NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 4 Growing up as Boys and Girls (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 4 Growing up as Boys and Girls (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. आपके बड़े होने के अनुभव, सामोआ के बच्चों और किशारों के अनुभव से किस प्रकार भिन्न हैं? इन अनुभवों में वर्णित क्या ऐसी कोई बात है, जिसे आप अपने बड़े होने के अनुभव में शामिल करना। चाहेंगे। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-45)
उत्तर : जब हम छोटे थे तो हमारी देखभाल माता-पिता करते थे और यह सिलसिला किशोरावस्था के बाद तक चलता रहा और युवावस्था में जाकर खत्म हुआ। जबकि सामोआ में छोटे बच्चे जैसे ही चलना शुरू कर देते थे, उनकी माताएँ या बड़े लोग उनकी देखभाल करना बंद कर देते थे। यह जिम्मेदारी बड़े बच्चों पर आ जाती थी, जो प्रायः स्वयं भी पाँच वर्ष के आस-पास की उम्र के होते थे। लड़के-लड़कियाँ दोनों अपने छोटे-भाई बहनों की देखभाल करते थे, लेकिन जब कोई लड़का लगभग नौ वर्ष का हो जाता था वह बड़े लड़कों के समूह में सम्मिलित हो जाता था और बाहर के काम सीखता था, जैसे-मछली पकड़ना और नारियल के पेड़ लगाना। लड़कियाँ जब तक तेरह चौदह साल की नहीं हो जाती थीं, छोटे बच्चों की देखभाल और बड़े लोगों के छोटे-मोटे कार्य करती रहती थीं, लेकिन एक बार जब वे तेरह-चौहद साल की हो जाती थीं, वे अधिक स्वतंत्र होती थीं। लगभग चौदह वर्ष की उम्र के बाद भी वे भी मछली पकड़ने जाती थीं, बागानों में काम करती थीं और डलिया बुनना सीखती थीं। साथ-ही-साथ खाना बनाने का भी काम करती थीं। ।

ये सभी अनुभव हमारे जीवन में नहीं देखने को मिले, क्योंकि भारत में बच्चे लगभग 20 वर्ष के बाद ही कमाना शुरू करते हैं, कुछ बच्चे मजबूरीवश इससे कम उम्र में भी काम करना शुरू कर देते हैं।

2. क्या आप वे कारण बता सकते हैं जिनकी वजह से आपके पड़ोस में, सड़क पर, पार्को और बाज़ारों में देर शाम या रात के समय स्त्रियाँ तथा लड़कियाँ कम दिखाई देती हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-46)
उत्तर : हमारे पड़ोस में सड़क पर, पार्को और बाजारों में देर शाम या रात के समय स्त्रियाँ तथा लड़कियाँ कम दिखाई देने के कई कारण हैं|

  1. हमारे देश में बाहर के अधिकांश काम पुरुष करते हैं महिलाएँ अधिकांशतः घर के काम करती हैं।
  2. हमारे देश में कार्यालयों, व्यवसायों तथा अन्य कार्यों में महिलाओं की संख्या काफी कम है इसलिए । भी महिलाएँ घर से बाहर कम दिखाई देती हैं।
  3. महिलाएँ एवं लड़कियाँ अपने आपको बाहर में असुरक्षित महसूस करती हैं।
  4. भारतीय संस्कृति भी इस तरह की है कि महिलाओं को काफी कम स्वतंत्रता प्रदान की गई है कि वे घर से बाहर काफी देर तक रह सकें।

3. क्या लड़के और लड़कियाँ अलग-अलग कामों में लगे हैं? क्या आप विचार करके इसका कारण बता सकते हैं? यदि आप लड़के और लड़कियों का स्थान परस्पर बदल देंगे, अर्थात् लड़कियों के स्थान पर लड़कों और लड़कों के स्थान पर लड़कियों को रखेंगे तो क्या होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-46)
उत्तर : भारत में अधिकांश लड़के और लड़कियाँ अलग-अलग कामों में लगे हैं। इसके कई कारण हैं|

  1. भारतीय संस्कृति में लड़कियों को घरेलू कामों का जिम्मा दिया गया है, जबकि लड़कों को बाहर के कामों की जिम्मेदारी दी गई है।
  2. भारत में व्यवसाय, यातायात के साधनों में जैसे ड्राइवर व अन्य कर्मचारी, सेना, पुलिस जैसे अनेक कामों में लड़कों की बहुलता है जबकि शिक्षा के क्षेत्र, नर्स और कुछ कार्यालयों में लड़कियों की संख्या बढ़ती जा रही है।
  3. भारतीय संस्कृति में कुछ कामों को लड़कियों के लिए उचित नहीं माना जाता है इसलिए उन कामों को लड़के ही करते हैं।यदि हम लड़कियों के स्थान पर लड़कों और लड़कों के स्थान पर लड़कियों को रखेंगे, तो कई तरह की दिक्कत होगी, क्योंकि कई काम लड़कियों द्वारा ही सही तरीके से किया जाता है, तो कई कामों को लड़के सही तरीके से करते हैं इसलिए लड़के-लड़कियाँ अपने अनुकूल व्यवसाय को चुनते हैं। ऐसी स्थिति में अगर हम परिवर्तन करते हैं तो कई तरह की समस्या उत्पन्न हो सकती है।

4. क्या हरमीत और सोनाली का यह कहना सही था कि हरमीत की माँ काम नहीं करती? ( एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-49)
उत्तर : हरमीत और सोनाली का यह कहना सही नहीं था कि हरमीत की माँ काम नहीं करती। हरमीत की माँ घर | का सारा काम करती थी, वह सिर्फ बाहर काम करके पैसा नहीं कमा पाती थी, लेकिन घरेलू सारा काम हरमीत की माँ के जिम्मे था।

5. आप क्या सोचते हैं, अगर आपकी माँ या वे लोग, जो घर के काम में लगे हैं, एक दिन के लिए हड़ताल पर चले जाएँ, तो क्या होगा? ( एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-49)
उत्तर : अगर हमारी माँ या वे लोग जो घर के काम में लगे हैं, एक दिन के लिए हड़ताल पर चले जाएँ तो घर का सारा काम ठप्प हो जाएगा। या घर का सारा काम हमारे पिता जी को करना पड़ेगा, जो करने के लिए आदी नहीं हैं। और कई घरेलू काम जैसे खाना बनाना, कपड़े धोना आदि काम हमारे पिता जी को नहीं आता, ऐसी स्थिति में मुझे खाना सही ढंग से नहीं मिलेगा या खाना बाहर होटल से मँगाकर खाना पड़ेगा।

6. आप ऐसा क्यों सोचते हैं कि सामान्यतया पुरुष या लड़के घर का काम नहीं करते? आपके विचार में क्या उन्हें घर का काम करना चाहिए? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-49)
उत्तर : हम ऐसा इसलिए सोचते हैं, क्योंकि अधिकांश घरों में घर का काम लड़कियाँ या महिलाएँ करती हैं इसलिए
पुरुष या लड़के को घर का काम नहीं करना पड़ता। हमारे विचार में पुरुषों या लड़कों को भी घर का काम करना चाहिए, क्योंकि जब महिलाएँ घर में बीमार पड़ जाती हैं या वे कहीं बाहर चली जाती हैं, तो ऐसी स्थिति में घर का काम पुरुषों या लड़कों को करना चाहिए। पर्व त्यौहार तथा घर में अगर कोई मेहमान आ जाता है, तब भी घर के काम में बढ़ोतरी होती है। ऐसी स्थिति में पुरुषों को महिलाओं के काम में हाथ बँटाना चाहिए। कई बार महिलाएँ काम करते-करते थक जाती हैं, ऐसी स्थिति में भी पुरुषों को घर का काम करना चाहिए।

