में मुसलमानों की संख्या काफी कम है।

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
‘हाशियाकरण’ शब्द से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों में दो-तीन वाक्य लिखिए।
उत्तर
हाशियाकरण

  1. हाशियाकरण का मतलब होता है कि किसी व्यक्ति या समुदाय को किनारे या हाशिये पर ढकेल देना।
  2. हाशियाकरण वाला व्यक्ति या समुदाय समाज की मुख्यधारा में नहीं रहता है।
  3. हाशियाकृत लोग या समुदाय गरीब, कमजोर होते हैं तथा इनको हीन दृष्टि से देखा जाता है।

प्रश्न 2.
आदिवासी लगातार हाशिये पर क्यों खिसकते जा रहे हैं? दो कारण बताइए।
उत्तर
आदिवासियों के हाशियाकरण का कारण

  1. आदिवासियों की जमीन को खनन और अन्य विशाल औद्योगिक परियोजनाओं के लिए बार-बार छीना गया है।
  2. आदिवासी समुदाय आजीविका और भोजन के अपने मुख्य स्रोत से वंचित हो गए हैं। वे गरीबी और लाचारी के जाल में फँस गए हैं।

प्रश्न 3.
आप अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा के लिए संवैधानिक सुरक्षाओं को क्यों महत्त्वपूर्ण मानते हैं? इसका एक कारण बताइए।
उत्तर
कारण-

  1. अल्पसंख्यक समुदायों को बहुसंख्यक समुदाय के वर्चस्व से बचाने के लिए।

प्रश्न 4.
अल्पसंख्यक और हाशियाकरण वाले हिस्से को दोबारा पढ़िए। अल्संख्यक शब्द से आप क्या समझते हैं?
उत्तर
‘अल्पसंख्यक’ शब्द से तात्पर्य कुल जनसंख्या में किसी समुदाय की बहुत छोटी संख्या से है।

प्रश्न 5.
आप एक बहस में हिस्सा ले रहे हैं जहाँ आपको इस बयान के समर्थन में तर्क देने हैं कि मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है।’ इस अध्याय में दी गई जानकारियों के आधार पर तर्क पेश कीजिए।
उत्तर
मुसलमान एक हाशियाई समुदाय है क्योंकि

  1. मुसलमानों में मूलभूत सुविधाएँ; जैसे-पक्के घर, बिजली तथा पाइप का पानी आदि प्राप्त परिवारों की संख्या बहुत ही कम है।
  2. मुसलमानों में साक्षरता दर प्रतिशत अन्य धार्मिक समुदायों की तुलना में काफी कम है।

प्रश्न 6.
कल्पना कीजिए कि आप टेलीविजन पर 26 जनवरी की परेड देख रहे हैं। आपकी एक दोस्त आपके नजदीक बैठी है। वह अचानक कहती है, ‘‘इन आदिवासियों को तो देखो, कितने रंग-बिरंगे हैं। लगता है सदा नाचते ही रहते हैं।” उसकी बात सुनकर आप भारत में आदिवासियों के जीवन से संबंधित क्या बातें उसको बताएँगे? उनमें से तीन बातें लिखें।
उत्तर
आदिवासियों के जीवन से संबंधित बातें-

  1. आदिवासियों में ऊँच-नीच की भावना कम होती है इसी कारण यह समुदाय जाति-वर्ण पर आधारित समुदायों से बिलकुल अलग होता है।
  2. आदिवासियों में बहुत सारे जनजातीय धर्म होते हैं। उनके धर्म इस्लाम, हिंदू, ईसाई आदि धर्मों से बिलकुल अलग है।
  3. आदिवासी अपने पुरखों की, गाँव और प्रकृति की उपासना करते हैं।

प्रश्न 7.
चित्रकथा-पर आपने देखा कि हेलेन होप आदिवासियों की कहानी पर एक फिल्म बनाना चाहती है। क्या । आदिवासियों के बारे में एक कहानी बना कर उसकी मदद कर सकते हैं?
उत्तर
हाँ, संकेत-

