NCERT Exemplar Books

The National Council of Educational Research and Training (NCERT) developed the NCERT EXEMPLAR BOOKS for CBSE students. In particular, these Exemplar books prepare the students and enlightens them with the subject knowledge. So that, students can find the Exemplar books with solutions for their favourite science and math subjects. These books help the students to practice. Moreover, the users can download the books in a pdf format for free.

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In fact, the students will be able to cover their CBSE syllabus as well prepare for their competitive exams. The competitive exams include NEET, JEE Main, JEE Advanced etc. For an instance, it will help the student to understand the concepts and help improvise their problem-solving skills. Thereby, it will speed up the learning process and the student’s quantity.

Therefore, the table below lists the NCERT Exemplar Books from Class 9 to Class 12.

NCERT Exemplar Books Class 6

No. Subjects

1.

NCERT Exemplar Class 6 Mathematics

2.

NCERT Exemplar Class 6 Science

NCERT Exemplar Books Class 7

No. Subjects

1.

NCERT Exemplar Class 7 Mathematics

2.

NCERT Exemplar Class 7 Science

NCERT Exemplar Books Class 8

No. Subjects

1.

NCERT Exemplar Class 8 Mathematics

2.

NCERT Exemplar Class 8 Science

NCERT Exemplar Books Class 9

No Subjects

1.

NCERT Exemplar Class 9 Mathematics

2.

NCERT Exemplar Class 9 Science

NCERT Exemplar Books Class 10

No. Subjects

1.

NCERT Exemplar Class 10 Mathematics

2.

NCERT Exemplar Class 10 Science

NCERT Exemplar Books Class 11

No Subjects

1.

NCERT Exemplar Class 11 Mathematics

2.

NCERT Exemplar Class 11 Physics

3.

NCERT Exemplar Class 11 Chemistry

4.

NCERT Exemplar Class 11 Biology

NCERT Exemplar Books Class 12

No Subjects

1.

NCERT Exemplar Class 12 Mathematics

2.

NCERT Exemplar Class 12 Physics

3.

NCERT Exemplar Class 12 Chemistry

4.

NCERT Exemplar Class 12 Biology

In NCERT Exemplar Books, students can find all the topics under each subject. Furthermore, equal importance is given to every lesson or topic. Each topic has a variety of questions. Starting from Multiple-choice Questions, Short Answer Type Questions and Long Answer Type Questions. Science subjects include Physics, Chemistry, Botany, and Zoology. From basic science to complicated topics, concepts are discussed in detail. Necessary diagrams are provided wherever necessary. Moreover, the students get to practice on all the concepts.

Importance of NCERT Exemplar Books Class 6 to 12

To begin with, extra questions with different difficulties serve as the whetstone to the students’ brains. As a result, NCERT Exemplar Books have become the bible for those who prepare for competitive exams. Furthermore, they have new concepts introduced and contain skill developing questions. Moreover, they help both the students and the teachers in applying the concepts that have been learned and taught to. These practice books help and improvise the learning process of the students. NCERT Books build students’ knowledge of concepts. Above all, they help the students in the application of the concepts – from basic to the complicated.

Interestingly, students understood the value of education. These books kindle the curiosity of every student. The concepts and theorems shed a different light on the student’s perspective towards education. It helps to increase the students’ analytical and logical skills. Specifically, the students will learn the nitty-gritty of these subjects. The variety of questions will help students scratch their brains. These Exemplar books will have a positive effect on the students in the long run.

What will the students gain from NCERT Exemplar Books?

  • Above all, students will be able to easily solve the questions using high order thinking skills.
  • Students will understand the concepts and be able to put in practice.
  • The advanced level questions will help the students develop advanced skills in science and maths subjects.
  • It will increase their logical and analytical skills.
  • They might understand its potential and develop a passion towards any of the subjects.
  • Memorizing the concepts and theorems will not be necessary as the students will comprehend the concepts.
  • They will be able to solve the twisted questions because of all the practice exercises.
  • The concepts become sensible as they practice more often.
  • The positive effect of the books on the students will help in their growth and development.
  • CBSE final exams will be a piece of cake for the students.
  • Preparations for competitive exams like NEET, AIIMS, JEE Main, JEE Advanced will become easier.

Thus, NCERT Exemplar Books are an all-rounder which helps students to excel in their area of interest.

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 17 बच्चे काम पर जा रहे हैं

प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
कविता की पहली दो पक्तियों को पढ़ने तथा विचार करने से आपके मन-मस्तिष्क में जो चित्र उभरता है उसे लिखकर व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
कविता की पहली दो पंक्तियाँ बड़े ही मार्मिक अनुभव से युक्त हैं। कुहरे से ढकी सड़क पर छोटे-छोटे बच्चों को काम करने के लिए जाते हुए पढ़कर, एक चित्र सा बन जाता है और यह सोचकर पाठक के मन में करुणा की सृष्टि होती है।