7. हरियाणा और तमिलनाडु राज्यों में स्त्रियाँ प्रति सप्ताह कुल कितने घंटे काम करती हैं? इस संबंध में स्त्रियों या पुरुषों में कितना फर्क दिखाई देता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-50)
उत्तर : हरियाणा में स्त्रियाँ प्रति सप्ताह 53 घंटे काम करती हैं। जिसमें 23 घंटे वैतनिक काम और 30 घंटे अवैतनिक घरेलू काम करती हैं। तमिलनाडु में स्त्रियाँ प्रति सप्ताह 54 घंटे काम करती हैं जिसमें 19 घंटे वैतनिक कार्य और 35 घंटे अवैतनिक घरेलू काम करती हैं। हरियाणा में पुरुष सप्ताह में 40 घंटे काम करते हैं जिसमें 38 घंटे वैतनिक कार्य और 2 घंटे घरेलू कार्यों को करते हैं जो कि महिलाओं से 13 घंटे कम है। तमिलनाडु में पुरुष सप्ताह में 44 घंटे काम करते हैं जिसमें 40 घंटे वैतनिक कार्य और 4 घंटे अवैतनिक कार्य को करते हैं जो कि महिलाओं से 10 घंटे कम हैं।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. साथ में दिए गए कुछ कथनों पर विचार कीजिए और बताइए कि वे सत्य हैं या असत्य? अपने उत्तर के समर्थन में एक उदाहरण भी दीजिए।
(क) सभी समुदाय और समाजों में लड़कों और लड़कियों की भूमिकाओं के बारे में एक जैसे विचार नहीं पाए जाते।
(ख) हमारा समाज बढ़ते हुए लड़कों और लड़कियों में कोई भेद नहीं करता।
(ग) वे महिलाएँ जो घर पर रहती हैं, कोई काम नहीं करतीं।
(घ) महिलाओं के काम, पुरुषों के काम की तुलना में कम मूल्यवान समझे जाते हैं।
उत्तर :
(क) यह कथन सही है, क्योंकि जिन समुदाय या समाजों में पढ़े-लिखे लोगों की संख्या काफी कम है या जो समाज रूढ़िवादी परंपरा से जकड़ा हुआ है, उन समाजों में लड़कों और लड़कियों की भूमिकाओं के बारे में एक जैसे विचार नहीं पाए जाते।
(ख) यह कथन सही नहीं हैं। हमारे ग्रामीण या नगरीय समाज में भी लड़के और लड़कियों के परवरिश में भेद भाव किए जाते हैं। भले ही ग्रामीण और नगरीय समाज में भेदभाव करने के अनुपात में अंतर हो।
(ग) यह कथन सही नहीं है, क्योंकि जो महिलाएँ घर पर रहती हैं वे घरेलू कामों को करती हैं; जैसे-खाना बनाना, घर की सफ़ाई करना, बच्चों की देखभाल करना आदि प्रमुख है।
(घ) यह कथन सही है, क्योंकि महिलाएँ जो घर में काम करती हैं उन्हें पैसों में नहीं आँका जाता और न ही इन कामों से आय की प्राप्ति होती है इसलिए महिलाओं के काम को पुरुषों के काम की तुलना में कम मूल्यवान समझे जाते हैं।

2. घर का काम अदृश्य होता है और इसका कोई मूल्य नहीं चुकाया जाता। घर के काम शारीरिक रूप
से थकाने वाले होते हैं।
घर के कामों में बहुत समय खप जाता है।
अपने शब्दों में लिखिए कि ‘अदृश्य होने’ शारीरिक रूप से थकाने’ और ‘समय खप जाने’ जैसे वाक्यांशों से आप क्या समझते हैं? अपने घर की महिलाओं के काम के आधार पर हर बात को एक
उदाहरण से समझाइए।
उत्तर :
काम का अदृश्य होना- कई काम दिखाई नहीं देता, जैसे-बच्चों की देखभाल करना, जब बच्चा काफी छोटा होता है उस पर हमेशा निगरानी रखना पड़ता है और निगरानी रखने का कार्य दिखाई नहीं देता।

शारीरिक रूप से थकाने वाले- घरेलू कार्यों जैसे घर की सफ़ाई, कपड़े की सफ़ाई, खाना बनाना आदि कार्यों में अत्यधिक श्रम की आवश्यकता होती है इसलिए यह काम शरीर को थकाने वाले होते हैं।

समय खप जाने- समय खप जाने से अभिप्राय है कि घर में छोटे-छोटे इतने अधिक काम होते हैं, जिन्हें करने में दिन का अधिकांश समय व्यतीत हो जाता है। कई बार घरों में नए-नए काम बढ़ जाते हैं, जैसे कि मेहमानों के आने पर कार्यों का बढ़ना।

3. ऐसे विशेष खिलौनों की सूची बनाइए, जिनसे लड़के खेलते हैं और ऐसे विशेष खिलौनों की भी सूची बनाइए, जिनसे केवल लड़कियाँ खेलती हैं। यदि दोनों सूचियों में कुछ अंतर है, तो सोचिए और बताइए कि ऐसा क्यों है? सोचिए कि क्या इसका कुछ संबंध इस बात से है कि आगे चलकर वयस्क के रूप में बच्चों को क्या भूमिका निभानी होगी?
उत्तर : खिलौनों की सूची
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समाज में लड़के जब युवावस्था में पहुँचते हैं तो वे उन्हीं कामों को ज्यादा पसंद करते हैं जिसे वे बचपन में खिलौने के रूप में खेला करते थे; जैसे-सेना में भर्ती होना, पुलिस या पुलिस ऑफिसर बनना, गाड़ी चलाना
आदि कार्यों को करना पसंद करते हैं। इसके विपरीत लड़कियाँ युवावस्था में किसी भी कार्य करने के
साथ-साथ घरेलू जिम्मेवारी अवश्य निभाती हैं।

4. अगर आपके घर में या आस-पास, घर के कामों में मदद करने वाली कोई महिला है तो उनसे बात कीजिए और उनके बारे में थोड़ा और जानने की कोशिश कीजिए कि उनके घर में और कौन-कौन हैं? वे क्या करते हैं? उनका घर कहाँ है? वे रोज कितने घंटे तक काम करती हैं? वे कितना कमा लेती हैं? इन सारे विवरणों को शामिल कर, एक छोटी-सी कहानी लिखिए।
उत्तर : हमारे पड़ोस में एक महिला घर के कामों में मदद करने के लिए आती है। उसका नाम राजेश्वरी है। उसके पाँच बच्चे हैं। उसका पति सब्जी बेचने का काम करता है। उसके पाँच बच्चों में तीन लड़के और दो लड़कियाँ है। उसके पति का नाम सोमेश्वर है। राजेश्वरी का घर दिल्ली के उपनगर गोकुलपुरी के नाले पर स्थित झोपड़पट्टी में है। राजेश्वरी प्रतिदिन 16 घंटे काम करती है, जिसमें आठ घंटे अपने घर पर काम करती है। और आठ घंटे दूसरे के घरों पर काम करती है। आठ घंटे दूसरे के घरों पर काम करने पर उसे 1800 रुपये मिलता है। उसका पति सब्जी बेचकर 3000 से लेकर 3500 रुपये तक कमा लेता है।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 3 How the State Government Works (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 3 How the State Government Works (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. निम्न शब्दावलियों पर चर्चा कीजिएआमसभा, भारत के राज्य, निर्वाचन क्षेत्र, बहुमत, सत्तारूढ़ दल और विरोधी दल। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-32)
उत्तर : आमसभा- साधारण जनता का एक सम्मेलन को आम सभा कहते हैं।

भारत के राज्य- 
भारत में 28 राज्य हैं। इन सभी राज्यों का क्षेत्रफल और जनसंख्या बराबर नहीं है।

निर्वाचन क्षेत्र- 
इसका तात्पर्य एक निश्चित क्षेत्र से है, जहाँ रहने वाले सभी मतदाता अपना प्रतिनिधि चुनते हैं। उदाहरण के लिए यह कोई पंचायत का वार्ड या वह क्षेत्र हो सकता है, जो विधान सभा सदस्य चुनता है।

बहुमत- 
इसका अर्थ ऐसी स्थिति से है, जब किसी समूह के आधे से अधिक संख्या में लोग किसी निर्णय या विचार से सहमत हों। इसे साधारण बहुमत भी कहा जाता है।

सत्तारूढ़ दल- 
जिस दल की सरकार कायम रहती है उसे  सत्तारूढ़ दल कहते हैं।

विरोधी दल- 
इसका तात्पर्य उन चुने हुए प्रतिनिधियों से है, जो सत्ता पक्ष के सदस्य नहीं हैं और जिनकी भूमिका सरकारी निर्णयों और कार्यों पर प्रश्न उठाने और विधानसभा में विचार के लिए नए मुद्दे उठाने की होती है।

2. क्या आप अपने राज्य के संदर्भ में इनके उदाहरण दे सकते हैं-बहुमत, सत्तारूढ़ दल और विरोधी दल? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-32)
उत्तर : दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के विधानसभा में कांग्रेस पार्टी को बहुमत प्राप्त है और इस संदर्भ में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस पार्टी है, जिसे विधानसभा में दो तिहाई बहुमत प्राप्त है और विरोधी दल के रूप में भारतीय जनता पार्टी है।