  1. वन्य जीवन, रीति-रिवाज।।
  2. पुरखों की, गाँव और प्रकृति की उपासना।
  3. ग्राम आत्माओं की पूजा गाँव की सीमा के भीतर पवित्र लता-कुंजों में।
  4. पुरखों की पूजा घर में।
  5. आदिवासियों की दिनचर्या
  6. आदिवासियों के जीवन में खनन और औद्योगीकरण के कारण बदलाव।
  7. आदिवासियों का अपना गाँव व इलाका छोड़कर शहरों में छोटी-छोटी नौकरियों के लिए जाना।
  8. आदिवासियों को हाशियाकरण।।

प्रश्न 8.
क्या आप इस बात से सहमत हैं कि आर्थिक हाशियाकरण और सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हुए हैं? क्यों?
उत्तर
आर्थिक हाशियाकरण तथा सामाजिक हाशियाकरण आपस में जुड़े हैं, क्योंकि-

  1. आर्थिक हाशियाकरण के कारण अच्छी शिक्षा प्राप्त नहीं की जा सकती है।
  2. आर्थिक हाशियाकरण के कारण लोगों के पास मूलभूत सुविधाओं की कमी हो जाती है।
  3. अशिक्षा और मूलभूत सुविधाओं की कमी सामाजिक हाशियाकरण का कारण होता है।

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 6 Understanding Our Criminal Justice System (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

प्रश्न 1:
आपको ऐसा क्यों लगता है कि पुलिस हिरासत के दौरान अपनी गलती मानते हुए आरोपी द्वारा दिए। | गए बयानों को उसके खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-71]
उत्तर
पुलिस हिरासत के दौरान अपनी गलती मानते हुए आरोपी द्वारा दिए गए बयानों को उसके खिलाफ सबूत के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, क्योंकि पुलिस हिरासत के दौरान हो सकता है कि आरोपी ने पुलिस की मारपीट से डरकर या किसी दबाव में आकर बयान दिया हो।

प्रश्न 2.
आइए अब शांति की कहानी पर वापस लौटते हैं और इन सवालों के जवाब खोजते हैं-
( क) जब चोरी के इल्जाम में शांति को गिरफ्तार किया गया, उसी दौरान सब-इंस्पेक्टर राव ने उसके भाई सुशील को भी दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखा। क्या उसको हिरासत में रखने की कार्रवाई कानूनन सही थी? क्या इससे डी.के. बसु दिशानिर्देशों का उल्लंघन हुआ है?
(ख) क्या सब-इंस्पेक्टर राव ने शांति को गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ मुकदमा दायर करने
से पहले गवाहों से पर्याप्त सवाल पूछे और जरूरी सबूत इकट्ठा किए थे? पुलिस की जिम्मेदारियों के हिसाब से आपकी राय में सब-इंस्पेक्टर राव को जाँच के लिहाज से और क्या-क्या करना चाहिए था? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-72]
उत्तर
(क) सब-इंस्पेक्टर राव द्वारा शांति के भाई सुशील को दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखने की कार्रवाई कानूनन गलत थी। इससे डी. के. बसु के दिशा-निर्देशों का उल्लंघन हुआ है।
(ख ) सब-इंस्पेक्टर राव ने शांति को गिरफ्तार करने और उसके खिलाफ मुकदमा दायर करने से पहले गवाहों से पर्याप्त सवाल नहीं पूछे और न ही पर्याप्त सबूत इकड़े किए। पुलिस की जिम्मेदारियों के हिसाब से सब-इंस्पेक्टर राव को जाँच के लिहाज से निम्नलिखित कार्य करने चाहिए थे।

  1. शांति की गिरफ्तारी के समय अरेस्ट मेमो के रूप में गिरफ्तारी संबंधी पूरी जानकारी के कागज तैयार करने चाहिए थे।
  2. अरेस्ट मेमो पर शांति के दस्तखत करवाने चाहिए थे
  3. शांति के किसी जानने वाले या रिश्तेदार को जानकारी दी जानी चाहिए थी।

