NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kshitij Chapter 8 एक कुत्ता और एक मैना
प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)
प्रश्न 1.
गुरुदेव ने शांतिनिकेतन को छोड़ कहीं और रहने का मन क्यों बनाया?
उत्तर:
उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं था। शायद इसलिए उन्होंने यह मन बनाया। शायद मौज में आकर ही उन्होंने यह निर्णय लिया कि शांतिनिकेतन छोड़कर कहीं और रहें।
प्रश्न 2.
मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
पाठ में एक कुत्ते का संस्मरण इसकी पुष्टि करता है कि मूक प्राणी मनुष्य से कम संवेदनशील नहीं होते। वह कुत्ता नित्य गुरुदेव के पास आकर उनके स्पर्श का आनंद प्राप्त करता था। जब गुरुदेव शांतिनिकेतन से श्री निकेतन ‘चल गए तो इस कुत्ते ने यह स्थल ढूँढ लिया और वहीं जा पहुँचा। गुरुदेव के स्पर्श से उसे सुख और तृप्ति की अनुभूति होती थी। गुरुदेव के निधन पर भी वह उनके अस्थि कलश तक गया और कुछ देर उनकी अस्थियों के पास बैठा रहा। यह सत्य मूक प्राणी की संवेदनशीलता का प्रमाण है।
प्रश्न 3.
गुरुदेव द्वारा मैना को लक्ष्य करके लिखी कविता के मर्म को लेखक कब समझ पाया?
उत्तर:
जब भी लेखक उस कविता को पढ़ता तो उसे वह घटना याद आ जाती। जब गुरुदेव ने मैना उसे पहली बार दिखाई थी और कहा था-यह यूथ भ्रष्ट है रोज फुदकती है यहां आकर। मुझे इसकी चाल में करुण भाव दिखाई पड़ता है। तभी लेखक उस कविता के मर्म को समझ पाया।
प्रश्न 4.
प्रस्तुत पाठ एक निबंध है। निबंध गद्य-साहित्य की उत्कृष्ट विधा है, जिसमें लेखक अपने भावों और विचारों को कलात्मक और लालित्यपूर्ण शैली में अभिव्यक्त करता है। इस निबंध में उपर्युक्त विशेषताएँ कहाँ झलकती हैं? किन्हीं चार का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
दोनों के नाच-गान और आनंद नृत्य से सारा मकान मुखरित हो उठता है। उसके बाद ही पत्नी देवी हम लोगों की ओर मुखातिब होकर लापरवाही भरी अदा से कुछ बोल देती है। पति देवता भी मानों मुस्कराकर हमारी ओर देखते, कुछ रिमार्क करते और मुंह फेर लेते हैं।
लालित्यपूर्ण शैली-क्यों है ऐसी दशा इसकी? समाज के किस दंड पर इसे निर्वासन मिला है? दल के किस अधिकार पर उसने मान किया है?
प्रश्न 5.
आशय स्पष्ट कीजिए
इस प्रकार कवि की मर्मभेदी दृष्टि ने इस भाषाहीन प्राणी की करुण दृष्टि के भीतर उस विशाल मानव-सत्य को देखा है, जो मनुष्य, मनुष्य के अंदर भी नहीं देख पाता।
उत्तर:
प्रस्तुत पंक्ति का आशय यह है कि एक सामान्य व्यक्ति केवल ऊपरी आवरण को ही देख पाता है जबकि । कवि अपनी दिल की गहराई से देखने वाली आँखों से मूक-प्राणी की करुणा को पहचान और समझ लेता है। बुद्धिमान होते हुए भी मनुष्य दूसरे मनुष्य के विषय में कुछ भी नहीं जान पाता है। कवि मानव में पाए जानने वाले गुणों को भाषाहीन जंतुओं में ढूँढ लेता है। कहा भी गया है कि जहाँ न पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि।
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 6.
पशु-पक्षियों से प्रेम इस पाठ की मूल संवेदना है। अपने अनुभव के आधार पर ऐसे किसी प्रसंग से जुड़ी रोचक घटना को कलात्मक शैली में लिखिए।
उत्तर:
छात्र स्वयं करें।
भाषा-अध्ययन
प्रश्न 7.
गुरुदेव जरा मुसकरा दिए।
मैं जब यह कविता पढ़ता हूँ।
ऊपर दिए गए वाक्यों में एक वाक्य में अकर्मक क्रिया है और दूसरे में सकर्मक। इस पाठ को ध्यान से पढ़कर सकर्मक और अकर्मक क्रिया वाले चार-चार वाक्य छाँटिए।
उत्तर:
सकर्मक क्रिया वाले वाक्य-
- वे सबसे ऊपर के तल्ले पर रहते थे।
- हम लोग उस कुत्ते के आनंद को देखने लगे।
- गुरुदेव उन दिनों बगीचे में टहलने के लिए निकला करते थे।
- मुझे इसकी चाल में एक करुण-भाव दिखाई देता है।
अकर्मक क्रिया वाले वाक्य-
- आश्रम के अधिकांश लोग बाहर चले गए थे।
- बच्चों से जरा छेड़छाड़ की।
- मुझसे जरा भी नहीं डरती।
- एक दिन वह मैना उड़ गई।
प्रश्न 8.
निम्नलिखित वाक्यों में कर्म के आधार पर क्रिया-भेद बताइए
(क) मीना कहानी सुनाती है।
(ख) अभिनव सो रहा है।
(ग) गाय घास खाती है।
(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी।
(ड) लड़कियाँ रोने लगीं।
उत्तर:
वाक्य | क्रिया-भेद |
(क) मीना कहानी सुनाती है। | सकर्मक |
(ख) अभिनव सो रहा है। | अकर्मक |
(ग) गाय घास खाती है। | सकर्मक |
(घ) मोहन ने भाई को गेंद दी। | सकर्मक |
(ड) लड़कियाँ रोने लगीं। | अकर्मक |
प्रश्न 9.
नीचे पाठ में से शब्द-युग्मों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं। जैसे-
समय – असमय, अवस्था-अनवस्था
इन शब्दों में ‘अ’ उपसर्ग लगाकर नया शब्द बनाया गया है।
पाठ में से कुछ शब्द चुनिए और उनमें ‘अ’ एवं ‘अन्’ उपसर्ग लगाकर नए शब्द बनाइए।
उत्तर:
अन + एक – अनेक
अन् + आरोग्य अनारोग्य
अन् + अंग – अनंग
अन् + आत्म – अनात्म
अन् + उत्तर – अनुत्तर
अन् + आक्रमण – अनाक्रमण
अ + पुस्तकीय – अपुस्तकीय
अ + प्रगल्भ – अप्रगल्भ
अ + भीत – अभीत
अ + चेतन – अचेतन
अ + सहन – असहन
अ + मानव – अमानव
पाठेतर सक्रियता
- पशु-पक्षियों पर लिखी कविताओं का संग्रह करें और उनके चित्रों के साथ उन्हें प्रदर्शित करें।
- हजारीप्रसाद द्विवेदी के कुछ अन्य मर्मस्पर्शी निबंध जैसे-‘अशोक के फूल’ और ‘नाखून क्यों बढ़ते हैं’ पढ़िए।