3. कई बार सत्ताधारी दल किसी एक पार्टी का न होकर कई पार्टियों से मिलकर बनता है। इसे गठबंधन सरकार कहते हैं। अपने शिक्षक से इस विषय पर चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-33)
उत्तर : जब किसी एक दल को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता और जब कई दल न्यूनतम कार्यक्रम के तहत सबसे बड़े दल को अपना समर्थन देकर सरकार का गठन करते हैं तो इसे गठबंधन सरकार कहते हैं। एक विचारधारा वाला दल ही सबसे बड़े दल का समर्थन करते हैं। इस तरह के गठबंधन सरकार का उदाहरण राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार, एन.डी.ए. की सरकार, यू.पी.ए. की सरकार है।

4. जो विधायक सोचते थे कि सरकार स्थिति को गंभीरता से नहीं ले रही है, वे मुख्य रूप से क्या-क्या तर्क दे रहे थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-36)
उत्तर : हिमाचल प्रदेश के कई विधायक विधान सभा में अपनी-अपनी क्षेत्रों की समस्याओं को बतला रहे थे जिनमें से कुछ विधायक यह मान रहे थे कि सरकार इन समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है इसके लिए विभिन्न विधायकों द्वारा कई तर्क दिए गए।

एक विधायक- अखंडगाव के मेरे निर्वाचन क्षेत्र में पिछले तीन हफ़्तों में हैजे के कारण 15 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। मेरे विचार में सरकार के लिए यह बड़ी शर्मनाक स्थिति है। वह सरकार, जो अपने को प्रौद्योगिकी

में सर्वश्रेष्ठ घोषित कर रही है, हैजे जैसी साधारण बीमारी को रोकने में असफल रही है। मैं स्वास्थ्य मंत्री का ध्यान इस ओर आकर्षित करना चाहूंगा कि वे स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए तत्काल जरूरी कदम उठाएँ।

दूसरा विधायक- मेरा प्रश्न यह है कि सरकारी अस्पतालों की दशा इतनी खराब क्यों है? सरकार जिला अस्पतालों में डॉक्टरों व चिकित्सा कर्मचारियों की ठीक से नियुक्ति क्यों नहीं कर रही? मैं यह भी जानना चाहूँगा कि सरकार इस स्थिति का सामना किस प्रकार करने जा रही है जिससे लोग बड़ी संख्या में प्रभावित हैं और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है? अब यह महामारी का रूप ले चुकी है।

5. यदि आप स्वास्थ्य मंत्री होते, तो उपर्युक्त चर्चा का उत्तर किस प्रकार देते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-36)
उत्तर यदि हम स्वास्थ्य मंत्री होते तो हम उपर्युक्त चर्चा को सुनने के बाद विधायकों को यह बतलाते कि हमने | इस क्षेत्र में कितना काम किया है और समस्या अभी भी कायम है या समस्या उत्पन्न हो गई है, उन समस्याओं का जल्दी ही निपटारा कर लिया जाएगा तथा जिन समस्याओं में अधिकारी और कर्मचारी लापरवाही बरत रहे | हैं उनकी लापरवाही को खत्म किया जाएगा और जरूरत पड़ने पर उन पर उचित कार्रवाई भी किया जाएगा।

6. आपके विचार से क्या उपर्युक्त बहस कुछ अर्थों में उपयोगी रही? कैसे? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-36)
उत्तर : हमारे विचार से विधान सभा में होने वाली सभी बहस उपयोगी थी, क्योंकि वे बहसें जनता की समस्याओं से जुड़ी हुई थीं। विधायकगण इन समस्याओं को सरकार के मंत्रियों के सामने रख रहे थे जिससे कि सरकार के मंत्रीगण उन समस्याओं का जल्द से जल्द निराकरण कर सके।

7. व्याख्या कीजिए कि सरकार की कार्यप्रणाली में एक सामान्य विधायक और उस विधायक में, जो मंत्री भी है, क्या अंतर है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-36 )
उत्तर : एक विधायक जो जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि होते हैं। ये विधायक किसी भी दल के हो सकते हैं, लेकिन जो विधायक मंत्री भी हैं, वे सिर्फ सत्तारूढ़ दल के विधायक हो सकते हैं तथा मंत्री विधायक को किसी एक विभाग का, मंत्रालय सौंपा जाता है और उस मंत्रालय से संबंधित सभी महत्त्वपूर्ण निर्णय मंत्री विधायक द्वारा लिया जाता है। विधायक के मंत्री होने के कारण उनकी सुरक्षा व्यवस्था भी विधायक से अलग होती है।

8. हैजे को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार द्वारा किए गए दो उपाय लिखिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-37)
उत्तर : हैजे को नियंत्रण में लाने के लिए सरकार द्वारा किए गए दो उपाय

  1. सरकार ने साफ़-सफ़ाई के लिए प्रबंध तथा स्वच्छ पानी पीने की व्यवस्था का आश्वासन दिया।
  2. सरकार द्वारा एक उच्च स्तरीय जाँच समिति गठित की गई, जो सफ़ाई सुविधाओं के लिए जिले की जरूरतों के बारे में विचार करेगी और लोक निर्माण मंत्री को यह दिशा-निर्देश दिया गया कि वे क्षेत्र में पानी की उचित व्यवस्था पर ध्यान दें।।

9. प्रेसवार्ता का क्या उद्देश्य है? प्रेस वार्ता आपको सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में किस प्रकार सहायक होती है? ( एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-37)
उत्तर प्रेसवार्ता का मुख्य उद्देश्य सरकार द्वारा जो भी नीतियाँ और कार्यक्रम लागू की जा रही है उन नीतियों और कार्यक्रमों के बारे में आम लोगों को जानकारी देना। समाचार-पत्र एवं अन्य संचार के साधन लोगों के घर तक पहुँचती है, इसलिए प्रेसवार्ता द्वारा सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में काफी सहायक होती है। |

10. अपने शिक्षक की सहायता से पता लगाइए कि उपरोक्त शासकीय विभाग क्या काम करते हैं और उन्हें तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों में भरिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-39)
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 3 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
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प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. निर्वाचन क्षेत्र व प्रतिनिधि शब्दों का प्रयोग करते हुए स्पष्ट कीजिए कि विधायक कौन होता है और उसका चुनाव किस प्रकार होता है?
उत्तर : विधानसभा के सदस्य को विधायक (एम.एल.ए.) कहा जाता है। प्रत्येक विधायक के लिए एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र होता है, जहाँ से विधायक जनता के प्रतिनिधि के रूप में चुनकर आते हैं।
विधायकों का चुनाव|

  1. प्रत्येक विधायक के लिए एक विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र होता है, जहाँ से विधायक जनता के प्रतिनिधि के रूप में चुनकर आते हैं।
  2. प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र के वयस्क नागरिक अपने गुप्त एवं सार्वभौमिक मताधिकार द्वारा एक विधानसभा के प्रतिनिधि का चुनाव कर ते हैं।

2. कुछ विधायक मंत्री कैसे बनते हैं? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : कुछ विधायक को मंत्री, मुख्यमंत्री द्वारा बनाया जाता है। मुख्यमंत्री दल के कुछ विधायकों को मंत्री पद के लिए राज्यपाल से सिफारिश करता है और राज्यपाल विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाता है। इन मंत्रियों के विभागों का बँटवारा मुख्यमंत्री द्वारा किया जाता है; जैसे—वित्तमंत्री, गृहमंत्री, लोकनिर्माण मंत्री, शिक्षा मंत्री आदि।

3. मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों द्वारा लिए गए निर्णयों पर विधानसभा में बहस क्यों होनी चाहिए?
उत्तर : मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों द्वारा लिए गए निर्णयों पर बहस आवश्यक है, क्योंकि मुख्यमंत्री, मंत्री तथा विधायक सामूहिक रूप से जनता के प्रति उत्तरदायी होते हैं। इसलिए उन्हें कोई भी निर्णय जनता के अनुकूल या उनके हित में लेना चाहिए। यह आवश्यक नहीं है कि मुख्यमंत्री तथा अन्य मंत्रियों द्वारा लिए गए निर्णय समाज के सभी वर्गों के लिए लाभकारी हों। विधानसभा में होने वाली बहस के द्वारा ही मुख्यमंत्री तथा मंत्रियों के अधिकारों के दुरुपयोग पर अंकुश लगाना संभव है। बहस के फलस्वरूप आए नवीन विचारों को अंतिम निर्णय में जोड़ा जा सकता है अथवा अनुपयुक्त तथ्यों को हटाया जा सकता है।

