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NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 माटी वाली

NCERT Solutions for Class 9 Hindi Kritika Chapter 4 माटी वाली

प्रश्न-अभ्यास

(पाठ्यपुस्तक से)

प्रश्न 1.
‘शहरवासी सिर्फ माटी वाली को नहीं, उसके कंटर को भी अच्छी तरह पहचानते हैं।’ आपकी समझ से वे कौन से कारण रहे होंगे जिनके रहते ‘माटी वाली’ को सब पहचानते थे?
उत्तर:
चूँकि माटी वाली ही एकमात्र ऐसी महिला थी जो खाना बनाने के चूल्हों को पोतने और त्योहारों पर लेपन आदि करने की विशिष्ट लाल मिट्टी पहुँचाती थी, और यह मिट्टी सभी की अनिवार्य आवश्यकता थी इसलिए माटी वाली तथा उसके कंटर को सब पहचानते थे।

प्रश्न 2.
माटी वाली के पास अपने अच्छे या बुरे भाग्य के बारे में ज्यादा सोचने का समय क्यों नहीं था?
उत्तर:
माटी वाली एक निम्न स्तरीय जीवन व्यतीत करने वाली गरीब श्रमिक महिला थी। उसे अपने गुजारे की चीजें जुटाने के लिए माटी बेचनी पड़ती थी। अतः गरीबी और श्रमशीलता के बीच उसे अपने भाग्य के विषय में सोचने का अवसर नहीं था।

प्रश्न 3.
‘भूख मीठी कि भोजन मीठा’ से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
इसका अभिप्राय यह है कि भोजन तभी मीठा लगता है, जब भूख लगी हो। बिना भूख के उत्तम भोजन भी नीरस तथा भूख लगी होने पर रूखा-सूखा भी स्वादिष्ट लगता है।

प्रश्न 4.
‘पुरखों की गाढ़ी कमाई से हासिल की गई चीजों को हराम के भाव बेचने को मेरा दिल गवाही नहीं देता।’-मालकिन के इस कथन के आलोक में विरासत के बारे में अपने विचार व्यक्त कीजिए।
उत्तर:
विरासत के रूप में मिली वस्तुएँ हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, इनका संरक्षण करके हम अपने अतीत और संस्कृति को संरक्षित कर सकते हैं। अतीत का संरक्षण वस्तुतः अपने व्यक्तित्व जन्य गौरव का संरक्षण है।

प्रश्न 5.
माटी वाली का रोटियों का इस तरह हिसाब लगाना उसकी किस मजबूरी को प्रकट करता है?
उत्तर:
रोटियों का हिसाब लगाना मार्टी वाली की गरीबी और आर्थिक कष्ट जैसी मजबूरी को प्रदर्शित करता

प्रश्न 6.
आज माटी वाली बूढ़े को कोरी रोटियाँ नहीं देगी-इस कथन के आधार पर माटी वाली के हृदय के भावों को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
माटी वाली का हृदय अपने बूढ़े पति के प्रति करुणा और रागात्मक अनुभूति से भरा था। चूँकि रोटियाँ उसे मिल गई थीं इसलिए केवल एक ही वस्तु की व्यवस्था करनी थी। अतः माटी वाली ने बूढ़े को केवल कोरी रोटियाँ न देने का निश्चय किया।

प्रश्न 7.
‘गरीब आदमी का शमशान नहीं उजड़ना चाहिए।’ इस कथन का आशय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
‘गरीब आदमी का शमशान नहीं उजड़ना चाहिए।’-माटीवाली के इस कथन से आम मजबूर गरीब-वर्ग की उस दयनीय स्थिति को उजागर किया है, जो पल-पल दो रोटी की आस में जीते और मरते हैं। जिनका घर के नाम पर उजड़ा हुआ-सा अशियाना होता है। ऐसी विजम स्थिति में भी यदि यह भी दिन जाए तो उस मनुष्य का जीना भी दूभर हो जाता है। अतः लेखक ने इन शब्दों के माध्यम से ऐसे वर्ग के लोगों के प्रति सहानुभूति रखी है कि वे घर नहीं जिस शमशान में रहते हैं, वह तो कम-से-कम उजड़ना नहीं चाहिए।

प्रश्न 8.
“विस्थापन की समस्या’ पर एक अनुच्छेद लिखिए।
उत्तर:
‘विस्थापन की समस्या’ आजादी के बाद की सबसे बड़ी समस्या बन कर उभरी है। आजादी के बाद अमीर और अमीर तथा गरीब और गरीब होते चला गया है। सर्वहारा वर्ग आर्थिक समस्या से निरंतर जूझ रहा है। दो रोटी को पाने के लिए वह निरंतर श्रम करता है। कपड़े के नाम पर उसके पास चीकड़े हैं और रहने के नाम पर फुट-पाथ, टूटे झोंपड़े, नदी के किनारे है। ऐसे में भी उनका सब कुछ छिन जाना, बिखर जाना आज की सबसे बड़ी समस्या है। बाढ़ आने, भूकंप आने, तूफान आने आदि से भी इस वर्ग को विस्थापन की पीड़ा भोगनी पड़ती है।

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