प्रश्न 2.
कवि का मानना है कि बच्चों के काम पर जाने की भयानक बात को विवरण की तरह न लिखकर सवाल के रूप में पूछा जाना चाहिए कि ‘काम पर क्यों जा रहे हैं बच्चे?’ कवि की दृष्टि में उसे प्रश्न के रूप में क्यों पूछा जाना चाहिए?
उत्तर:
कवि की दृष्टि में उस प्रश्न की तरह इसलिए पूछा जाना चाहिए क्योंकि जिन बच्चों को स्वाभाविक रूप से खेलने-कूदने, पढ़ने और अपने जीवन का विकास करने की आवश्यकता है, और वह उनका नैतिक अधिकार भी है। आखिर वे कौन से कारण और विवशताएँ हैं, जिनसे प्रेरित होकर वे अपने स्वाभाविक जीवन से वंचित हो गए हैं।

प्रश्न 3.
सुविधा और मनोरंजन के उपकरणों से बच्चे वंचित क्यों हैं?
उत्तर:
सामाजिक-आर्थिक विडंबना के कारण बच्चे सुविधा और मनोरंजन से वंचित हैं। क्योंकि इसी विडंबना ने उनके हाथों में कलम की जगह काम पकड़ा दिया है।

प्रश्न 4.
दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर कोई बच्चों को काम पर जाते देख रहा/रही है, फिर भी किसी को कुछ अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता के क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
दिन-प्रतिदिन के जीवन में हर किसी को काम पर जाते बच्चों को देखकर अटपटा नहीं लगता। इस उदासीनता का कारण यह हो सकता है कि आज आवश्यकताएँ बढ़ती जा रही हैं और आय के साधन कम होते जा रहे हैं। साथ ही निम्न वर्ग निरन्तर आर्थिक तंगी का सामना करता आ रहा है।

प्रश्न 5.
आपने अपने शहर में बच्चों को कब-कब और कहाँ-कहाँ काम करते हुए देखा है?
उत्तर:
सड़कों पर कूड़ा उठाते हुए, प्लास्टिक आदि चुनते हुए। कूड़े के ढेर पर काम की चीजें बीनते हुए। चौराहों, लाल बत्तियों पर कुछ बेचते हुए। गैराजों में गाड़ियाँ साफ करते हुए। होटलों, ढाबों में बरतन साफ करते हुए।

प्रश्न 6.
बच्चों का काम पर जाना धरती के एक बड़े हादसे के समान क्यों है?
उत्तर:
किसी भी समाज में यदि बच्चे अनपढ़ रह जाएँगे तो वह समाज नष्ट हो जाएगा। इसलिए, इसे भयानक कहा गया है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 7.
काम पर जाते किसी बच्चे के स्थान पर अपने-आप को रखकर देखिए। आपको जो महसूस होता है उसे लिखिए।
उत्तर:
कोहरे भरी सुबह बच्चे स्कूल जाते हैं। उनके माता-पिता उन्हें स्वयं स्कूल तक छोड़ने जाते हैं या उन्हें बस में बिठा कर आते हैं। मेरा भी मन करता है कि मैं किसी स्कूल में पढूँ। रंग-बिरंगी किताबें छूकर देखू। पर मुझे तो पैसा कमाकर परिवार की आमदनी में अपना योगदान देना पड़ता है। जब बच्चे स्कूल जा रहे होते हैं तब मुझे काम पर जाना पड़ता है।

प्रश्न 8.
आपके विचार से बच्चों को काम पर क्यों नहीं भेजा जाना चाहिए? उन्हें क्या करने के मौके मिलने चाहिए?
उत्तर:
बच्चों को अच्छा नागरिक बनने के लिए काम पर नहीं भेजना चाहिए। उन्हें तो खेलने और पढ़ने का अवसर मिलना चाहिए। ताकि वे भविष्य में समर्थ बन सकें।

पाठेतर सक्रियता

प्रश्न 9.
किसी कामकाजी बच्चे से संवाद कीजिए और पता लगाइए कि
(क) वह अपने काम करने की बात को किस भाव से लेता/लेती है?
(ख) जब वह अपनी उम्र के बच्चों को खेलने/पढ़ने जाते देखता/देखती है तो कैसा महसूस करता/करती
• वर्तमान युग में सभी बच्चों के लिए खेलकूद और शिक्षा के समान अवसर प्राप्त हैं’
• इस विषय पर वाद-विवाद आयोजित कीजिए।
• बाल श्रम की रोकथाम पर नाटक तैयार कर उसकी प्रस्तुति कीजिए।
चंद्रकांत देवताले की कविता ‘थोड़े से बच्चे और बाकी बच्चे’ (लकड़बग्घा हँस रहा है) पढ़िए। उस कविता के भाव तथा प्रस्तुत कविता के भावों में क्या साम्य है?
उत्तर:
बच्चे अध्यापक की सहायता से स्वयं करें।

NCERT Solutions for Class 9 Hindi

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 यमराज की दिशा

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 16 यमराज की दिशा

प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
कवि को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल क्यों नहीं हुई?
उत्तर:
माँ के यह बताए जाने पर कि मृत्यु के देवता यमराज का घर दक्षिण दिशा में है, लेखक को दक्षिण दिशा पहचानने में कभी मुश्किल नहीं हुई।