प्रश्न 3.
आइए अब थोड़ी अलग स्थिति में मामले को देखते हैं। मान लीजिए कि शांति और उसको भाई सुशील थाने में जाकर यह शिकायत करते हैं कि शिंदे के 20 वर्षीय बेटे ने उनकी बचत के 15,000 हजार रुपए चुरा लिए हैं। क्या आपको लगता है कि थाने का प्रभारी अधिकारी फौरन उनकी एफ.आई. आर. दर्ज कर लेगा? ऐसे कारक लिखिए जो आपकी राय में एफ.आई.आर. लिखने या न लिखने के पुलिस के फैसले को प्रभावित करते हैं। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-72]
उत्तर
थाने का प्रभारी अधिकारी शांति व उसके भाई सुशील की एफ.आई.आर. फौरन दर्ज नहीं करेगा। एफ.आई.आर. न लिखने के पुलिस के फैसले को प्रभावित करने वाले कारक निम्नलिखित हैं

  1. शांति गरीब घरेलू नौकरानी है और जिस पर चोरी का इल्जाम लगा है वह अमीर बाप का बेटा | है। इसलिए गरीब होने के कारण पुलिस शांति के सही होने पर भी उसकी बात को दबाने की कोशिश करेगी।
  2. पुलिस अफसर उल्टा शांति तथा उसके भाई सुशील से सवाल करेगा कि उनके पास 15,000 रुपये कहाँ से आए। और उन्हें डरा-धमकाकर वहाँ से भगा देगी।

प्रश्न 4.
सारे गवाहों के बयान सुनने के बाद न्यायाधीश ने शांति के मुकदमे में क्या कहा? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-73)
उत्तर

  1. शांति को चोरी के आरोप से बरी कर दिया।
  2. पुलिस ने शांति से जो 10,000 रुपये बरामद किए थे उन्हें लौटाने का आदेश दिया।
  3. न्यायाधीश ने लिखित फैसले में कहा कि सब-इंस्पेक्टर राव ने ठीक से जाँच नहीं की जिसके कारण शांति को जेल जाना पड़ा।

प्रश्न 5.
पृष्ठ 74 पर मोटे अक्षरों में जो प्रक्रियाएँ लिखी गई हैं वे सभी निष्पक्ष सुनाई के लिए बहुत जरूरी हैं। शांति के मुकदमे के इस विवरण के आधार पर अपने शब्दों में लिखें कि निम्नलिखित प्रक्रियाओं का आप क्या मतलब समझते हैं [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-75)

  1. खुली अदालत
  2. सबूतों के आधार पर
  3. अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह

उत्तर

  1. खुली अदालत-शांति का मुकदमा जनता के सामने खुली अदालत में चलाया गया।
  2. सबूतों के आधार पर-न्यायाधीश ने अदालत के सामने पेश किए गए सबूतों के आधार पर शांति को बरी कर दिया।
  3. अभियोजन पक्ष के गवाहों से जिरह-शांति की अधिवक्ता सुश्री राय को अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए गए सारे गवाहों से सवाल पूछने का मौका दिया गया।

प्रश्न 6.
अपनी कक्षा में चर्चा करें कि अगर शांति के मुकदमे में निम्नलिखित प्रक्रियाओं का पालन न किया जाता तो क्या हो सकता था? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-75)

  1. अगर उसे अपने बचाव के लिए वकील न मिलती।।
  2. अगर अदालत उसे निर्दोष नहीं मानते हुए मुकदमा चलाती।।

उत्तर

  1. अगर शांति को अपने बचाव के लिए वकील न मिलता तो उसे उस अपराध की सजा मिल जाती जो उसने किया ही नहीं था और उसके जमा किए गए पैसे भी वापिस नहीं मिलते।
  2. अगर अदालत उसे निर्दोष नहीं मानती और मुकदमा चलाती तो मुकदमे की सारी प्रक्रिया गलत होती और उसे इंसाफ नहीं मिलता।

चित्र आधारित प्रश्न

प्रश्न 1.
उपरोक्त चित्रकथा पट्ट के आधार पर बताइए कि आपराधिक न्याय व्यवस्था में कितने अधिकारी मुख्य लोग होते हैं। [चित्र देखें-एनसीईआर०टी० पाठ्यपुस्तक पेज-67-70]
उत्तर
पुलिस, सरकारी वकील, बचाव पक्ष का वकील और न्यायाधीश, ये चार अधिकारी आपराधिक न्यारा व्यवस्था में मुख्य लोग होते हैं।