4. पातालपुरम में क्या समस्या थी? निम्नलिखित के द्वारा इस विषय में क्या चर्चा या कार्य किए गए? निम्न तालिका में भरिए
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उत्तर : पातालपुरम की समस्याएँ

  1. पानी की कमी के कारण लोगों को तीन दिन में एक बार पानी की सप्लाई दी जाती थी।
  2. लोग मजबूरीवश गंदा पानी पीने के लिए मजबूर थे, जिसके कारण पूरे क्षेत्र में हैजे का प्रकोप फैल गया था।
  3. दस लोगों की मृत्यु हो चुकी थी तथा जिला चिकित्सालय मरीजों से भरा हुआ था।
    इस विषय में निम्न विभागों द्वारा किए गए कार्य
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5. विधानसभा सदस्य द्वारा विधायिका में किए गए कार्यों और शासकीय विभागों द्वारा किए गए कार्यों के बीच क्या अंतर है?
उत्तर : विधानसभा के सदस्य विधायिका में कानूनों का निर्माण करते हैं तथा स्थानीय समस्याओं को विधायिका में
रखते हैं। सरकार द्वारा कई महत्त्वपूर्ण निर्णयों को विधायिका में घोषणा की जाती है। विरोधी दल के विधानसभा के सदस्यों द्वारा सरकार की गलत नीतियों का सदन में विरोध किया जाता है।
शासकीय विभाग द्वारा सरकार के निर्णयों और कानूनों को संचालित किया जाता है।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 Role of the Government in Health (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार के पास इसके लिए पर्याप्त धन और सुविधाएँ नहीं हैं। क्या इस बात से आप सहमत हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-20)
उत्तर :l भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको सरकार स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उसके पास इसके लिए पर्याप्त धन है और सुविधाएँ नहीं हैं। हम इस बात से सहमत नहीं हैं, क्योंकि संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय है और यहाँ सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किए जाते हैं। लगभग हर वर्ष 15,000 नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं, लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में कमी हो रही है। हमारे यहाँ से काफी संख्या में डॉक्टर विदेशों में पलायन कर जाते हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में कमी होती है।

2. रंजन को इतना अधिक पैसा क्यों खर्च करना पड़ा? कारण बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर रंजन ने अपनी बीमारी का इलाज एक निजी अस्पताल में करवाया था, जहाँ सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध थीं। निजी अस्पताल में रंजन का कई तरह का परीक्षण किया गया, क्योंकि इन सभी परीक्षणों को करवाने के लिए डॉक्टर ने कहा था। इन सभी परीक्षणों के बाद यह पता चला कि रंजन को सिर्फ वायरल बुखार है। रंजन को कई तरह के परीक्षण की फीस, डॉक्टर की फीस तथा बेड का चार्ज के कारण अधिक पैसा खर्च करना पड़ा।

3. सरकारी अस्पताल में अमन को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? आपके विचार से अस्पताल कैसे बेहतर ढंग से काम कर सकता है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : सरकारी अस्पताल में अमन को लम्बी कतार में खड़ा होना पड़ा। जब उसकी बारी आई तो उसे डॉक्टर ने खून की जाँच कराने के लिए कहा। इसके लिए उसे एक और लंबी लाइन में खड़े होना पड़ा जहाँ जाँच के लिए खून लिया जा रहा था, वहाँ भी बहुत भीड़-भड़क्का हो रहा था और इन सभी कार्यों के लिए काफी समय लगा। इसके बाद ओ.पी.डी. काउंटर पर भी एक लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ा।

अस्पताल के बेहतर ढंग से काम करने के उपाय

  1. अस्पताल के प्रत्येक कर्मचारी को अलग-अलग काम सौंपा जाना चाहिए।
  2. प्रत्येक कर्मचारी के लिए समय सीमा निर्धारित किया जाना चाहिए कि वह निश्चित समय में एक । निश्चित संख्या में रोगियों की समस्या का निपटारा करें और जिस कर्मचारी एवं डॉक्टर के कार्यों में लापरवाही मिले उस पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
  3. अस्पताल की साफ़-सफ़ाई के लिए अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निगरानी करना चाहिए।

4. जब आप बीमार होते हैं, तो कहाँ जाते हैं? क्या आपको किन्हीं कठिनाइयों का सामना करना पड़ता | है? अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : जब हम बीमार होते हैं, तो हम सरकारी अस्पताल में जाते हैं। सरकारी अस्पताल में लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। उसके बाद सरकारी अस्पताल के विभिन्न जाँच परीक्षण केन्द्रों में जाने पर यह पता चलता है कि वहाँ के कई जाँच परीक्षण की मशीन खराब है। डॉक्टर से इलाज कराने के लिए भी लम्बा इंतजार करना पड़ता है। डॉक्टर द्वारा जो दवाइयाँ लिखी जाती हैं उनमें से कई दवाइयाँ अस्पताल में नहीं मिलतीं, उसे बाहर की दुकानों से खरीदना पड़ता है।

5. निजी चिकित्सालयों में हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : निजी चिकित्सालयों में हमें निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है

  1. निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने में अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
  2. छोटे निजी चिकित्सालयों में कई डॉक्टर ऐसे होते हैं जिनमें योग्यता की कमी होती है।
  3. गलियों या मुहल्लों में कुछ निजी चिकित्सालय के डॉक्टर एम.बी.बी.एस. नहीं होते, दूसरे शब्दों में उन्हें झोला छाप डॉक्टर कहा जाता है, जो कंपाउंटर से डॉक्टर बने होते हैं।
  4. छोटे निजी चिकित्सालयों में कई जाँच परीक्षण यंत्रों की कमी होती है। जिसके कारण बाहर से जाँच परीक्षण कराना पड़ता है।

6. किन-किन अर्थों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था’ सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-25)
उत्तर : निम्न अर्थों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है

  1. सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में अमीर-गरीब कोई भी व्यक्ति अपने रोग का इलाज करा सकता है।
  2. सार्वजनिक स्वाथ्य केंद्र में मुफ्त में इलाज और दवाइयाँ दी जाती हैं इसलिए इसमें इलाज कराना सबके लिए संभव है।
  3. सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी का इलाज करते समय किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता।
  4. सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ये । अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं।
  5. इन सेवाओं को चलाने के लिए धन उस पैसे से आता है, जो लोग सरकार को टैक्स के रूप में देते हैं।

7. कुछ सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा अस्पतालों की सूची बनाइए, जो आपके घर के पास हैं। अपने अनुभव से अथवा उनमें से किसी एक में जाकर केन्द्र चलाने वाले लोगों को और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-25)
उत्तर : सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्र जो दिल्ली में स्थित हैं

  1. गुरु तेग बहादुर अस्पताल
  2. लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल
  3. हिन्दू राव अस्पताल
  4. राम मनोहर लोहिया अस्पताल
  5. गोविंद वल्लभ पंत अस्पताल
  6. ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट
  7. सफदरजंग अस्पताल

इन सरकारी अस्पतालों की स्थिति

  1. इन सरकारी अस्पतालों को अधिकारीगण समूह के प्रबंधन द्वारा चलाए जाते हैं।
  2. इन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के समूह कायम हैं, जो अलग-अलग रोगों के विशेषज्ञ हैं।
  3. इन सरकारी अस्पतालों के भवन काफी विशाल हैं तथा इनमें सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। | गई हैं। इन अस्पतालों में कई जाँच परीक्षण यंत्र भी हैं।
  4. इन अस्पतालों में रोगी को मुफ़्त इलाज के साथ-साथ मुफ्त दवाइयाँ भी दी जाती हैं।

8. आपके घर के पास कौन-सी निजी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं? उन्हें चलाने वाले लोगों और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-26)
उत्तर : निजी स्वास्थ्य केन्द्र जो दिल्ली में स्थित हैं