प्रश्न 2.
कवि ने ऐसा क्यों कहा कि दक्षिण को लाँघ लेना संभव नहीं था?
उत्तर:
पृथ्वी गोल है। इसका कोई अंतिम छोर नहीं है। इसीलिए दक्षिण दिशा को लाँघना संभव नहीं।

प्रश्न 3.
कवि के अनुसार आज हर दिशा दक्षिण दिशा क्यों हो गई है?
उत्तर:
आज समाज में गुंडे, बदमाश और हत्यारे सर्वत्र फैले हुए हैं। वे कहीं से भी आकर हत्या कर सकते हैं। इसीलिए केवल दक्षिण दिशा ही मृत्यु की नहीं रही।

प्रश्न 4.
भाव स्पष्ट कीजिए-
सभी दिशाओं में यमराज के आलीशान महल हैं
और वे सभी में एक साथ
अपनी दहकती आँखों सहित विराजते हैं
उत्तर:
परंपरा से यह विश्वास था कि मृत्यु के देवता यमराज का निवास दक्षिण में है, इसलिए दक्षिण दिशा मृत्यु की है। पर आज समाज में हत्यारे कहीं से भी आ सकते हैं। वे सर्वत्र आलीशान महलों में रहते हैं। उन्हें पहचानना कठिन है। वे हत्या कर चले जाते हैं, इसलिए हम जैसे भी रहें, जिधर भी पैर करके सोएं, हम असुरक्षित हैं।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 5.
कवि की माँ ईश्वर से प्रेरणा पाकर उसे कुछ मार्ग-निर्देश देती है। आपकी माँ भी समय-समय पर आपको सीख देती होंगी
(क) वह आपको क्या सीख देती हैं?
(ख) क्या उसकी हर सीख आपको उचित जान पड़ती है? यदि हाँ तो क्यों और नहीं तो क्यों नहीं?
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 6.
कभी-कभी उचित-अनुचित निर्णय के पीछे ईश्वर का भय दिखाना आवश्यक हो जाता है, इसके क्या कारण हो सकते हैं?
उत्तर:
ईश्वर से डरने के संस्कार
स्वभाव सुधारने का भाव
सामाजिक दबाव
भय दिखाकर स्वार्थ सिद्ध करना।

ईश्वर आस्था को केंद्र और सामान्य लोगों के बीच सर्वोच्च सत्ता के रूप में प्रतिष्ठित है इसलिए अनुचित कार्य करने पर ईश्वर के भय को दिखाना आवश्यक हो जाता है।

पाठेतर सक्रियता

प्रश्न 7.
कवि का मानना है कि आज शोषणकारी ताकतें अधिक हावी हो रही हैं। ‘आज की शोषणकारी शक्तियाँ’ विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें

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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 15 मेघ आए

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 15 मेघ आए

प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
बादलों के आने पर प्रकृति में जिन गतिशील क्रियाओं को कवि ने चित्रित किया है, उन्हें लिखिए।
उत्तर:
हवा का तेज चलना। दरवाजे-खिड़कियों का खुलना। पेड़ों का झुकना। आँधी चलना, धूल उड़ना। पीपल का डोलना। तालाब में लहरें उठना।

प्रश्न 2.
निम्नलिखित किसके प्रतीक हैं?
(क) धूल
(ख) पेड़
(ग) ताल
(घ) नदी
(ङ) लता
उत्तर:
धूल – किशोरी लड़कियाँ जो भाग-भाग कर मेहमान के आने की खबर दे रही हैं।
पेड़ – गाँव के पुरुष।
नदी – गाँव की महिलाएँ, विवाहिताएं।
लता – नवविवाहिता, जिसका पति शहर से गाँव आया है।
ताल – स्वागतकर्ता

प्रश्न 3.
लता ने बादल रूपी मेहमान को किस तरह देखा और क्यों?
उत्तर:
वर्ष भर वर्षा न होने से लता व्याकुल थी “उसने व्याकुलता से किवाड़ की ओट में होकर मेहमान को देखा जैसे व्याकुल नवविवाहिता देखने को उत्सुक तो रहती है पर शर्म के कारण सबके सामने न देखकर दरवाजे की ओट से देखती है।

प्रश्न 4.
भाव स्पष्ट कीजिए-
(क) क्षमा करो गाँठ खुल गई अब भरम की
(ख) बाँकी चितवन उठा, नदी ठिठकी, चूंघट सरके।
उत्तर:
भाव
(क) विरहिणी नायिका को भ्रम था कि उसके पति ने एक बरस से उसकी सुध नहीं ली। उसे भूल न गया हो। पर वह साल भर बाद जब वह गाँव आया तो उसके मन का भ्रम टूट गया

(ख) नदी को नायिका का प्रतीक माना गया है जो अपने पति को घूघट की आड़ से देखने का प्रयत्न करती है। चूंघट सरक जाने के बहाने से वह उसे देखने के लिए रुक जाती है।