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
पीसलैंड नामक शहर में फिएस्ता फुटबॉल टीम के समर्थकों को पता चलता है कि पास के एक शहर में जो वहाँ से लगभग 40 किमी. है, जुबली फुटबाल टीम के समर्थकों ने खेल के मैदान को खोद दिया है। वहीं अगले दिन दोनों टीमों के बीच अंतिम मुकाबला होने वाला है। फिएस्ता के समर्थकों का एक झुंड घातक हथियारों से लैस होकर अपने शहर के जुबली समर्थकों पर धावा बोल देता है। इस हमले में दस लोग मारे जाते हैं, पाँच औरतें बुरी तरह जख्मी होती हैं, बहुत सारे घर नष्ट हो जाते हैं और पचास से ज्यादा लोग घायल होते हैं।
कल्पना कीजिए कि आप और आपके सहपाठी आपराधिक न्याय व्यवस्था के अंग हैं। अब अपनी कक्षा को इन चार समूहों में बाँट दीजिए

  1. पुलिस
  2. सरकारी वकील
  3. बचाव पक्ष का वकील
  4. न्यायाधीश

निम्न तालिका के दाएँ कॉलम में कुछ जिम्मेदारियाँ दी गई हैं। इन जिम्मेदारियों को बाईं ओर दिए गए अधिकारियों की भूमिका के साथ मिलाएँ। प्रत्येक टोली को अपने लिए उन कामों का चुनाव करने दीजिए जो फिएस्ता समर्थकों की हिंसा से पीड़ित लोगों को न्याय दिलाने के लिए आवश्यक हैं। ये काम किस क्रम में किए जाएँगे?
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium) 1
उत्तर
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium) 2
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium) 3

प्रश्न 2.
अब यही स्थिति लें और किसी ऐसे विद्यार्थी को उपरोक्त सारे काम करने के लिए कहें जो फिएस्ता क्लब का समर्थक है। यदि आपराधिक न्याय व्यवस्था के सारे कामों को केवल एक ही व्यक्ति करने लगे तो क्या आपको लगता है कि पीड़ितों को न्याय मिल पाएगा? क्यों नहीं?
उत्तर
पीड़ितों को न्याय नहीं मिल पाएगा, क्योंकि

  1. एक व्यक्ति के हाथों में सारी शक्तियाँ होने पर भेदभाव की संभावना बढ़ जाती है।
  2. शक्ति के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है।
  3. एक ही व्यक्ति द्वारा सभी यानि पुलिस, सरकारी वकील, बचाव पक्ष का वकील, न्यायाधीश आदि के कार्यों को भलीभाँति करना संभव नहीं है।

प्रश्न 3.
आप ऐसा क्यों मानते हैं कि आपराधिक न्याय व्यवस्था में विभिन्न लोगों को अपनी अलग-अलग भूमिका निभानी चाहिए? दो कारण बताएँ।
उत्तर
विभिन्न लोगों को अलग-अलग भूमिकाएँ, क्योंकि-

  1. इससे शक्ति किसी एक जगह केंद्रित नहीं होगी और इससे अन्याय की संभावना कम होगी।
  2. जब अलग-अलग भूमिकाओं में विभिन्न लोग काम करेंगे तो वे कार्यों को अच्छी तरह से कर सकेंगे। भेदभाव को पनपने का मौका नहीं मिल पाएगा।

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NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 5 Judiciary (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 5 Judiciary (Hindi Medium)

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पोठगत प्रश्न

प्रश्न 1.
क्या आपको ऐसा लगता है कि इस तरह की न्यायिक व्यवस्था में एक आम नागरिक भी किसी नेता के खिलाफ मुकदमा जीत सकता है? अगर नहीं तो क्यों? [एनसीआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-56]
उत्तर
इस तरह की न्यायिक व्यवस्था जहाँ किसी न्यायाधीश को उसके पद से हटा सकते हैं या उसका तबादला कर सकते हैं, वहाँ एक आम आदमी किसी नेता के खिलाफ मुकदमा नहीं जीत सकता है, क्योंकि इस स्थिति में न्यायाधीश स्वतंत्र रूप से फैसले नहीं ले सकते हैं, और वह हमेशा नेता के पक्ष में ही फैसला सुनाएगा।