  1. अपोलो अस्पताल
  2. गंगा राम अस्पताल
  3. सेंट स्टीफेंस अस्पताल निजी अस्पतालों को निजी व्यक्ति या किसी डॉक्टर द्वारा संचालित किए जाते हैं। इनमें भी सभी तरह की सुविधाएँ दी जाती हैं। इन अस्पतालों में सेवाएँ सार्वजनिक अस्पतालों से अच्छी होती हैं। रोगियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. इस अध्याय में आपने पढ़ा है कि स्वास्थ्य में सिर्फ बीमारी की बात नहीं की जा सकती है। संविधान से लिए गए एक अंश को यहाँ पढ़िए और अपने शब्दों में समझाइए कि ‘जीवन का स्तर’ और ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ के क्या मायने होंगे। संविधान का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा यह कहता है कि ‘‘पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है।”
उत्तर : भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व में लोगों के कल्याण से संबंधित कई उपबंध लिखे गए हैं। जिसके तहत सरकार के लिए कई तरह के दिशा का निर्देश जारी किए गए हैं। इसी संदर्भ में नीति निर्देशक सिद्धान्त में कहा गया है कि पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है। इसलिए भारत सरकार राज्य सरकार और स्थानीय सरकार ने कई स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया है तथा पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।

2. सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार कौन-कौन से कदम उठा सकती है? चर्चा कीजिए।
उत्तर : सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार निम्न कदम उठा सकती है

  1. स्वास्थ्य केन्द्रों या चिकित्सा केन्द्रों में वृद्धि करके।
  2. सरकार स्वास्थ्य की सुविधाओं में वृद्धि के लिए अपने बजट में वृद्धि करें।
  3. सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण कानून लाकर प्रदूषण में कमी लाया जा सकता है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।
  4. पीने के लिए स्वच्छ जल लोगों को उपलब्ध करवाकर।

3. आपको, अपने इलाके में उपलब्ध सार्वजनिक और निजी स्वास्थ्य सेवाओं में क्या-क्या अंतर देखने को मिलते हैं? नीचे दी गई तालिका को भरते हुए, इनकी तुलना कीजिए और अंतर बताइए।
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 (Hindi Medium) 2

4. पानी और साफ़-सफाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेकों बीमारियों की रोकथाम, की जा सकती है। उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : पानी और साफ़-सफ़ाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेकों बीमारियों की रोकथाम निम्न प्रकार से की जा सकती है

  1. संचारणीय बीमारियाँ पानी के द्वारा एक से दूसरे को लगती हैं। इन बीमारियों में से 21% बीमारियाँ जल जनित होती हैं। जैसे-हैजा, पेट के कीड़े और हैपेटाइटिस।।
  2. साफ़-सफ़ाई की कमी एवं प्रदूषण के कारण भी अनेक बीमारियाँ फैलती हैं; जैसे- भारत में ही लगभग | 5 लाख व्यक्ति प्रतिवर्ष तपेदिक (टी.बी.) से मर जाते हैं। डेंगू, मलेरिया आदि अनेकों बीमारियाँ साफ़-सफ़ाई की कमी से होती है।
    उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि पानी और साफ़-सफ़ाई की गुणवता में सुधार करके अनेकों बीमारियों की रोकथाम संभव है।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 Tribes, Nomads and Settled Communities (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. उपमहाद्वीप का एक भौतिक मानचित्र लेकर वे इलाके बताइए जहाँ जनजातीय लोग रहते रहे होंगे। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-92)
उत्तर उपमहाद्वीप में जनजातियों के निवास स्थान –
NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 (Hindi Medium) 1
NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 (Hindi Medium) 2

2. पता करें कि आजकल गाँव से शहरों तक अनाज ले जाने का काम कैसे होता है? बंजारों के तौर-तरीकों से यह किन मायनों में भिन्न या समान हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-95)
उत्तर आजकल गाँव से शहरों तक अनाज ले जाने का काम बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, भैंसागाड़ी, ट्रैक्टर, खच्चर आदि से किया जाता है, जबकि बंजारे अपना सामान बैलों पर लादकर ले जाते थे, अर्थात् पहले की तुलना में आज गाँव से शहरों तक अनाज ले जाने में काफ़ी सुविधा हो गई है।

3. चर्चा करें कि मुगल लोग गोंड प्रदेश पर क्यों कब्जा करना चाहते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर गोंडों का राज्य गढ़ कटंगा था जो कि एक समृद्ध राज्य था। इस राज्य ने हाथियों को पकड़ने और दूसरे राज्यों में उनका निर्यात करने के व्यापार में खासा धन कमाया। मुगल गोंड राज्य की समृद्धि को देखकर उस पर कब्जा जमाना चाहते थे। जब मुगलों ने गोंडों को हराया तो उन्होंने लूट में बेशकीमती सिक्के और हाथी प्राप्त किए। मुगलों ने राज्य का एक भाग अपने कब्जे में ले लिया और शेष बीर नारायण के चाचा चंदरशाह को दे दिया।

4. आपके विचार में मुगलों ने अहोम प्रदेश को जीतने का प्रयास क्यों किया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-100)
उत्तर अहोमों ने सोलहवीं सदी के दौरान चुटियों और कोच-हाजो के राज्यों को अपने राज्य में मिला लिया। उन्होंने कई अन्य जनजातियों को भी अपने अधीन कर लिया। अहोमों ने एक बड़ा राज्य बनाया और इसके लिए 1530 के दशक में ही इतने वर्षों पहले आग्नेय अस्त्रों का इस्तेमाल किया। 1660 तक आते-आते वे उच्च स्तरीय बारूद और तोपों का निर्माण करने में सक्षम हो गए थे। अहोम अपनी शक्ति और साम्राज्य का विस्तार काफ़ी तेजी से कर रहे थे, इसलिए मुगलों ने अहोम प्रदेश को जीतने का प्रयास किया।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 (Hindi Medium) 3
NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 (Hindi Medium) 4

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 7 (Hindi Medium) 5

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

(क) वर्गों के भीतर पैदा होती नयी जातियाँ ………….. कहलाती थीं।
(ख) ………….. अहोम लोगों के द्वारा लिखी गई ऐतिहासिक कृतियाँ थीं।
(ग) …………. ने इस बात का उल्लेख किया है कि गढ़ कटंगा में 70,000 गाँव थे।
(घ) बड़े और ताकतवर होने पर जनजातीय राज्यों ने ………….. और …………. को भूमि-अनुदान दिए।

उत्तर

(क) श्रेणियाँ
(ख) बुरंजी
(ग) अकबरनामा
(घ) मंदिर बनवाए, ब्राह्मणों।

3. सही या गलत बताइए :

(क) जनजातीय समाजों के पास समृद्धवाचक परंपराएँ थीं।
(ख) उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी भाग में कोई जनजातीय समुदाये नहीं था।
(ग) गोंड राज्यों में अनेक नगरों को मिलाकर चौरासी बनता था।
(घ) भील, उपमहाद्वीप के उत्तर-पूर्वी भाग में रहते थे।

उत्तर

(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) गलत।।

4. खानाबदोश पशुचारकों और एक जगह बसे हुए खेतिहरों के बीच किस तरह का विनिमय होता था?
उत्तर खानाबदोश पशुचारकों और खेतिहरों के बीच वस्तु विनिमय होता था, जिसके तहत एक वस्तु को देकर दूसरे वस्तु को प्राप्त करना होता था। खानाबदोश चरवाहे अपने जानवरों के साथ दूर-दूर तक घूमते थे। उनका जीवन दूध और अन्य पशुचारी उत्पादों पर निर्भर था। खानाबदोशी चरवाहे गृहस्थों से अनाज, कपडे, बर्तन और ऐसी ही चीज़ों के बदले ऊन, घी, दूध दिया करते थे। कुछ खानाबदोश रास्ते में पड़ने वाले गाँवों और नगरों में सामानों की खरीद-फरोख्त भी करते थे। आइए समझें

5. अहोम राज्य का प्रशासन कैसे संगठित था?
उत्तर अहोम प्रशासन को संगठन निम्न प्रकार से संगठित था

  1. सत्रहवीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध तक अहोम प्रशासन केन्द्रीकृत हो चुका था।
  2. अहोम समाज कुलों में विभाजित था। बाद में कुलों में एकता भंग हो गई।
  3. एक कुल (खेल) के नियंत्रण में प्रायः कई गाँव होते थे। किसान को अपने ग्राम समुदाय के द्वारा जमीन दी जाती थी। समुदाय की सहमति के बगैर राजा तक इसे वापस नहीं ले सकता था।

6. वर्ण आधारित समाज में क्या परिवर्तन आए?
उत्तर वर्ण आधारित समाज में निम्न परिवर्तन आए –