प्रश्न 5.
मेघ रूपी मेहमान के आने से वातावरण में क्या परिवर्तन हुए?
उत्तर:
सनसनाती हवा चले लगी।

  • हवा से दरवाजे-खिड़कियाँ खुलने लगीं।
  • पेड़ झुकने लगे, पीपल जैसे पेड़ भी डोलने लगे।
  • बेलें हर्षित हुईं।
  • तालाब में आशा की लहरें आने लगीं।

प्रश्न 6.
मेघों के लिए ‘बन-ठन के, सँवर के’ आने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर:
चूँकि भारतीय परंपरा में दामाद बन-ठन कर ही ससुराल जाते हैं, और कवि ने बादलों को दामाद की संज्ञा दी है इस कारण उसने कहा है कि मेघ बन-ठनकर संवर कर आए। दूसरा कारण है कि वर्षा कालीन बादल जल से भरे होते हैं और मेघों का जल युक्त होना ही उनका बनना-ठनना और संवरना है।

प्रश्न 7.
कविता में आए मानवीकरण तथा रूपक अलंकार के उदाहरण खोजकर लिखिए।
उत्तर:
कविता में मेघों का, बयार का, पेड़ों का, धूल का, नदी का, पीपल के वृक्ष पर लता का, ताल का, बिजली का मानवीकरण किया गया है। तथा क्षितिज अटारी में रूपक अलंकार है।

प्रश्न 8.
कविता में जिन रीति-रिवाजों का मार्मिक चित्रण हुआ है, उनका वर्णन कीजिए।
उत्तर:
दामाद का बन ठन कर, सज संवर कर अपनी सुसराल जाना।

  • स्वागत में गाँव के लोगों की भागीदारी।
  • विवाहिताओं का पुरुष से घूघट करना, पर उत्सुकता होने पर थोड़ा घूघट सरकाकर तिरछी नजर से देख लेना।
  • परात में जल लाकर मेहमान के पैर धोना।

प्रश्न 9.
कविता में कवि ने आकाश में बादल और गाँव में मेहमान (दामाद) के आने का जो रोचक वर्णन किया है, उसे लिखिए।
उत्तर:
आकाश में बादल:
नए बादल बन ठन कर आ पहुँचे। उनके आने पर हवा सनसनाती हुई चली तो दरवाजे खिड़कियाँ खुलने लगीं। आँधी चली, धूल उड़ने लगी। पेड़ हिलने-डोलने लगे। तालाब में खुशी की लहर दौड़ गई। नदी भी प्रसन्न हुई। लताएँ बहुत व्याकुल थीं। उन्हें लगता था बादल न आए तो वे मर जाएंगी। उनका भ्रम दूर हुआ। क्षितिज पर बादल गहराए बिजली चमकी और रिमझिम वर्षा होने लगी।

गाँव में मेहमान:
शहर से दामाद गाँव में बन ठन कर पहुँचे। उसकी आने की खबर हवा की तरह फैली। पुरुष झुककर उसे देखने लगे। स्त्रियाँ भी घूघट सरकाकर तिरछी नजर से देखने लगीं। गली-गली में दरवाजे-खिड़कियाँ खोल लोग उसे देखने लगे। किसी ने बढ़कर जुहार की तो कोई पानी भरकर ले आया। उसकी बिरहनी पत्नी को पहले शिकायत थी। वह सबके सामने नहीं मिली। किवाड़ की ओट से देखती रही। फिर एकांत में उसने क्षमा माँग ली और मिलन की बेला में उसके आँसू झरने लगे।

प्रश्न 10.
काव्य-सौंदर्य लिखिए-
पाहुन ज्यों आए हों गाँव में शहर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सवर के।
उत्तर:
यहाँ कवि ने बादल को शहरी मेहमान के रूप में चित्रित किया है। ‘पाहुन ज्यों आए हे गाँव में शहर के’ में उत्प्रेक्षा अलंकार है। ‘बड़े बन ठन’ में अनुप्रास अलंकार है। प्रवाह पूर्ण एवं चित्रात्मक भाषा है। बादलों का मानवीकरण किया गया है। अतः मानवीकरण है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 11.
वर्षा के आने पर अपने आसपास के वातावरण में हुए परिवर्तनों को ध्यान से देखकर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
वर्षा ऋतु में प्राकृतिक परिवर्तन

जिस दिन पहली वर्षा हुई उसके अगले ही दिन प्रकृति बदली-बदली सी थी। खेतों की मिट्टी से अनोखी गंध आ रही थी। मुरझाते खेत लहलहाने लगे थे। दो-चार दिन में तो चारों ओर हरियाली छा गई। पेड़ धूले-धूले से लग रहे थे। हवा में भी ताजगी थी। धूप में चमक बढ़ गई थी। वह कभी चमकता, कभी बादलों के पीछे छिप जाता। वातावरण में नमी बढ़ गई थी। पार्कों और उपवनों की शोभा को तो जैसे चार चाँद लग गए। मोर मोरनी के सामने पंख फैलाकर नाचने लगे। घने पेड़ों से कभी-कभी कोयल का स्वर भी सुनाई पड़ता। कहते हैं कोयल वंसत में ही नहीं कूकती। पहली वर्षा का समाचार देने पर भी कूकती है। रिमझिम वर्षा में नहाने का मजा ही और है। कभी-कभी इंद्रधनुष मन को मोह लेता है।

