NCERT Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 12 दशमः त्वम असि
अभ्यासः
पाठ का सम्पूर्ण सरलार्थ-
1. एकस्मिन् ग्रामे ………….. पश्यति स्म। (पृष्ठ-74)
हिन्दी सरलार्थ-
एक गाँव में कोई निर्धन युवक था। उसका नाम धनपाल था। वह प्रतिदिन भिक्षा के लिए गाँव-गाँव में घूमता था। भिक्षा में प्राप्त सत्तुओं से उसका घड़ा भर जाता था। वह घड़े को खूटी पर लटकाकर उसके नीचे चारपाई पर सोता था और सोते समय लगातार एकटक दृष्टि से घड़े को देखता था।
2. सः एकदा ……………… प्रहरिष्यामि। (पृष्ठ-79)
हिन्दी सरलार्थ-
उसने एक बार रात में इस प्रकार सोचा-मेरा यह घड़ा सत्तुओं से भरा हुआ है। जब अकाल पड़ेगा तब सत्तू बेचकर बहुत अधिक धन प्राप्त करूँगा। फिर उस धन से मैं दो बकरियाँ खरीदूंगा। दोनों बकरियों के बच्चों से मेरे पास बकरियों का समूह हो जाएगा। बकरियों को बेचकर गायों, भैसों और घोड़ों को खरीदूंगा। उनके बच्चों से बहुत सारे पशु हो जाएँगे। उनको बेचने से मेरे पास बहुत सारा धन आ जाएगा। धन से विशाल भवन का निर्माण करवाऊँगा। तब मुझे धनवान मानकर कोई मुझे सुन्दर कन्या दे देगा। उससे मेरा पुत्र (उत्पन्न) होगा उसका नाम मैं सोमशर्मा रलूँगा। कभी खेलता हुआ वह पुत्र मेरे पास आएगा। तब क्रोधित होकर मैं अपनी पत्नी को बोलूँगा-इस बालक को पकड़। वह घर के काम में लगी हुई मेरी बात जब नहीं सुनेगी, तब मैं पत्नी के ऊपर पैर से प्रहार करूँगा।
3. एवं स्वप्नेन ……………….. मनोरथैः इति। (पृष्ठ-80)
हिन्दी सरलार्थ-
इस प्रकार सपने से प्रेरित होकर उसने पैर से प्रहार किया। उससे सत्तुओं से भरा हुआ घड़ा भूमि पर गिर गया और टूट गया। टूटे हुए घड़े के साथ ही उसकी मन की इच्छाएँ भी टूट गईं। इसलिए कहा जाता है परिश्रम से ही कार्य पूरे होते हैं, मन की इच्छाओं से नहीं।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्नः 1.
कर्तृपदैः रिक्तस्थानानि पूरयत
यथा-बालकौ कन्दुकं क्रीडतः।।
(क) …………. पादप्रहारं करोति।
(ख) …………. कन्दुकेन क्रीडामः।
(ग) …………. सत्यं वदिष्यामि।
(घ) …………. तत्र किं किं करोषि?
(ङ) …………. कदा गृहम् आगमिष्यथ?
(च) …………. भोजनं पचन्ति।
उत्तर:
(क) बालकः
(ख) वयम्
(ग) अहम्
(घ) त्वम्
(ङ) यूयम्
(च) ते
प्रश्नः 2.
अधोलिखितानां शब्दानां विलोमपदानि पाठम् आघृत्य लिखत-
यथा-
दूरे – समीपे
(क) क्रयेण – ……………..
(ख) उच्चैः – ……………..
(ग) दिने अपूर्णः – ……………
(ङ) आकाशे – ……………..
(च) तदा – ……………..
(छ) धनिकः – ……………..
उत्तर:
(क) विक्रयेण
(ख) नीचैः
(ग) रात्रौ
(घ) पूर्णः
(ङ) भूमौ
(च) यदा
(छ) निर्धनः
प्रश्नः 3.
निर्देशानुसारं लकारपरिवर्तनं कुरुत
यथा- प्रणवः उद्याने भ्रमति। (लुट्लकारे) प्रणवः उद्याने भ्रमिष्यति।
(क) सः लेखं लिखति। (लुट्लकारे) – …………………………………
(ख) अहं कथां चिन्तयिष्यामि। (लट्लकारे) – …………………………..
(ग) ते गृहे तिष्ठन्ति। (लुट्लकारे) – …………………………………
(घ) वृक्षात् पत्राणि पतन्ति। (लट्लकारे) – ……………………………..
(ङ) त्वं चित्रं द्रक्ष्यसि। (लट्लकारे) – …………………………………
(च) वयं दुग्धं पास्यामः । (लट्लकारे) – …………………………………
(छ) तत्र किम् अस्ति? (लुट्लकारे) – …………………………………
उत्तर:
(क) सः लेख लेखिष्यति।
(ख) अहं कथां चिन्तयामि।
(ग) ते गृहे स्थास्यन्ति।
(घ) वृक्षात् पत्राणि पतिष्यन्ति।
(ङ) त्वं चित्रं पश्यसि।
(च) वयं दुग्धं पिबामः।
(छ) तत्र किम् भविष्यति?
प्रश्नः 4.
लिङ्गपरिवर्तन कुरुत-
यथा-
अश्वः – अश्वा
अजः – …………
………. – बालिका
……….. – छात्रा
मूषकः – ……….
………. – चटका
लेखकः – …………..
नायकः – …………..
उत्तर:
पुल्लिङ्ग – स्त्रीलिङ्ग
अजः – अजा
बालकः – बालिका
छात्रः – छात्रा
मूषकः – मूषिका
चटकः – चटका
लेखकः – लेखिका
नायकः – नायिका
प्रश्नः 5.
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत
(क) युवकः कीदृशः आसीत्?
(ख) युवकः घटं कुत्र अवलम्ब्य शयनं करोति स्म?
(ग) घटः कुत्र पतितः?
(घ) कार्याणि केन सिध्यन्ति?
(ङ) स्वप्नेन प्रेरितः युवकः किम् अकरोत्?
उत्तर:
(क) निर्धनः
(ख) नागदन्ते
(ग) भूमौ
(घ) उद्यमेन
(ङ) पादप्रहारम्
प्रश्नः 6.
अधोलिखितानि वाक्यानि घटनाक्रमानुसार लिखत-
(क) युवकः धनपालः प्रतिदिनं ग्राम ग्रामं भ्रमति स्म।
(ख) कार्याणि उद्यमेन सिध्यन्ति।
(ग) एकस्मिन् ग्रामे एकः युवकः आसीत्।
(घ) सः अचिन्तयत्-मां धनिकं मत्वा कोऽपि रूपवती कन्यां मह्यं प्रदास्यति।
(ङ) सक्तुपूरितः घटः भूमौ पतितः।
(च) स्वप्नेन प्रेरितः सः पादप्रहारम् अकरोत्।
उत्तर:
(ग) एकस्मिन् ग्रामे एकः युवकः आसीत्।
(क) युवकः धनपालः प्रतिदिनं ग्रामं ग्रामं भ्रमति स्म।
(घ) सः अचिन्तयत्-मां धनिकं मत्वा कोऽपि रूपवतीं कन्यां मह्यं प्रदास्यति।
(च). स्वप्नेन प्रेरितः सः पादप्रहारम् अकरोत् ।
(ङ) सक्तुपूरितः घटः भूमौ पतितः।
(ख) कार्याणि उद्यमेन सिध्यन्ति।