प्रश्न 2.
दो वजह बताइए कि लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका अनिवार्य क्यों होती है? [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-57]
उत्तर
लोकतंत्र के लिए स्वतंत्र न्यायपालिका अनिवार्य

  1.  न्यायपालिका की स्वतंत्रता अदालतों को भारी ताकत देती है, क्योंकि स्वतंत्र न्यायपालिका ही | विधायिका और कार्यपालिका द्वारा शक्तियों के दुरुपयोग को रोक सकती है।
  2.  स्वतंत्र न्यायपालिका ही नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा कर सकती है। यदि न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं होगी तो नागरिकों के मौलिक अधिकारों का हनन होगा।

प्रश्न 3.
उपरोक्त मामले को पढ़ने के बाद दो वाक्यों में लिखिए कि अपील की व्यवस्था के बारे में आप क्या जानते हैं। [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-59)
उत्तर
अपील व्यवस्था से मतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को लगता है कि निचली अदालत का फैसला सही नहीं है तो वह उससे ऊपर की अदालत में उस फैसले के विरुद्ध अपील कर सकता है।

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तालिका अध्ययन प्रश्न

प्रश्न 1.
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 5 (Hindi Medium) 1
उत्तर –
उदाहरण

  1. सरदार सरोवर बाँध को लेकर केंद्र और राज्य (गुजरात) सरकार के बीच विवाद।
  2. दो राज्यों पंजाब और हरियाणा राज्य में पानी को लेकर विवाद।
  3. पड़ोसी की भूमि पर जबरदस्ती कब्जा करना।
  4. अस्पताल द्वारा घायल व्यक्ति को भर्ती करने से इनकार करना।

प्रश्न 2.
फौजदारी और दीवानी कानून के बारे में आप जो समझते हैं उसके आधार पर इस तालिका को भरें [एनसीईआरटी पाठ्यपुस्तक पेज-60]
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 5 (Hindi Medium) 2
उत्तर
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 5 (Hindi Medium) 3

प्रश्न-अभ्यास

( पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
आप पढ़ चुके हैं कि कानून को कायम रखना और मौलिक अधिकारों को लागू करना’ न्याय पालिका का एक मुख्य काम होता है। आपकी राय में इस महत्त्वपूर्ण काम को करने के लिए न्यायपालिका का स्वतंत्र होना क्यों जरूरी है?
उत्तर
स्वतंत्र न्यायपालिका-

  1. न्यायपालिका की स्वतंत्रता अदालतों को भारी ताकत देती है इसके आधार पर वह विधायिका और कार्यपालिका द्वारा शक्तियों के दुरुपयोग को रोक सकती है।
  2. न्यायपालिका देश के नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा में अहम भूमिका निभाती है।
  3. अगर किसी नागरिक को लगता है कि उसके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है तो वह अदालत में जा सकता है।

प्रश्न 2.
अध्याय 1 में मौलिक अधिकारों की सूची दी गई है। उसे फिर पढ़े। आपको ऐसा क्यों लगता है कि संवैधानिक उपचार का अधिकार न्यायिक समीक्षा के विचार से जुड़ा हुआ है?
उत्तर
संवैधानिक उपचार का अधिकार-
यदि किसी नागरिक को लगता है कि राज्य द्वारा उसके किसी मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो मौलिक अधिकार की प्राप्ति के लिए इस अधिकार का सहारा लेकर अदालत जा सकता है।

न्यायिक समीक्षा-
यदि न्यायपालिका को लगता है कि संसद द्वारा पारित किया गया कोई कानून संविधान के अनुसार नहीं है। तो वह उस कानून को रद्द कर सकती है। इसे न्यायिक समीक्षा कहा जाता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि संवैधानिक उपचार का अधिकार न्यायिक समीक्षा से जुड़ा है, क्योंकि संवैधानिक उपचार के अंतर्गत न्यायालय कानून को रद्द कर सकता है।