प्रश्न 12.
कवि ने पीपल को ही बड़ा बुजुर्ग क्यों कहा है? पता लगाइए।
उत्तर:
पीपल का पेड़ बड़ा और दीर्घ जीवी होता है। वह हजारों पक्षियों और अन्य जीव-जंतुओं कीट-पतंगों को आसरा देता है और उनका पोषण करता है। बड़े बुजुर्ग की ही भाँति उसके तने में दाढ़ी सी लटकती है। संभवतः इसीलिए कवि ने उसे बड़ा-बुजुर्ग कहा है।

प्रश्न 13.
कविता में मेघ को ‘पाहुन’ के रूप में चित्रित किया गया है। हमारे यहाँ अतिथि (दामाद) को विशेष महत्त्व प्राप्त है, लेकिन आज इस परंपरा में परिवर्तन आया है। आपको इसके क्या कारण नजर आते हैं, लिखिए।
उत्तर:
दामाद को परिवार के अन्य सदस्यों जैसा ही सम्मान प्राप्त है।

अब यह बात नहीं रही कि लड़की उसी पर आश्रित है अतः उसे नारज नहीं करना। आज लड़की का स्वतंत्र व्यक्तित्व है। वह उस पर आश्रित नहीं है।

भाषा-अध्ययन

प्रश्न 14.
कविता में आए मुहावरों को छाँटकर अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर:
सुधि लेना:
अपने में ही मस्त रहते हो, कभी मित्रों की सुधि भी ले लिया करो।

गाँठ खुलना:
शैलजा के प्रति मेरे मन में जो गाँठ थी, उसकी विनम्रता देखकर वह खुल गई।

बाँध टूटना:
मेरे सब्र का बाँध टूट गया है, अब तुम नहीं बच सकते।

प्रश्न 15.
कविता में प्रयुक्त आँचलिक शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर:
बयार, पाहुन, घाघरा, बाँकी, जुहार, बरस बाद सुधि लीन्हीं, किवार, ओट, हरसाया, परात, भस्म, ढरकना।

प्रश्न 16.
मेघ आए कविता की भाषा सरल और सहज है-उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
शब्द स्तर पर ‘मेघ आए’ कविता की भाषा बड़ी सहज-सरल है। पूरी कविता में केवल तीन ही तत्सम शब्द हैं-दामिनि, मिलन और अश्रु। ये भी प्रचलित और सरल हैं। शेष संपूर्ण कविता में तद्भव देशज शब्दों का प्रयोग हुआ है जैसे

बूढ़े पीपल ने आगे बढ़कर जुहार की,
‘बरस बाद सुधि लीन्हीं’
बोली अकुलाई लता ओट हो किवार की,
हरसाया ताल लाया पानी परात भर के।
मेघ आए बड़े बन-ठन के सँवर के।

पाठेतर सक्रियता

प्रश्न 17.
वसंत ऋतु के आगमन का शब्द-चित्र प्रस्तुत कीजिए।
उत्तर:
वसंत-ऋतु के आगमन पर सम्पूर्ण प्रकृति में हरियाली आ जाती है। सब पेड़-पौधे खुशी से झूम जाते हैं। फूल खुशबू बिखरते हैं। तितलियाँ, भँवरे वसंत के आगमन का संदेश देते हैं। धरती का सारा सूखापन, उसकी प्यास मानो बुझ जाती है। प्रकृति जो धूल के कारण धूमिल हो गई थी। अपना मूल रंग खो बैठी थी। वह अपना मूल रंग पाकर हरी-भरी हो जाती है। अपनी जीवन अवस्था में आ जाती है।

प्रश्न 18.
प्रस्तुत अपठित कविता के आधार पर दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

धिन-धिन-धा धमक-धमक
मेघ बजे
दामिनि यह गई दमक
मेघ बजे
दादुर का कंठ खुला
मेघ बजे
धरती का हृदय धुला
मेघ बजे
पंक बना हरिचंदन
मेघ बजे
हल का है अभिनंदन
मेघ बजे
धिन-धिन-धा………….

(क) ‘हल का है अभिनंदन’ में किसके अभिनंदन की बात हो रही है और क्यों?
(ख) प्रस्तुत कविता के आधार पर बताइए कि मेघों के आने पर प्रकृति में क्या-क्या परिवर्तन हुए?
(ग) ‘पंक बना हरिचंदन’ से क्या आशय है?
(घ) पहली पंक्ति में कौन सा अलंकार है?
(ङ) ‘मेघ आए’ और ‘मेघ बजे’ किस इंद्रिय बोध की ओर संकेत हैं?
उत्तर:
(क) ‘हल’ का अभिनंदन में कृषक के अभिनंदन की बात हो रही है, क्योंकि मेघ आने पर ही कृषक खेतों में हल जोतते हैं, जिससे खेती हो सके।