  1. वर्गों के भीतर छोटी-छोटी जातियाँ उभरने लगीं। उदाहरण के लिए, ब्राह्मणों के बीच नयी जातियाँ सामने आईं।
  2. दूसरी ओर कई जनजातियों और सामाजिक समूहों को जाति विभाजित समाज में शामिल कर लिया गया और उन्हें जातियों का दर्जा दे दिया गया।
  3. ब्राह्मणों द्वारा शिल्पियों, सुनार, लोहार, बढ़ई और राजमिस्त्री को जातियों के रूप में मान्यता दे दी गई।
  4. वर्ण की बजाय जाति, समाज के संगठन का आधार बनी।

7. एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज कैसे बदला?
उत्तर एक राज्य के रूप में संगठित हो जाने के बाद जनजातीय समाज में कई तरह से बदलाव आए।

(i) हूण, चंदेल, चालुक्य और कुछ दूसरी वंश परंपराओं में से कुछ पहले जनजातियों में आते थे और बाद में कई कुल राजपूत मान लिए गए। धीरे-धीरे उन्होंने पुराने शासकों की जगह ले ली, विशेषतः कृषि वाले क्षेत्रों में।

शासकों के रूप में राजपूत गोत्रों के उदय के उदाहरण का जनजातीय लोगों ने अनुसरण किया। धीरे-धीरे ब्राह्मणों के समर्थन से कई जनजातियाँ, जाति व्यवस्था का हिस्सा बन गई लेकिन केवल प्रमुख जनजातीय परिवार ही शासक वर्ग में शामिल हो सके।

आइए विचार करें

8. क्या बंजारे लोग अर्थव्यवस्था के लिए महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर हाँ, बंजारे लोग अर्थव्यवस्था की दृष्टि से कई तरह से महत्त्वपूर्ण थे –

  1. बंजारे लोग सबसे महत्त्वपूर्ण व्यापारी खानाबदोश थे।
  2. सल्तनत काल में बंजारे नगर के बाजारों तक अनाज की ढुलाई किया करते थे।
  3. बंजारे विभिन्न इलाकों से अपने बैलों पर अनाज ले जाकर शहरों में बेचते थे।
  4. सैन्य अभियानों के दौरान वे मुगल सेना के लिए खाद्यान्नों की ढुलाई का काम करते थे। बंजारे किसी | भी सेना के लिए एक लाख बैलों से अनाज ढोते थे।

9. गोंड लोगों का इतिहास, अहोमों के इतिहास से किन मायनों में भिन्न था? क्या कोई समानता भी थी?
उत्तर गोंड लोगों के इतिहास एवं अहोमों के इतिहास में कई मायनों में अन्तर था, जैसे

  1. गोंड, गोंडवाना प्रदेश की प्रमुख जनजाति थी, जबकि अहोम ब्रह्मपुत्र घाटी में निवास करने वाली प्रमुख जनजाति थी।
  2. गोंड यहाँ के मूल निवासी थे, जबकि अहोम म्यानमार से आकर बसे थे।
  3. गोंड आग्नेय अस्त्रों का प्रयोग नहीं जानते थे, जबकि अहोम उच्च स्तरीय बारूद और तोपों के निर्माण में सक्षम थे।
  4. गोंडवाना राज्य अहोम राज्य की तुलना में बड़ा था।

गोंड इतिहास एवं अहोम इतिहास में समानताएँ –

  1. गोंड और अहोम दोनों ही जनजातियाँ थीं।
  2. दोनों ही जनजातियों ने अपने-अपने साम्राज्य स्थापित किए।
  3. दोनों ही राज्यों को मुगलों ने पराजित किया।

आइए करके देखें

10. एक मानचित्र पर इस अध्याय में उल्लिखित जनजातियों के इलाकों को चिह्नित करें। किन्हीं दो के संबंध में यह चर्चा करें कि क्या उनके जीविकोपार्जन का तरीका अपने-अपने इलाकों की भौगोलिक विशेषताओं और पर्यावरण के अनुरूप था?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

11. जनजातीय समूहों के संबंध में मौजूदा सरकारी नीतियों का पता लगाएँ और उनके बारे में एक बहस का आयोजन करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. उपमहाद्वीप में वर्तमान खानाबदोश पशुचारी समूहों के बारे में और पता लगाएँ वे कौन-से जानवर रखते हैं? वे प्रायः किन इलाकों में जाते रहते हैं?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 Towns, Traders and Craftpersons (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 Towns, Traders and Craftpersons (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. आपके मत से लोग तंजावूर को एक महान नगर क्यों मानते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-76)
उत्तर तंजावूर चोल राजाओं की राजधानी थी। वर्ष में बारहों महीने बहने वाली कावेरी नदी इस सुंदर नगर के पास बहती है। इस नगर में सुंदर और भव्य कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण हो चुका था। इस नगर में मंदिर के अलावा अनेक राजमहल हैं, जिनमें कई मंडप बने हुए हैं। राजा लोग इन मंडपों में अपना दरबार लगाते थे। नगरे उन बाज़ारों की हलचल से भरा हुआ था। तंजावूर एक मंदिर नगर का भी उदाहरण है। मंदिर नगर नगरीकरण का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रतिरूप प्रस्तुत करते हैं।

2. आपके विचार से इस प्रविधि के प्रयोग (लुप्तमोम तकनीक) के क्या-क्या लाभ थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-77)
उत्तर ‘लुप्तमोम’ तकनीक के अन्तर्गत सर्वप्रथम मोम की एक प्रतिमा बनाई जाती थी। इसे चिकनी मिट्टी से पूरी तरह लीपकर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता था। जब वह पूरी तरह सूख जाती थी, तो उसे गर्म किया जाता था और उसके मिट्टी के आवरण में एक छोटा-सा छेद बनाकर उसे छेद के रास्ते सारा पिघला हुआ मोम बाहर निकाल दिया जाता था, फिर चिकनी मिट्टी के खाली साँचे में उसी छेद के रास्ते पिघली हुई धातु । भर दी जाती थी। जब वह धात् ठंडी होकर ठोस हो जाती थी, तो चिकनी मिट्टी के आवरण को सावधानीपूर्वक हटा दिया जाता था।

इस विधि से किसी भी प्रतिमा को सस्ता और सुंदर बनाया जाता था तथा इस प्रतिमा में काफ़ी चमक भी होती थी। प्रतिमा मिट्टी और मोम से बने होने के बावजूद भी काफ़ी मजबूत होती थी।

3. आज बाज़ार पर लगने वाले करों के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें। इन्हें कौन इकट्ठा करता है, वे किस प्रकार वसूल किए जाते हैं और उनका प्रयोग किस काम के लिए होता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-79)
उत्तर बाज़ार में लगने वाले कर बिक्री हैं, इन्हें सरकार के आयकर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वसूल करते हैं। ये कर विक्रेताओं से वसूल किए जाते हैं। इन करों का प्रयोग प्रशासनिक कार्यों, विकास कार्यों और लोक कल्याणकारी कार्य के लिए किया जाता है।

4. आपके विचार से हम्पी नगर किलेबंद क्यों था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-83)
उत्तर हम्पी नगर विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। विजयनगर साम्राज्य की राजधानी होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से इस नगर को किलेबंद किया गया था, जिससे कि यह नगर बाहरी आक्रमण से सुरक्षित रह सके।

5. अंग्रेज़ों और हॉलैंडवासियों ने मसूलीपट्टनम में अपनी बस्तियाँ बसाने का निर्णय क्यों लिया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-85)
उत्तर मसूलीपट्टनम समुद्र के किनारे बसा हुआ है। पहले यहाँ पर मछुआरे रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे व्यापारी लोग भी यहाँ रहने लगे। व्यापारी लोगों का दूसरे देशों से व्यापार होता रहता था। यहाँ पर इंग्लैण्ड तथा हॉलैंड के निवासी आते-जाते रहते थे और वे यहाँ पर रुकते भी थे। इस स्थान पर जहाजों के लिए लंगर डालने की | व्यवस्था हो गयी थी। व्यापारिक सुविधाओं के कारण ही अंग्रेज़ों और हॉलैंडवासियों ने मसूलीपट्टनम में अपनी बस्तियाँ बसाने का निर्णय लिया।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

(क) राजराजेश्वर मंदिर …………………. में बनाया गया था।
(ख) अजमेर सूफ़ी संत ……………… से संबंधित है।
(ग) हम्पी ……………….. साम्राज्य की राजधानी थी।
(घ) हॉलैंडवासियों ने आंध्र प्रदेश में ………………………….. पर अपनी बस्ती बसाई।