प्रश्न 3.
नीचे तीनों स्तर के न्यायालय को दर्शाया गया है। प्रत्येक के सामने लिखिए कि उसे न्यायालय ने सुधा गोयल के मामले में क्या फैसला दिया था? अपने जवाब को कक्षा के अन्य विद्यार्थियों द्वारा दिए गए जवाबों के साथ मिलाकर देखें।
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 5 (Hindi Medium) 4
उत्तर
सर्वोच्च न्यायालय-लक्ष्मण और उसकी माँ शकुंतला को दोषी पाया और उम्रकैद की सजा सुनायी। सुभाषचंद्र के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं थे इसलिए उसे दोष मुक्त कर दिया।

उच्च न्यायालय-सुधा की मौत एक दुर्घटना थी क्योंकि तीनों के विरुद्ध पर्याप्त सबूत नहीं। लक्ष्मण, शकुंतला और सुभाषचंद्र तीनों को बरी कर दिया।

निचली अदालत-लक्ष्मण, उसकी माँ शकुंतला और सुधा के जेठ सुभाष को दोषी करार दिया और तीनों को मौत की सजा सुनाई।

प्रश्न 4.
सुधा गोयल मामले को ध्यान में रखते हुए नीचे दिए गए बयानों को पढ़िए। जो वक्तव्य सही हैं उन पर सही का निशान लगाइए और जो गलत हैं उनको ठीक कीजिए।
(क) आरोपी इस मामले को उच्च न्यायालय लेकर गए, क्योंकि वे निचली अदालत के फैसले से सहमत नहीं थे।
(ख) वे सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में चले गए।
(ग) अगर आरोपी सर्वोच्च न्यायालय के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो दोबारा निचली अदालत में जा सकते हैं।
उत्तर
(क) सही।
(ख) गलत।
निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में चले गए।
(ग) गलत।
सर्वोच्च न्यायालय देश की सबसे ऊपरी अदालत है इसके फैसले के खिलाफ निचली अदालत में नहीं जा सकते हैं।

प्रश्न 5.
आपको ऐसा क्यों लगता है कि 1980 के दशक में शुरू की गई जनहित याचिका की व्यवस्था सबको इंसाफ दिलाने के लिहाज से एक महत्त्वपूर्ण कदम थी?
उत्तर
जनहित याचिका-

  1. इसके द्वारा सर्वोच्च न्यायालय ने न्याय तक ज्यादा-से-ज्यादा लोगों की पहुँच स्थापित पर करने का प्रयास किया है।
  2. न्यायालय ने किसी भी व्यक्ति या संस्था को ऐसे लोगों की ओर से जनहित याचिका दायर करने का अधिकार दिया है जिनके अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है।
  3. यह याचिका उच्च न्यायालय या सर्वोच्च न्यायालय में दायर की जा सकती है।
  4. अब सर्वोच्च न्यायालय या उच्च न्यायालय के नाम भेजे गए पत्र या तार (टेलीग्राम) को भी जनहित याचिका माना जा सकता है।

प्रश्न 6.
ओल्गा टेलिस बनाम बंबई नगर निगम मुकदमे में दिए गए फैसले के अंशों को दोबारा पढ़िए। इस फैसले में कहा गया है कि आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा है। अपने शब्दों में लिखिए कि इस बयान से जजों का क्या मतलब था?
उत्तर
आजीविका का अधिकार जीवन के अधिकार का हिस्सा-

  1.  कानून के द्वारा तय की गयी प्रक्रिया जैसे मृत्युदंड देने और उसे लागू करने के अलावा और किसी तरीके से किसी की जान नहीं ली जा सकती।।
  2. जीवन के अधिकार का इतना ही महत्त्वपूर्ण पहलू आजीविका का अधिकार भी है, कोई भी व्यक्ति आजीविका के बिना जीवित नहीं रह सकता।
  3. इस मुकदमे में याचिकाकर्ता झुग्गियों और पटरियों में रहते हैं और उन्हें वहाँ से हटाने की माँग की जा रही है।
  4. अगर उन्हें झुग्गियों या पटरी से हटा दिया जाए तो उनका रोजगार भी खत्म हो जाएगा और वे अपनी आजीविका से हाथ धो बैठेंगे। इस प्रकार वे जीवन के अधिकार से भी वंचित हो जाएँगे।