(ख) मेघों के आने पर प्रकृति में परिवर्तन आ जाता है पानी भरे मेघ गर्जन करते हैं। दामिनी दमकती है। मेंढक टर्र-टर्र करते हैं। सूखी धरती सिक्त होकर वर्षा का पानी आने में समा लेती है। किसान खेती करने के लिए हल उठाए भागते हैं। सब तरफ मधुर ध्वनी फैल जाती है।

(ग) हरिचंदन का अर्थ होता है पूजा का तिलक। यहाँ वर्षा के पानी से बनी इसको हरिचंदन इसलिए कहा गया है, क्योंकि इसी को अभिषेक कर कृषक खेत जोतने का शुभ-कर्म आरंभ करता है।

(घ) पहली पंक्ति में ‘घिन’ और ‘धमक’ शब्द की पुनरावृत्ति क्रमशः हो रही हैं, अतः यहाँ पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।

‘धिन-धिन-धा धमक धमक’
यहाँ ‘ध’ वर्ण की आवृत्ति के कारण अनुप्रास अलंकार भी है।

(ङ) ‘मेघ आए’ में दृश्य-बिंब तथा ‘मेघ बजे’ में श्रव्य-बिंब हाने के कारण क्रमशः चक्षु और कर्ण इंदियों का बोध होता है।

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एक अंतहीन चक्रव्यूह Summary In Hindi

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 14 चंद्र गहना से लौटती बेर

प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
‘इस विजन में …….. अधिक है’-पंक्तियों में नगरीय संस्कृति के प्रति कवि का क्या आक्रोश है और क्यों?
उत्तर:
इन पंक्तियों में कवि का आक्रोश नागरीय जीवन और संस्कृति के प्रति यह है कि वहाँ प्रेम और सौंदर्य, सरलता और मानवता जैसी चीजें मर गई हैं। इसका कारण यह है कि आगे बढ़ने की होड़ ने मनुष्य को शहरी जीवन में अपने तक सीमित अर्थात् आत्मकेंद्रित कर दिया है, वह वास्तविक, सुख, शांति, प्रेम और प्रकृति को भूलकर केवल जीवन की निरुद्देश्य आपा-धापी में उलझ गया है।

प्रश्न 2.
सरसों को ‘सयानी’ कहकर कवि क्या कहना चाहता होगा?
उत्तर:
कवि सरसों का मानवीकरण कर रहा है। वह नवयुवती बन गई है और अब हाथ पीले करने स्वयंवर के मंडप में आ बैठी है कि कोई उसका वरण कर उसे ले जाए।

प्रश्न 3.
अलसी के मनोभावों का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
कवि ने अलसी को भी एक हठीली नवयुवती कहा है वह नीले फूल को सिर पर रखे कह रही है-जो इसे छू लेगा उसे मैं अपने हृदय का दान दे दूंगी।

प्रश्न 4.
अलसी के लिए ‘हठीली’ विशेषण का प्रयोग. क्यों किया गया है?
उत्तर:
उसका हठ है कि उसे ही प्यार करेगी जो उसके सिर रखे नीले फूल को छुएगा। इसीलिए उसे हठीली कहा गया है।

प्रश्न 5.
‘चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा’ में कवि की किस सूक्ष्म कल्पना का आभास मिलता है?
उत्तर:
यह कथन की सूक्ष्म कल्पना का उदाहरण है चमकते सूर्य के प्रभाव में, पड़े प्रतिबिंब को चाँदी का बड़ा-सा गोल खंभा कहा गया है।

प्रश्न 6.
कविता के आधार पर ‘हरे चने’ का सौंदर्य अपने शब्दों में चित्रित कीजिए।
उत्तर:
हरा चना खेत में खड़ा है। वह बिते भर ऊँचा है। ठिगना-सा लगता है। उसके माथे पर गुलाबी फूलों के गुच्छों को देखकर लगता है जैसे वह दूल्हे की तरह गुलाबी पगड़ी बाँधकर बन-ठन कर खड़ा हो।

प्रश्न 7.
कवि ने प्रकृति का मानवीकरण कहाँ-कहाँ किया है?
उत्तर:
प्रायः संपूर्ण कविता में मानवीकरण है।

विशेषकर-
हरा ठिगना चना, बाँधे मुरैठा शीश पर ……..
अलसी हठीली, देह की पतली …………
सरसों की न पूछो हो गठ सबसे सयानी ………
पत्थर किनारे पी रहे चुपचाप पानी …………

प्रश्न 8.
कविता में से उन पंक्तियों को ढूंढ़िए जिनमें निम्नलिखित भाव व्यंजित हो रहा है- और चारों तरफ सूखी और उजाड़ जमीन है लेकिन वहाँ भी तोते का मधुर स्वर मन को स्पंदित कर रहा है।
उत्तर:
“बाँझ भूमि पर इधर-उधर रीवा के पेड़
काँटेदार कुरूप खड़े हैं।
सुन पड़ता है।
मीठा-मीठा रस टपकाता
सुग्गे का स्वर
टें टं टें;”

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 9.
‘और सरसों की न पूछो’- इस उक्ति में बात को कहने का एक खास अंदाज है। हम इस प्रकार की शैली का प्रयोग कब और क्यों करते हैं?
उत्तर:
इस प्रकार की शैली का प्रयोग हम किसी व्यक्ति, वस्तु अथवा घटना की विशेषता बताने के लिए – करते हैं। जैसे कुछ न पूछो, कितनी गर्मी है।

प्रश्न 10.
काले माथे और सफेद पंखों वाली चिड़िया आपकी दृष्टि में किस प्रकार के व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती है?
उत्तर:
काले माथे और सफेद पंखों वाली चिड़िया क्रूर और निर्दयी व्यक्तित्व का प्रतीक हो सकती हैं.

