NCERT Solutions for Class 6 Sanskrit Ruchira Chapter 10 कृषिकाः कर्मवीराः
अभ्यासः
पाठ का सम्पूर्ण सरलार्थ-
- परिश्रम से कार्य सफल (पूरे) होते हैं, मन की इच्छाओं से नहीं। सोये हुए शेर के मुँह में हरिण प्रवेश नहीं करते हैं।
- मधुर वाक्य बोलने से सारे प्राणी सन्तुष्ट (प्रसन्न होते हैं, इसलिए मीठे वचन ही बोलने चाहिएँ। (मीठे वचन) बोलने में क्या गरीबी।
- फलवाले वृक्ष झुक जाते हैं। गुणों वाले (गुणवान) मनुष्य भी विनम्र होते हैं। सूखे वृक्ष और मूर्ख लोग कभी भी नहीं – झुकते हैं।
- (बड़ों को) प्रणाम करने के स्वभाव वाले मनुष्य की, प्रतिदिन बूढ़ों की सेवा करने वाले मनुष्य की चार (विशेषताएँ) बढ़ती हैं-आयु, विद्या, यश और बल।
- काव्यशास्त्र के द्वारा मनोरंजन से बुद्धिमानों का समय बीतता है। मूों का समय बुरी आदतों से, नींद से अथवा झगड़े से बीतता है।
पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्नः 1.
प्रथम चतुर्थं पञ्चमं श्लोकञ्च सस्वरं गायत।
प्रश्नः 2.
श्लोकेषु रिक्तस्थानानि पूरयत
(क) नमन्ति …………. वृक्षाः नमन्ति ………… जनाः ।
……………… मूर्खाश्च न नमन्ति ………………. ॥
(ख) काव्यशास्त्रविनोदेन …………. गच्छति …………… ।
……………. मूर्खाणां निद्रया …………… वा॥
उत्तर:
(क) नमन्ति फलिनो वृक्षाः नमन्ति गुणिनो जनाः।
शुष्कवृक्षाश्च मूर्खाश्च न नमन्ति कदाचन।
(ख) काव्यशास्त्रविनोदेन कालो गच्छति धीमताम्।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा॥
प्रश्नः 3.
श्लोकांशान् योजयत
क | ख |
(क) उद्यमेन हि सिध्यन्ति | सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः |
(ख) प्रियवाक्यप्रदानेन | वचने का दरिद्रता |
(ग) चत्वारि तस्य वर्धन्ते | प्रविशन्ति मुखे मृगाः |
(घ) तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं | कार्याणि न मनोरथैः |
(ङ) न हि सुप्तस्य सिंहस्य | आयुर्विद्या यशो बलम् |
उत्तर:
क | ख |
(क) उद्यमेन हि सिध्यन्ति | कार्याणि न मनोरथैः। |
(ख) प्रियवाक्यप्रदानेन | सर्वे तुष्यन्ति जन्तवः। |
(ग) चत्वारि तस्य वर्धन्ते | आयुर्विद्या यशो बलम्। |
(घ) तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं | वचने का दरिद्रता। |
(ङ) न हि सुप्तस्य सिंहस्य | प्रविशन्ति मुखे मृगाः। |
प्रश्नः 4.
उपयुक्तकथनानां समक्षम् ‘आम्’ अनुपयुक्तकथनानां समक्षं ‘न’ इति लिखत-
यथा-
उद्यमेन कार्याणि सिध्यन्ति। – आम्
फलिनो वृक्षाः न नमन्ति। – न
(क) प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे न तुष्यन्ति – ………….
(ख) धीमतां कालः काव्यशास्त्रविनोदेन गच्छति। – ………….
(ग) अभिवादनशीलस्य आयुर्विद्या यशो बल न वर्धन्ते। – ………….
(घ) गुणिनो जनाः नमन्ति। – ………….
(ङ) मनोरथैः कार्याणि न सिध्यन्ति। – ………….
उत्तर:
(क) न
(ख) आम्
(ग) न
(घ) आम्
(ङ) आम्
प्रश्नः 5.
अधोलिखितानां पदानां विभक्तिं वचनञ्च लिखतयथा-
उद्यमेन – तृतीया – एकवचनम्
सिंहस्य – ……………… – ………………..
मृगाः – ……………… – ………………..
विद्या – ……………… – ………………..
मूर्खाणाम् – ……………… – ………………..
निद्रया – ……………… – ………………..
उत्तर:
सिंहस्य – षष्ठी – एकवचनम्
मृगाः – प्रथमा – बहुवचनम्
विद्या – प्रथमा – एकवचनम्
मूर्खाणाम् – षष्ठी – बहुवचनम्
निद्रया तृतीया – एकवचनम्
प्रश्नः 6.
प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत
(क) कार्याणि केन सिध्यन्ति?
(ख) सर्वे जन्तवः केन तुष्यन्ति?
(ग) कस्य मुखे मृगाः न हि प्रविशन्ति?
(घ) के के नमन्ति?
(ङ) चत्वारि कस्य वर्धन्ते?
(च) धीमतां कालः कथं गच्छति?
उत्तर:
(क) उद्यमेन कार्याणि सिध्यन्ति।
(ख) प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे जन्तवः तुष्यन्ति।
(ग) सिंहस्य मुखे मृगाः न हि प्रविशन्ति।
(घ) गुणिनो जनाः फलिनो वृक्षाः च नमन्ति।
(ङ) अभिवादनशीलस्य नित्यं वृद्धोपसेविनः चत्वारि तस्य वर्धन्ते।
(च) धीमताम् कालः काव्यशास्त्रविनोदेन गच्छति।