प्रश्न 7.
‘इंसाफ में देरी यानी इंसाफ का कत्ल’ इस विषय पर एक कहानी बनाइए।
उत्तर
इंसाफ में देरी यानी इंसाफ का कत्ल-
हाशिमपुरा हत्याकांड-

  1. हाशिमपुरा (उ.प्र.) में पी.ए.सी. की हिरासत में 22 मई, 1987 को 43 मुसलमानों की हत्या कर दी गयी। उनके परिवार पिछले 20 साल से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
  2. इस हत्याकांड में मुकदमा शुरू होने में जो इतना विलंब हुआ उसके कारण सिंतबर 2002 में सर्वोच्च न्यायालय ने यह मामला उत्तर प्रदेश से दिल्ली स्थानांतरित कर दिया।
  3. यह मुकदमा अभी भी चल रहा है इसमें प्रोविंशियल आर्ल्ड काँस्टेब्युलरी (पी.ए.सी.) के 19 लोगों पर हत्या और अन्य आपराधिक मामलों के आरोपों में मुकदमा चला जा रहा है।
  4. इस मुकदमे में 2007 तक केवल तीन गवाहों के ही ब्यान दर्ज किए जा सके थे।

प्रश्न 8.
एन.सी.ई.आर.टी. पाठ्यपुस्तक पेज 65 के शब्द संकलन में दिए गए प्रत्येक शब्द से वाक्य बनाइए।
उत्तर

  1. बरी करना-सर्वोच्च न्यायालय ने सुधा गोयल केस में सुभाषचंद्र को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया।
  2. अपील करना-आरोपियों ने अधीनस्थ न्यायालय के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय में अपील दायर की।
  3. मुआवजा-न्यायालये पीड़ित पक्ष के लिए मुआवजा देने का आदेश दे सकता है।
  4. बेदखली-रेलवे स्टेशन के पास झुग्गियों में रहने वालों को अदालत ने वहाँ से बेदखल कर दिया।
  5. उल्लंघन-यदि किसी नागरिक को लगता है कि किसी व्यक्ति या राज्य द्वारा उसके मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है तो वह अदालत में जा सकता है।

प्रश्न 9.
यह पोस्टर भोजन अधिकार अभियान द्वारा बनाया गया है।
NCERT Solutions for Class 8 Social Science Civics Chapter 5 (Hindi Medium) 5
इस पोस्टर को पढ़कर भोजन के अधिकार के बारे में सरकार के दायित्वों की सूची बनाइए। इस पोस्टर में कहा गया है कि “भूखे पेट भरे गोदाम! नहीं चलेगा, नहीं चलेगा!!” इस वक्तव्य को पाठ्यपुस्तक पृष्ठ 61 पर भोजन के अधिकार के बारे में दिए गए चित्र निबंध से मिलाकर देखिए।
उत्तर
1. सरकार के दायित्व-

  • प्रत्येक नागरिक को भोजन उपलब्ध कराना।
  • यह सुनिश्चित करना कि किसी भी व्यक्ति को भूखा न सोना पड़े।
  • भूख की मार सबसे ज्यादा झेलने वालों; जैसे-बेसहारा, बुजुर्ग, विकलांग, विधवा आदि पर सरकार
    को विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • सरकार द्वारा यह भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कुपोषण एवं भूख से किसी की मृत्यु न हो।

2. राजस्थान और उड़ीसा में सूखे की वजह से लाखों लोगों के सामने भोजन का भारी अभाव पैदा हो गया
था, जबकि सरकारी गोदाम अनाज से भरे पड़े थे। इस स्थिति को देखते हुए पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिर्टीज (पी.यू.सी.एल.) नामक संगठन ने सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की। याचिका में कहा गया कि संविधान के अनुच्छेद 21 में दिए गए जीवन के मौलिक अधिकारों में भोजन का अधिकार भी शामिल है। राज्य की इस दलील को भी गलत साबित कर दिया गया कि उसके पास संसाधन नहीं है, क्योंकि सरकारी गोदाम अनाज से भरे हुए थे। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को आदेश दिया कि नए रोजगार पैदा करे। राशन की सरकारी दुकानों के माध्यम से सस्ती दर पर आनाज उपलब्ध कराए और बच्चों को स्कूल में दोपहर का भोजन उपलब्ध कराया जाए।

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