भाषा अध्ययन

प्रश्न 11.
बीते के बराबर, ठिगना, मुरैठा आदि सामान्य बोलचाल के शब्द हैं, लेकिन कविता में इन्हीं से सौंदर्य उभरा है और कविता सहज बन पड़ी है। कविता में आए ऐसे ही अन्य शब्दों की सूची बनाइए।
उत्तर:
गहना, ब्याह, फाग, पोखर, लहरियाँ, झपाटा, चटुल, अनगढ़, सुग्गा, जुगुल जोड़ी, चुप्पे-चुप्पे।

प्रश्न 12.
कविता को पढ़ते समय कुछ मुहावरे मानस-पटल पर उभर आते हैं, उन्हें लिखिए और अपने वाक्यों में प्रयुक्त कीजिए।
उत्तर:
सिर चढ़ाना-प्यार में संतान को सिर चढ़ाना – ठीक नहीं।
दिल देना-यह पढ़ने-लिखने की उम्र है दिल देने की नहीं।
हाथ पीले करना-जब रेशमा पढ़-लिखकर काम करने लगेगी तभी उसके हाथ पीले करना।
बगुला भगत- तुम अवसर की ताक में बगुला भगत बने हो-यह मैं जानता हूँ।
हृदय चीरना-तुम्हारी कठोर बातें मेरे हृदय को चीर देती है।

पाठेतर सक्रियता

(ख) प्रस्तुत अपठित कविता के आधार पर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए

देहात का दृश्य

अरहर कल्लों से भरी हुई फलियों से झुकती जाती है,
उस शोभासागर में कमला ही कमला बस लहराती है।
सरसों दानों की लड़ियों से दोहरी-सी होती जाती है,
भूषण का भार संभाल नहीं सकती है कटि बलखाती है।
है चोटी उस की हिरनखुरी’ के फूलों से गुंथ कर सुंदर,
अन-आमंत्रित आ पोलंगा है इंगित करता हिल-हिल कर।
हैं ममें भीगती गेहूँ की तरुणाई फूटी आती है,
यौवन में माती मटरबेलि अलियों से आँख लड़ाती है।
लोने-लोने वे घने चने क्या बने-बने इठलाते हैं,
हौले-हौले होली गा-गा धुंघरू पर ताल बजाते हैं।
हैं जलाशयों के ढालू भीटों” पर शोभित तृण शालाएँ,
जिन में तप करती कनक वरण हो जाग बेलि-अब हिबालाएँ।
हैं कंद धरा में दाब कोष ऊपर तक्षक बन झूम रहे,
अलसी के नील गगन में मधुकर दृग-तारों से घूम रहे।
मेथी में थी जो विचर रही तितली सो सोए में सोई,
उस की सुगंध-मादकता में सुध-बुध खो देते सब कोई।

प्रश्न 1.
इस कविता के मुख्य भाव को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
इन पंक्तियों में गाँव के खेतों में उपजने वाली अनेक फसलों, तिलहनों, दलहनों, सब्जियों आदि के सौंदर्य का चित्रण किया गया है। अरहर कल्लों के भार से दबी है, गेहूँ पक गए हैं, मटर में दाने लग गए हैं, चना बन ठन कर खड़ा है। भीटों पर घास छाई है। धरती के नीचे कंद बन गए है। अलसी खड़ी है। मेथी और सोया भी सजे हुए हैं।

प्रश्न 2.
इन पंक्तियों में कवि ने किस-किसका मानवीकरण किया है?
उत्तर:
अरहर, सरसों, गेहूँ, मटर, चना, केले, अलसी, मेथी और लोया।

प्रश्न 3.
इस कविता को पढ़कर आपको किस मौसम का स्मरण हो आता है?
उत्तर:
वसंत के प्रारंभ का।

प्रश्न 4.
मधुकर और तितली अपनी सुध-बुध कहाँ और क्यों खो बैठे?
उत्तर:
भौरे अलसी के खेत में और तितलियाँ सोए में अपनी सुध-बुध खो बैठे हैं क्योंकि इनके फूल सुंदर और सुगंधित होते हैं।

हिरनखुरी – बरसाती लता
भीटा – दूह, टीले के शक्ल की ज़मीन।

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महान् राष्ट्रभक्त : मदन लाल ढींगरा Summary In Hindi