उत्तर

(क) ग्यारहवीं सदी में
(ख) ख्वाजा मुइनुउद्दीन चिश्ती
(ग) विजयनगर
(घ) मसूलीपट्टनम।

2. बताएँ क्या सही है और क्या गलत :

(क) हम राजराजेश्वर मंदिर के मूर्तिकार (स्थपति) का नाम एक शिलालेख से जानते हैं।
(ख) सौदागर लोग काफ़िलों में यात्रा करने की बजाय अकेले यात्रा करना अधिक पसंद करते थे।
(ग) काबुल हाथियों के व्यापार का मुख्य केंद्र था।
(घ) सूरत बंगाल की खाड़ी पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक पत्तन था।

उत्तर

(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) गलत।

3. तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कैसे की जाती थी?
उत्तर तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कुँओं और तालाबों द्वारा की जाती थी।

4. मद्रास जैसे बड़े नगरों में स्थित ‘ब्लैक टाउन्स’ में कौन रहता था?
उत्तर ब्लैक टाउन्स में भारतीय व्यापारी, शिल्पकार, औद्योगिक मजदूर एवं अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर तथा कर्मचारी रहा करते थे।

आइए समझें

5. आपके विचार से मंदिरों के आस-पास नगर क्यों विकसित हए?
उत्तर मंदिरों के आस-पास नगरों के विकसित होने के कारण

  1. मंदिर के कर्ता-धर्ता मंदिर के धन को व्यापार एवं साहूकारी में लगाते थे।
  2. शनैः शनैः समय के साथ बड़ी संख्या में पुरोहित-पुजारी, कामगार, शिल्पी, व्यापारी आदि मंदिर तथा उसके | दर्शनार्थियों एवं तीर्थयात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मंदिर के आस-पास बसते गए।
  3. मंदिर के दर्शनार्थी भी दान दक्षिण दिया करते थे तथा राजा द्वारा भी भूमि एवं धन अनुदान में दिए जाते थे, इससे मंदिर के पुजारियों की आजीविका चलती थी।
  4. तीर्थयात्रियों तथा पुरोहित पंडितों को मंदिर प्रशासन द्वारा भोजन कराया जाता था, जिससे मंदिर के पास साधु-संत और पुरोहित-पंडितों को आवास स्थान बन गया था।

6. मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन कितने महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन निम्न कारणों से महत्त्वपूर्ण थे|

  1. मंदिरों के निर्माण के लिए शिल्पी काफ़ी महत्त्वपूर्ण थे-शिल्पियों में सुनार, कसेरे, लोहार, राजमिस्त्री और बढ़ई शामिल थे।
  2. शिल्पकार मंदिरों को सुंदर बनाने में काफ़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। शिल्पकार ही मंदिरों के विभिन्न भागों को निर्मित करते थे।
  3. मंदिरों को कलात्मक रूप से सजाने का कार्य शिल्पकार ही करते थे।

7. लोग दूर-दूर के देशों-प्रदेशों से सूरत क्यों आते थे?

उत्तर सूरत नगर में लोगों के दूर-दूर प्रदेशों से आने के कारण

  1. सूरत अरब सागर के तट पर स्थित एक बन्दरगाह नगर था, जहाँ से पश्चिमी एशिया के देशों से व्यापार होता था।
  2. सूरत को मक्का का प्रस्थान द्वार भी कहा जाता था, क्योंकि बहुत से हज यात्री जहाज से यहीं से रवाना होते थे।
  3. सूरत शिल्प उद्योग का प्रमुख केन्द्र था, जिससे काफ़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ था।
  4. सूरत एक व्यापारिक नगर था, जहाँ पर कई वस्तुओं के थोक और फुटकर बाज़ार थे।

8. कलकत्ता जैसे नगरों में शिल्प उत्पादन तंजावूर जैसे नगरों के शिल्प उत्पादन से किस प्रकार भिन्न था ?
उत्तर तंजावूर कलकत्ता से पहले का विकसित नगर है, इसलिए तंजावूर में शिल्प का उत्पादन कलकत्ता से पहले शुरू हो गया था। दोनों नगरों के शिल्प उत्पादन में काफ़ी भिन्नता थी|

  1. कलकत्ता में मुख्यत: शिल्प उत्पादन सूती, रेशमी व जूट उत्पादन तक सीमित था।
  2. तंजावूर में सूती वस्त्रों के अतिरिक्त कांस्य मूर्तियों, धातु के दीपदान, मंदिरों के घंटे, आभूषणों आदि का निर्माण बड़े पैमाने पर होता था, क्योंकि तंजावूर एक मंदिर नगर था।

आइए विचार करें

9. इस अध्याय में वर्णित किसी एक नगर की तुलना आप, अपने परिचित किसी कस्बे या गाँव से करें। क्या दोनों के बीच कोई समानता या अंतर हैं?
उत्तर सूरत (नगर) और टेकारी (कस्बा) की तुलना
NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 (Hindi Medium) 1

10. सौदागरों को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था? आपके विचार से क्या वैसी कुछ समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं?
उत्तर सौदागरों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

  1. व्यापारियों को अनेक राज्यों तथा जंगलों में से होकर गुजरना पड़ता था, इसलिए वे आमतौर पर काफिले बनाकर एक साथ यात्रा करते थे।
  2. सौदागर अपने हितों की रक्षा के लिए व्यापार संघ (गिल्ड) बनाते थे।
  3. उन्हें विभिन्न प्रकार के कर चुकाने पड़ते थे।
  4. प्राचीन व मध्यकाल में यातायात के रूप में बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, नावें आदि प्रमुख थे। अर्थात् यातायात के साधन भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थे।

वर्तमान समय में भी सौदागरों को व्यापार संघ बनाने पड़ते हैं। उन्हें विभिन्न कर चुकाने पड़ते हैं तथा व्यापार के लिए दूर-दूर तक यात्राएँ करनी पड़ती हैं।

आइए करके देखें

11. तंजावूर या हम्पी के वास्तुशिल्प के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें और इन नगरों के मंदिरों तथा अन्य भवनों के चित्रों की सहायता से एक स्क्रैपबुक तैयार करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. किसी वर्तमान तीर्थस्थान का पता लगाएँ। बताएँ कि लोग वहाँ क्यों जाते हैं, वहाँ क्या करते हैं, क्या उस केंद्र के आस-पास दुकानें हैं और वहाँ क्या खरीदा और बेचा जाता है?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

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NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 Devotional Paths to the Divine (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 Devotional Paths to the Divine (Hindi Medium)

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पाठगत प्रश्न

1. शंकर या रामानुज के विचारों के बारे में पता लगाने का प्रयत्न करें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर
शंकर – उनका का जन्म आठवीं शताब्दी में केरल प्रदेश में हुआ था। उनके मुख्य विचार थे-

  1. वे अद्वैतवाद के समर्थक थे, जिसके अनुसार जीवात्मा और परमात्मा दोनों एक ही हैं।
  2. उन्होंने यह शिक्षा दी कि ब्रह्मा, जो एकमात्र या परम सत्य है, वह निर्गुण और निराकार है।
  3.  उन्होंने हमारे चारों ओर के संसार को मिथ्या या माया माना और संसार का परित्याग करने अर्थात संन्यास लेने और ब्रह्मा की सही प्रकृति को समझने और मोक्ष प्राप्त करने के लिए ज्ञान के मार्ग को अपनाने का उपदेश दिया।

रामानुज – रामानुज ग्यारहवीं शताब्दी में तमिलनाडु में पैदा हुए थे। वे विष्णु भक्त अलवार संतों से बहुत प्रभावित थे। इनके मुख्य विचार थे-

  1. मोक्ष प्राप्त करने का उपाय विष्णु के प्रति अनन्य भक्ति भाव रखना है।
  2. भगवान विष्णु की कृपादृष्टि से भक्त उनके साथ एकाकार होने का परमानंद प्राप्त कर सकता है।
  3. रामानुज ने विशिष्टताद्वैत के सिद्धान्त को प्रतिपादित किया, जिसके अनुसार आत्मा, परमात्मा से जुड़ने के बाद भी अपनी अलग सत्ता बनाए रखती है।

2. वसवन्ना, ईश्वर को कौन-सा मंदिर अर्पित कर रहा है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर बसवन्ना ईश्वर को शरीररूपी मंदिर अर्पित कर रहा है।

