NCERT Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 6 समुद्रतटः
अभ्यासः
पाठ का सम्पूर्ण सरलार्थ-
1. एषः समुद्रतटः ……………….. कुर्वन्ति। (पृष्ठ-50)
हिन्दी सरलार्थ-
यह समुद्र का किनारा है। प्रणव यहाँ मित्रों के साथ खेलता है। वह रेत से घर बनाता है। बच्चे गेंद से खेलते हैं। वे पैर से गेंद को फेंकते हैं। कुछ लहरों से खेलते हैं। दूसरे लहरों के साथ उछलते हैं। यहाँ अनेक नावें भी हैं। मल्लाहों के साथ पर्यटक नावों से समुद्र में घूमते हैं।
2. केचन जनाः ……………………… नमो नमः। (पृष्ठ-50)
हिन्दी सरलार्थ
कुछ लोग सुबह समुद्र में जाते हैं। वहाँ साधु और मुनि स्नान करते हैं। भक्त मन्दिर में जाते हैं। वहाँ वे देवताओं और देवियों को फूल अर्पित करते हैं। और प्रार्थना करते हैं-
सभी देवताओं को नमस्कार।
पालन करने वालों को नमस्कार।
सभी पवित्र देवियों को नमस्कार।
3. ततः परं ……………………. प्रति गच्छन्ति। (पृष्ठ-51)
हिन्दी सरलार्थ-
उसके बाद पुजारी सबको प्रसाद देता है और उपदेश देता है-कान (शास्त्रों को) सुनने से ही सुशोभित होते हैं, कुण्डल से नहीं। हाथ दान देने से शोभा पाते हैं, कंगन से नहीं।
दयालु लोगों का शरीर परोपकार से (दूसरों का भला करने से) शोभा पाता है, चन्दन से नहीं।
उसके बाद लोग साइकिल से, गाड़ी से या पैदल अपने-अपने घर चले जाते हैं।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्नः 1.
मौखिकम् उच्चारणं कुरुत-
(क) देवाय – देवाभ्याम् – देवेभ्यः
ईश्वराय – ईश्वराभ्याम् – ईश्वरेभ्यः
बालाय – बालाभ्याम् – बालेभ्यः
फलाय – फलाभ्याम् – फलेभ्यः
(ख) नौकया – नौकाभ्याम् – नौकाभिः
द्विचक्रिकया – द्विचक्रिकाभ्याम् – द्विचक्रिकाभिः
चटकया – चटकाभ्याम् – चटकाभिः
बालुकया – बालुकाभ्याम् – बालुकाभिः
(ग) पादेन – पादाभ्याम् – पादैः
कमलेन – कमलाभ्याम् – कमलैः
देवेन – देवाभ्याम् – देवैः
पुष्पेण – पुष्पाभ्याम् – पुष्पैः
(घ) शिक्षिकायै – शिक्षिकाभ्याम् – शिक्षिकाभ्यः
लतायै – लताभ्याम् – लताभ्यः
मालायै – मालाभ्याम् – मालाभ्यः
नौकायै – नौकाभ्याम् – नौकाभ्यः
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं उच्चारण करें।
प्रश्नः 2.
यथायोग्यं योजयत-
(क) दीपकः – पोषणाय
(ख) क्रीडनकम् – दानाय
(ग) धनम् – प्रकाशाय
(घ) परोपकारः – खेलनाय
(ङ) दुग्धम् – पुण्याय
उत्तर:
(क) दीपकः – प्रकाशाय
(ख) क्रीडनकम् – खेलनाय
(ग) धनम् – दानाय
(घ) परोपकारः – पुण्याय
(ङ) दुग्धम् – पोषणाय
प्रश्नः 3.
चतुर्थी-विभक्तिप्रयोगेण वाक्यानि पूरयत-
यथा- परोपकारः पुण्याय भवति। (पुण्य)
(क) …………… नमः। (शिक्षक)
(ख) सुरेशः ………….. पुस्तकं यच्छति। (मित्र)
(ग) सज्जनाः ……………. जीवन्ति। (परोपकार)
(घ) माता …………… अन्नं ददाति। (भिक्षुक)
(ङ) परपीडनम् …………. भवति। (पाप)
उत्तर:
(क) शिक्षकाय
(ख) मित्राय
(ग) परोपकाराय
(घ) भिक्षुकाय
(ङ) पापाय
प्रश्नः 4.
तृतीया-विभक्तिप्रयोगेण वाक्यानि पूरयत-
यथा-पीयूषः मित्रेण सह गच्छति। (मित्र)
(क) बालिकाः …………… सह पठन्ति। (बालक)
(ख) तडागः ……………. विभाति। (कमल)
(ग) अहमपि …………….. खेलामि। (कन्दुक)
(घ) अश्वाः …………… सह धावन्ति। (अश्व)
(ङ) मृगाः …………….. सह चरन्ति। (मृग)
उत्तर:
(क) बालकैः
(ख) कमलैः
(ग) कन्दुकेन
(घ) अश्वैः
(ङ) मृगैः
प्रश्नः 5.
उत्तरेषु रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) बालकाः केन कन्दुकं क्षिपन्ति?
बालकाः ………………. कन्दुकं क्षिपन्ति।
(ख) अपरे कैः साकं समुच्छलन्ति?
अपरे ……….. साकं समुच्छलन्ति।
(ग) पर्यटकाः काभिः समुद्रविहारं कुर्वन्ति?
पर्यटकाः ……………… समुद्रविहारं कुर्वन्ति।
(घ) कस्मै नमः?
………….नमः।
(ङ) भक्ताः केभ्यः पुष्पाणि अर्पयन्ति?
भक्ताः ………………. पुष्पाणि अर्पयन्ति।
(च) काभ्यः नमो नमः?
……….’नमो नमः।
उत्तर:
(क) पादेन
(ख) तरङ्गैः
(ग) नौकाभिः
(घ) देवेभ्यः
(ङ) देवेभ्यः देवीभ्यः च
(च) देवीभ्यः
प्रश्नः 6.
कोष्ठकात् उचितपदप्रयोगेण रिक्तस्थानानि पूरयत-
(क) सीता …………. सह वनं गच्छति। (रामः/रामेण)
(ख) धनिकः ……………. धनं ददाति। (निर्धनम/निर्धनाय)
(ग) बालः ………….. सह विद्यालयं गच्छति। (जनकेन/जनकाय)
(घ) अहं …………… क्रीडाक्षेत्रं गच्छामि। (द्विचक्रिकायाः द्विचक्रिकया)
(ङ) प्रधानाचार्यः ………….. पारितोषिकं ददाति। (छात्राणाम्/छात्रेभ्यः)
उत्तर:
(क) रामेण
(ख) निर्धनाय
(ग) जनकेन
(घ) द्विचक्रिकया
(ङ) छात्रेभ्यः
प्रश्नः 7.
निर्देशानुसारं परिवर्तयत-
यथा- देवेभ्यः – (स्त्रीलिङ्ग) देवीभ्यः
छात्रायै – (पुंल्लिङ्गे) – …………………….
तरङ्गेण – (बहुवचने) – ………………….
ईश्वरेभ्यः – (एकवचने) – ………………..
कन्दुकेन – (द्विवचने) – ………………….
नायकेभ्यः – (स्त्रीलिङ्गे) – ………………..
उत्तर:
(क) छात्राय
(ख) तरहै
(ग) ईश्वराय
(घ) कन्दुकाभ्याम्
(ङ) नायिकाभ्यः