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 13 ग्राम श्री

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प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
कवि ने गाँव को ‘हरता जन मन’ क्यों कहा है?
उत्तर:
गाँव अपनी सुंदरत के कारण और विविधता के कारण लोगों को आकर्षित करता है। इसलिए उसे हरता जन-मन कहा गया है।

प्रश्न 2.
कविता में किस मौसम के सौंदर्य का वर्णन है?
उत्तर:
वसंत के सौंदर्य का।

प्रश्न 3.
गाँव को ‘मरकत डिब्बे सा खुला’ क्यों कहा गया है?
उत्तर:
पन्ना नाम के हरे कीमती रत्न को मरकत कहा जाता है। गाँव हरा-भरा है-पन्ने के रंग का है और वह पन्ने के समान ही बहुमूल्य भी है। डिब्बे में बहुत-सी अन्य वस्तुएँ होती हैं। गाँव रूपी पन्ने की डिब्बी में भी अनेक वस्तुएँ सजी हैं।

प्रश्न 4.
अरहर और सनई के खेत कवि को कैसे दिखाई देते हैं?
उत्तर
अरहर और सनई के तने सुनहरे रंग के होते हैं, इसलिए कवि को वे सोने की किकिणियों के समान दिखाई देते हैं।

प्रश्न 5.
भाव स्पष्ट कीजिए
(क) बालू के साँपों से अंकित, गंगा की सतरंगी रेती
(ख) हँसमुख हरियाली हिम-आतप, सुख से अलसाए-से सोए
उत्तर:
(क) प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि गंगा की रेती सूर्य की सप्तरंगी आभा से युक्त होकर लहरों के साथ लहराते हुए साँपों जैसी प्रतीत हो रही है।

(ख) प्रस्तुत पंक्ति का भाव है कि बसंत ऋतु में प्रसन्नचित्त हरियाली सर्दी की धूप में इस तरह आलस्य से युक्त हो गई है कि वह सोती सी जान पड़ती है।

प्रश्न 6.
निम्न पंक्तियों में कौन-सा अलंकार है?
तिनकों के हरे हरे तन पर
हिल हरित रुधिर है रहा झलक
उत्तर:
हरे-हरे हिल-हरित में अनुप्रास अलंकार हरे-हरे में वीप्सा अलंकार। हरित रुधिर में विरोधाभास अलंकार। तिनकों के तन पर रूपक और मानवीकरण अलंकार।

प्रश्न 7.
इस कविता में जिस गाँव का चित्रण हुआ है वह भारत के किस भू-भाग पर स्थित है?
उत्तर:
यह गंगा, यमुना के मैदानों में फैले विस्तृत – भू-भाग का कोई भी गाँव हो सकता है।

रचना और अभिव्यक्ति

प्रश्न 8.
भाव और भाषा की दृष्टि से आपको यह कविता कैसी लगी? उसका वर्णन अपने शब्दों में कीजिए।
उत्तर:
कविता में सुंदर प्राकृतिक चित्रण है। वसंत ऋतु में गाँव की संपन्नता चित्रित की गई है। कवि की सूक्ष्म दृष्टि पशु-पक्षी, पेड़-पौधों तक का भी अवलोकन और उल्लेख करती है। प्राकृतिक परिवर्तनों का सुंदर चित्रण किया गया है। भाषा भी सरल और मधुर है।

प्रश्न 9.
आप जहाँ रहते हैं उस इलाके के किसी मौसम विशेष के सौंदर्य को कविता या गद्य में वर्णित कीजिए।
उत्तर:
मैं दिल्ली में रहता हूँ। यहाँ गर्मी और सर्दी दोनों ही अधिक पड़ते हैं। मुझे शीत ऋतु प्रिय है। शीत ऋतु में पेड़ों की पत्तियाँ गिर जाती हैं। वे दूंठ से खड़े होकर नीले आसमान को ताक रहे होते हैं। उनमें बैठे पक्षियों को सरलता से पहचाना जा सकता हैं इन दिनों, सब्जियाँ और फल खूब होते हैं। कभी-कभी कुहरा छा जाता है। सूर्य के दर्शन नहीं होते। लगता है धारती मोटा-सा कंबल ओढ़े सो गई है। जब धूप निकलती है, तो बड़े-बूढ़े खुले में बैठ जाते हैं। सर्दी में अच्छे-अच्छे कपड़े पहने जा सकते हैं। घरों में पकवान बनाए जाते हैं। गर्मी की अपेक्षा सर्दी में अधिक सौंदर्य होता है।

पाठेतर सक्रियता

प्रश्न 10.
सुमित्रानंदन पंत ने यह कविता चौथे दशक में लिखी थी। उस समय के गाँव में और आज के गाँव में आपको क्या परिवर्तन नजर आते हैं?- इस पर कक्षा में सामूहिक चर्चा कीजिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

प्रश्न 11.
अपने अध्यापक के साथ गाँव की यात्रा – करें और जिन फसलों और पेड़-पौधों का चित्रण प्रस्तुत कविता में हुआ है, उनके बारे में जानकारी प्राप्त करें।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।

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