3. आपके विचार से मीरा ने राणा का राजमहल क्यों छोड़ा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-115)
उत्तर मीराबाई रविदास जो ‘अस्पृश्य जाति’ के माने जाते थे, की अनुयायी बन गईं। वे कृष्ण के प्रति समर्पित थीं। और उन्होंने अपने गहरे भक्ति-भाव को कई भजनों में अभिव्यक्त किया है। कृष्ण के प्रति समर्पित होने के कारण ही उन्होंने राजमहल को छोड़ दिया।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 (Hindi Medium) 2

2. रिक्त स्थान की पूर्ति करें :

(क) शंकर …………. के समर्थक थे।
(ख) रामानुज ………….. के द्वारा प्रभावित हुए थे।
(ग) …………………. , …………………….. और …………………….. वीरशैव मत के समर्थक थे।
(घ) ……………… महाराष्ट्र में भक्ति परंपरा का एक महत्त्वपूर्ण केंद्र था।

उत्तर

(क) अद्वैत
(ख) अलवार
(ग) वसवन्ना,अल्लामा-प्रभु,अक्कमहादेवी
(घ) पंढरपुर।

3. नाथपंथियों, सिद्धों और योगियों के विश्वासों और आचार-व्यवहारों का वर्णन करें।
उत्तर नामपंथी, सिद्ध और योगी इस काल में अनेक ऐसे धार्मिक समूह उभरे, जिन्होंने साधारण तर्क-वितर्क का सहारा लेकर रूढ़िवादी धर्म के कर्मकांडों और अन्य बनावटी पहलुओं तथा समाज-व्यवस्था की आलोचना की है। उनमें नामपंथी, सिद्धाचार और योगी जन उल्लेखनीय हैं। उन्होंने संसार का त्याग करने का समर्थन किया। उनके विचार से निराकार परम सत्य का चिन्तन-मनन और उसके साथ एक हो जाने की अनुभूति ही मोक्ष का मार्ग है। इसके लिए उन्होंने योगासन, प्राणायाम और चिन्तन-मनन जैसी क्रियाओं के माध्यम से मन एवं शरीर को कठोर प्रशिक्षण देने की आवश्यकता पर बल दिया। उनके द्वारा की गई रूढ़िवादी धर्म की आलोचना ने भक्तिमार्गीय धर्म के लिए आधार तैयार किया, जो आगे चलकर उत्तरी भारत में लोकप्रिय शक्ति बना।

4. कबीर द्वारा अभिव्यक्त प्रमुख विचार क्या-क्या थे ? उन्होंने इन विचारों को कैसे अभिव्यक्त किया ?
उत्तर कबीर द्वारा अभिव्यक्त प्रमुख विचार

  1. कबीर निराकार परमेश्वर में विश्वास करते थे।
  2. भक्ति के माध्यम से ही मोक्ष यानी मुक्ति प्राप्त हो सकती है।
  3. हिन्दू और इस्लाम धर्म में व्याप्त कुरीतियों की आलोचना की।
  4. प्रत्येक व्यक्ति को ईश्वर के प्रति प्रेम-भाव रखना चाहिए।
  5. हिंदू और मुसलमान एक ही ईश्वर की संतान हैं।
  6. धर्मों का अंतर अथवा भेदभाव मानव द्वारा बनाया गया है। आइए समझें।

5. सूफियों के प्रमुख आचार-व्यवहार क्या थे ?
उत्तर सूफी पंथ के आचार-विचार

  1. सूफी पंथ धर्म के बाहरी आडम्बरों को अस्वीकार करते हुए ईश्वर के प्रति प्रेम और भक्ति तथा सभी मनुष्यों के प्रति दयाभाव रखने पर बल देते थे।
  2. सूफी संत ईश्वर के साथ ठीक उसी प्रकार जुड़े रहना चाहते थे, जिस प्रकार एक प्रेमी दुनिया की। परवाह किए बिना अपनी प्रियतम के साथ जुड़े रहना चाहता है।
  3. ईश्वर एक है, उसे प्रेम-साधना और भक्ति द्वारा प्राप्त किया जा सकता है।

6. आपके विचार से बहुत-से गुरुओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रथाओं को अस्वीकार क्यों किया ?
उत्तर बहुत से गुरुओं ने उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वासों तथा प्रथाओं को निम्न कारणों से अस्वीकार कर दिया

  1. प्राचीनकाल से चले आ रहे ऐसे धार्मिक कर्मकांड जिसमें कई तरह की कुरीतियाँ व्याप्त हो गई थीं।
  2. प्राचीन काल से चली आ रही धार्मिक रीति-रिवाज एवं प्रथाओं में काफी जटिलताएँ आ गई थीं।
  3. उस समय प्रचलित धार्मिक विश्वास तथा प्रथाएँ समानता पर आधारित नहीं थीं। कई वर्गों के साथ काफी भेदभाव किया जाता था।

7. बाबा गुरुनानक की प्रमुख शिक्षाएँ क्या थीं ?
उत्तर बाबा गुरुनानक की प्रमुख शिक्षाएँ निम्न हैं

  1. एक ईश्वर की उपासना करनी चाहिए।
  2. जाति-पाति और लिंग-भेद की भावना से दूर रहना चाहिए।
  3. ईश्वर की उपासना करनी चाहिए, दूसरों का भला करना चाहिए तथा अच्छे आचार-विचार अपनाने चाहिए।
  4. उनके उपदेशों को नाम-जपना, कीर्तन करना और वंड-छकना के रूप में याद किया जाता है।

आइए विचार करें

8. जाति के प्रति वीरशैवों अथवा महाराष्ट्र के संतों का दृष्टिकोण कैसा था ? चर्चा करें।
उत्तर
जाति के प्रति वीरशैवों के विचार – वीरशैवों ने सभी प्राणियों की समानता के पक्ष में और जाति तथा नारी के प्रति व्यवहार के बारे में ब्राह्मणवादी विचारधारा के विरुद्ध अपने प्रबल तर्क प्रस्तुत किए। इसके अलावा वे सभी प्रकार के कर्मकांडों और मूर्तिपूजा के विरोधी थे।

जाति के प्रति महाराष्ट्र के संतों के विचार – महाराष्ट्र के संतों में जणेश्वर, नामदेव, एकनाथ और तुकाराम आदि महत्त्वपूर्ण थे। इन संतों ने सभी प्रकार के कर्मकांडों, पवित्रता के ढोंगों और जन्म पर आधारित सामाजिक अंतरों का विरोध किया।

9. आपके विचार से जनसाधारण ने मीरा की याद को क्यों सुरक्षित रखा?
उत्तर हमारे विचार से जनसाधारण ने मीराबाई की याद को निम्न कारणों से सुरक्षित रखा

  1. मीराबाई एक राजपूत राजकुमारी थीं और उसका विवाह मेवाड़ के राजपरिवार में हुआ था, फिर भी उन्होंने रविदास जो अस्पृश्य जाति से संबंधित थे, को अपना गुरु बनाया।
  2. उन्होंने भगवान कृष्ण की उपासना में अपने-आप को समर्पित कर दिया था। उन्होंने अपने गहरे भक्ति-भाव को कई भजनों में अभिव्यक्त किया है।
  3. उनके गीतों ने उच्च जातियों के रीतियों-नियमों को खुली चुनौती दी तथा ये गीत राजस्थान व गुजरात के जनसाधारण में बहुत लोकप्रिय हुए।

आइए करके देखें

10. पता लगाएँ कि क्या आपके आस-पास भक्ति परंपरा के संतों से जुड़ी हुई कोई दरगाह, गुरुद्वारा या मंदिर है। इनमें से किसी एक को देखने जाइए और बताइए कि वहाँ आपने क्या देखा और सुना।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

11. इस अध्याय में अनेक संत कवियों की रचनाओं के उद्धरण दिए गए हैं। उनकी कृतियों के बारे में और अधिक जानकारी प्राप्त करें और उनकी उन कविताओं को नोट करें, जो यहाँ नहीं दी गई हैं। पता लगाएँ कि क्या ये गाई जाती हैं। यदि हाँ, तो कैसे गाई जाती हैं और कवियों ने इनमें किन विषयों पर लिखा था।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. इस अध्याय में अनेक संत-कवियों के नामों का उल्लेख किया गया है, परंतु कुछ की रचनाओं को इस अध्याय में शामिल नहीं किया गया है। उस भाषा के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें, जिसमें ऐसे कवियों ने अपनी कृतियों की रचना की। क्या उनकी रचनाएँ गाई जाती थीं? उनकी रचनाओं का विषय क्या था?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 8 are helpful to complete your homework.